जालौर की है बावरी गैंग
पुलिस की पकड़ में आई गैंग जालोर की है। वजाराम पुत्र दुर्गाराम, पुरण पुत्र हीरा, मानाराम पुत्र हिराराम, प्रकाश उर्फ पकिया, सरगना मानाराम पुत्र हजाराम वागरी को गिरफ्तार किया गया।
पुलिस की पकड़ में आई गैंग जालोर की है। वजाराम पुत्र दुर्गाराम, पुरण पुत्र हीरा, मानाराम पुत्र हिराराम, प्रकाश उर्फ पकिया, सरगना मानाराम पुत्र हजाराम वागरी को गिरफ्तार किया गया।
कई राज्यों में की वारदातें पुलिस पूछताछ के दौरान सरगना मानाराम ने कई राज्यों में ठगी की वारदात करना कबूला है। गैंग ने गुजरात के दिशा, पालनपुर, सूरत, भुज, मुंबई और राजस्थान में जोधपुर, बालोतरा, उदयपुर के परसाद में वारदात करना कबूला है।
असली सोने के मोती दिखा ठगा
वारदात का तरीका भोले और लालच में जल्दी आने वाले लोगों को फंसाने से शुरू होता है। यह पहले दो-तीन सदस्य किसी होटल, ढाबे, रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन पर ग्रामीणों को बातचीत में उलझाते हैं। चाय-नाश्ते के साथ व्यवहार बनाकर भरोसे में लेते हैं। पहले दिन सोने-चांदी के एक-दो मोती और सिक्के दिखाते। भरोसा जीतने के लिए शिकार ग्राहक को ज्वेलर्स के पास जांच के लिए भेजते हैं। इसके बदले में राशि भी नहीं लेते। असली सोना की पुष्टी होने पर ग्राहक खुद ही गैंग को फोन करता। दूसरे दिन गैंग के बाकी सदस्य ग्राहक की निगरानी रखते। इसके बाद 500 ग्राम से लगाकर 2-3 किलो तक सोना-चांदी, 10 हजार से 2-3 लाख में सौदा कर रफुचक्कर हो जाते।
वारदात का तरीका भोले और लालच में जल्दी आने वाले लोगों को फंसाने से शुरू होता है। यह पहले दो-तीन सदस्य किसी होटल, ढाबे, रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन पर ग्रामीणों को बातचीत में उलझाते हैं। चाय-नाश्ते के साथ व्यवहार बनाकर भरोसे में लेते हैं। पहले दिन सोने-चांदी के एक-दो मोती और सिक्के दिखाते। भरोसा जीतने के लिए शिकार ग्राहक को ज्वेलर्स के पास जांच के लिए भेजते हैं। इसके बदले में राशि भी नहीं लेते। असली सोना की पुष्टी होने पर ग्राहक खुद ही गैंग को फोन करता। दूसरे दिन गैंग के बाकी सदस्य ग्राहक की निगरानी रखते। इसके बाद 500 ग्राम से लगाकर 2-3 किलो तक सोना-चांदी, 10 हजार से 2-3 लाख में सौदा कर रफुचक्कर हो जाते।
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इस टीम ने पकड़ी गैंग वारदात का खुलासा करने में सराड़ा वृताधिकारी मोटाराम गोदारा, परसाद थानाधिकारी देवेन्द्र सिंह राठौड़, कानिस्टेबल मांगीलाल, अमिनलाल, अशोककुमार, राजकुमार, चन्दूलाल, ईश्वरचन्द, सराड़ा थानाधिकारी रतनसिंह, साइबर सेल प्रभारी गजराज, लोकेश रायकवाल की भूमिका रही।
इस टीम ने पकड़ी गैंग वारदात का खुलासा करने में सराड़ा वृताधिकारी मोटाराम गोदारा, परसाद थानाधिकारी देवेन्द्र सिंह राठौड़, कानिस्टेबल मांगीलाल, अमिनलाल, अशोककुमार, राजकुमार, चन्दूलाल, ईश्वरचन्द, सराड़ा थानाधिकारी रतनसिंह, साइबर सेल प्रभारी गजराज, लोकेश रायकवाल की भूमिका रही।