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जनता बोली : लेकसिटी के कंठों पर क्रूज के प्रदूषण की धार मंजूर नहीं

locationउदयपुरPublished: Feb 12, 2020 09:37:50 am

Submitted by:

Mukesh Hingar

पिछोला झील में क्रूज का विरोध बढ़ा

पिछोला झील

पिछोला झील

मुकेश हिंगड़ / उदयपुर. पानी से घिरा है हमारा शहर। झीलों की वजह से पर्यटक यहां आते है लेकिन उसका मतलब यह तो नहीं कि हम इन झीलों को ही खत्म कर दे या प्रदूषित कर दें। पिछोला व फतहसागर झीलें उदयपुर की पेयजल आपूर्ति का मुख्य आधार हैं। उदयपुर के नागरिक जलजनित व प्रदूषक तत्वों से होने वाली बीमारियों से बचे रहे इसके लिए झीलों की जल गुणवत्ता अच्छी बनाए रखना बहुत जरूरी है। यह बातें उदयपुर के नागरिकों की कहनी है। पर्यावरण व झीलों के प्रति चिंतित लोग बोले कि पर्यटन विकास के नाम पर पेयजल, जिस पर हमारा स्वास्थ्य निर्भर करता है, उसी को खराब करने पर आमादा है। झील से जुड़े डा. अनिल मेहता के अनुसार दुनियां भर का अनुभव है कि क्रूज से जल की गुणवत्ता खराब होती है। पेट्रोल-डीजल चालित इन जहाजनुमा नावों से पानी में यह ईंधन तथा निकलने वाली जहरीली गैसों के बारीक कण पानी मे मिल उसमे विषैलापन बना देते हैं। उन्होंने कहा कि यह असंभव है कि सैकड़ों लोग सुबह से शाम व रात तक इन क्रूज में घूमे और किसी तरह का प्रदूषण नही हो। वे कहते है कि जितनी ज्यादा मानव गतिविधि झील की सतह पर होगी, उतना ही प्रदूषण बढ़ेगा। पानी की गुणवत्ता खराब होगी। क्रूज को लेकर शहरवासियों में गुस्सा है। प्रस्तुत है शहर के नागरिकों के विचार-

भविष्य की चिंता करनी होगी
पिछोला झील में क्रूज नहीं चलना चाहिए। झील का क्षेत्रफल कम है और वहां वैसे भी नावें बहुत चल रही है। क्रूज का जीव-जंतुओं व पक्षियों के जीवन पर बड़ा प्रभाव पड़ेगा। इन झीलों से शहर की प्यास बुझती है और अगर यहां ऐसी गतिविधियां बढ़ती है तो हम उदयपुरवासियों को भविष्य के बारे भी चिन्तित होना चहिए।
– एन.पी.एस. राठौड़

कमाई का जरिया हो सकता संरक्षण का नहीं
क्रूज कमाई का जरिया हो सकता है लेकिन झीलों के संरक्षण का नहीं। पिछोला झील हमारी पवित्र धरोहर है। झील में या झील किनारे साल भर गणगौर, झलझुलन, एकादशी, कार्तिक पूर्णिमा, दीपदान सहित कई आयोजन होते है। अगर वहां क्रूज चलेगा तो झील प्रदूषित होगी और फिर झील पवित्र कैसे रहेगी। यहीं नहीं पिछोला पेयजल का प्रमुख स्रोत भी है। पानी प्रदूषित हुआ तो बीमारियां पनपेगी। इसके अलावा झील इतनी गहरी भी नहीं है कि क्रूज चलाया जा सके, इस पर विचार करना होगा।
– शैलेन्द्र टेलर, गणेश नगर

प्रदूषण रहित होना जरूरी
यह पर्यटकों को आकर्षित करेगा लेकिन नगर निगम को यह सुनिश्चित करना होगा अवैध नाव संचालन नहीं हो तथा प्रदूषण रहित नाव का संचालन होना चाहिए ताकि झीलें भी संरक्षित रहे।
– अलका शर्मा, चेयरपर्सन, सीपीएस एंड रॉकवुड स्कूल

नियम तो बना दिए पालना कैसे होगी
यह जरूरी है कि झील के पानी की गुणवत्ता एवं उसमें रहने वाली मछलियों, जीवों को किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचेगा। इसकी पालना कैसी होगी। इस के लिए सरकार को नियमों के साथ अनुमति देनी चाहिए और उनकी पालना सख्ती से करवानी होगी। क्रूज के लिए विशेष मापदंडों की पालना करनी चाहिए और यह भी सुनिश्चित होना चाहिए की कहीं यह क्रूज आम आदमी की पहुंच से दूर न हो।
– दीपक सुखाडिय़ा, दुर्गानर्सरी रोड

झील में पहले ही सीवरेज, अब प्रदूषण
क्रूज हर हाल में नहीं चलना चाहिए। सुविधाएं तो बढ़ेगी लेकिन झील बर्बाद होगी। झील में पहले से ही सीवरेज व गंदा पानी है और ऊपर से क्रूज का प्रदूषण होगा। क्रूज दौड़ा तो उसके बाद कोई देखने वाला नहीं होगा।
– सुनील जैन, हिरणमगरी सेक्टर 5

जीव-जंतुओं को होगा बड़ा नुकसान
क्रूज को चलाने की स्वीकृति पर फिर से विचार करना चाहिए। क्रूज के साथ ही झीलों के प्रदूषित होने का क्रम शुरू हो जाएगा। पानी में रहने वाले जीवों पर भी बड़ा असर होगा। शिकार के भय से वे अपनी जल क्रीडा निसंकोच भाव से नहीं कर पाएंगे। पानी में जहां गंदगी होगी, इससे उनके भोजन पर भी असर आएगा। क्रूज की सवारी करने वाले झील में गन्दगी भी डालेंगे।
– नंदलाल अग्रवाल, बाहुबली कालोनी

झील खत्म मत कीजिए
क्रूज का संचालन किसी भी सूरत में नहीं होना चाहिए। झील ही उदयपुर शहर की प्यास बुझाने की लाइफलाइन बनी हुई है ऐसे में इसको खराब करना किसी भी सूरत में उचित नहीं होगा। पर्यटकों को आकर्षित करना चाहिए लेकिन उसके लिए झील को थोड़े खत्म कर सकते है। हमे झील के संरक्षण एवं उसके परिस्थितिक तंत्र पर ध्यान देना होगा।
– नरेन्द्र सिंह शेखावत, नाकोड़ा नगर

सख्त नियम कायदें हो
झीलों में क्रूज चलाया भी जाए तो उसके लिए सख्त नियम कायदे होने चाहिए। इनका व्यवसायिक प्रायोजन के लिए उपयोग किया जाता है लेकिन पूरे नियम कायदों के अनुरूप हो।
– संदीप सिंघवी
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