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बिना पिन और एटीएम कार्ड का उपयोग किए साइबर अपराधी कर रहे ठगी

locationउदयपुरPublished: Oct 31, 2020 01:30:18 pm

Submitted by:

madhulika singh

अब बिना ओटीपी और पिन नंबर पूछे खातों में लगा रहे सेंध, उदयपुर में बढ़े मामले

तकनीक बनी मुसीबत: न OTP आया और न ही मैसेज, दो लोगों के खाते से चंद मिनटों में पार हो गए 13.50 लाख रुपए

तकनीक बनी मुसीबत: न OTP आया और न ही मैसेज, दो लोगों के खाते से चंद मिनटों में पार हो गए 13.50 लाख रुपए

केस 1- बंबोरा के आछट गांव के युवक के बैंक खाते से 1 दिन में 10 हजार 500 रुपए निकल गए, जबकि एटीएम कार्ड व पिन नंबर उसने किसी को नहीं दिए। जिस दिन खाते से राशि निकली तब भी उसने एटीएम का प्रयोग भी नहीं किया।
केस 2 – सवीना निवासी मो. आरिफ के खाते से 39 हजार निकाल लिए गए। जब उनके फोन पर मैसेज आया तब उनके होश उड़ गए क्योंकि उन्होंने एटीएम का प्रयोग ही नहीं किया और ना ही किसी को पिन संबंधी जानकारी दी। इस संबंध में उन्होंने सवीना थाने में रिपोर्ट दी।

केस 3 – शकील मोहम्मद के खाते से भी ठगों ने 39 हजार निकाल लिए गए, जिसका मैसेज उन्हें रात 12 बजे मोबाइल पर आया। ये मैसेज देखते ही उनकी नींद उड़ गई। इस संबंध में उन्होंने गोवर्धन विलास थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई।
उदयपुर. अब तक तो एटीएम कार्ड की क्लोनिंग से या फिर फोन पर बैंक के नाम से फर्जी कॉल कर पिन और ओटीपी पूछ कर लोगों के खातों में सेंध लगाई जा रही थी, लेकिन अब बिना एटीएम कार्ड और ओटीपी के ही खातों से राशि चुराई जा रही है। वहीं, लोग भी इससे हैरान हैं कि ना तो किसी को एटीएम कार्ड दिया और ना ही फोन पर किसी को ओटीपी बताई फिर खाते से पैसे कैसे निकल गए। उदयपुर में इस तरह की वारदातें अब बढऩे लगी हैं जिससे लोग अपनी मेहनत की कमाई से हाथ धो रहे हैंं।

वाई-फाई डिवाइस से कर रहे ठगी
साइबर एक्सपर्ट श्याम चन्देल के अनुसार, इन दिनों बिना ओटीपी से खातों से पैसे उड़ाने के मामले बढऩे लगे हैं। इसी सप्ताह 4 से 5 केस उनके पास आए हैं। दरअसल, किसी भी एटीएम मशीन, रेस्तरां या ऐसे स्थानों पर जहां अक्सर लोग कार्ड से कैश निकालने आते हैं या फिर पेमेंट करते हैं, उन स्थानों पर अपराधी नजर रखते हैं। वे अपने पास वाई-फाई स्किमर डिवाइस रखते हैं। इसमें ऐसा खास सॉफ्टवेयर होता है जो किसी भी एटीएम टर्मिनल या दुकानों पर लगीं पीओएस मशीनों से कनेक्ट हो जाता है। इससे अपराधी किसी एटीएम से 10 से 15 मीटर दूर खड़े हो जाते हैं। इसके बाद डिवाइस को अपने लैपटॉप से कनेक्ट कर देते हैं। अब जैसे ही एटीएम बूथ में गया कोई व्यक्ति अपने कार्ड से पैसे निकालता है तो ये डिवाइस एटीएम कार्ड के सभी डेटा के साथ पिन नंबर की भी डिटेल चुरा लेती है। ये डेटा डिवाइस की मेमोरी में स्टोर हो जाता है। जिसके जरिए कार्ड की क्लोनिंग कर अपराधी कभी भी आपके बैंक खाते से पैसे निकाल लेते हैं। इससे पहले जो मार्केट में स्किमर डिवाइस थी उसमें एटीएम कार्ड को फिजिकली स्वाइप करने की जरूरत पड़ती थी, लेकिन अब इस वाई-फाई डिवाइस से कार्ड को फिजिकली बिना स्वाइप किए ही डेटा चुराकर उससे ठगी की जा रही है।

इन बातों का रखें ध्यान

– वाई-फाई स्किमर डिवाइस के आने से कहीं भी ठगी हो सकती है, इसलिए डेबिट कार्ड के इस्तेमाल से बचें।
– कार्ड के बजाय स्कैन कोड के जरिए ऑनलाइन पेमेंट करें जिससे आपका डेटा चोरी नहीं होगा।
– अपने एटीएम कार्ड या क्रेडिट कार्ड का पासवर्ड समय-समय पर बदलते रहें। ऐसे खतरा कम होगा।
– अपने एटीएम कार्ड को लेदर या ब्लोकिंग पॉकेट के अन्दर रखना चाहिए और एक्स्पोसर को रोकने के लिए आरएफ आईडी (रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन) के पॉकेट में रखें।
– एसबीआई के योनो एप में एटीएम को ऑन-ऑफ करने की भी सुविधा होती है। ऐसे में आप इसे जब उपयोग में लें तब ही इसे ऑन रखें, बाकी इसे बंद कर रख सकते हैं। इससे आपका खाता अधिक सुरक्षित रह सकेगा।
– बैंकों को भी अपने स्तर पर अपने-अपने एटीएम की जांच करते रहना चाहिए ताकि कोई क्लोनिंग डिवाइस या कोई और डिवाइस लगाया गया हो तो उसका पता लग सके।
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