लिंक्स और एप्स से फं सा रहे
साइबर मामलों के जानकारों के अनुसार, ठग लोगों को ऐसे लिंक्स भेजते हैं जो लोगों को आगे से आगे फॉरवर्ड करने होते हैं। ये लिंक किसी अननोन साइट का होता है जिसमें पहले रजिस्टे्रशन कराना होता है। इसमें कुछ मामूली रकम 300 या 500 रुपए रखकर खाता खालना होता है। इसके बाद आपको ये लिंक अधिक से अधिक लोगों को भेजना होता है। इसके आधार पर आपके खाते में राशि जुड़ती जाती है। थोड़ी राशि जोडकऱ ये आपको और अधिक राशि आपको डालने को बोलते हैं ताकि और अधिक पैसे आप कमा सकें, यदि आप अधिक राशि जोड़ देते हैं तब से ही लिंक ओपन होना बंद हो जाता है और वो अकाउंट काम ही नहीं करता है। ऐसे में लोग खुद को ठगा महसूस करते हैं। इस संबंध में वो कुछ कर भी नहीं पाते क्योंकि वो लिंक ओपन ही नहीं हो पाता। इसी तरह ऐसे कई अर्निंग एप्स आ गए हैं जिनके माध्यमस से महिलाओं व लड़कियों को अधिक से अधिक जोड़ा जाता है। उन्हें थोड़े समय व थोड़े खर्च में अधिक कमाई का लालच दिया जाता है।
साइबर सेल ने भी चेताया केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय के साइबर सेल की ओर से भी लोगों को इस संबंध में चेतावनी भी दी गई है। सोशल मीडिया हैंडल पर ऑनलाइन अर्निंग एप के बारे में जानकारी देते हुए बताया गया है कि कोरोना महामारी के दौरान साइबर अपराधी आकर्षक ऑफर का वादा कर के ऑनलाइन कमाई करने वाले एप द्वारा मासूम अनभिज्ञ लोगों को ठग रहे हैं। ऐसे में इन संदेहास्पद एप्स में निवेश करने से बचें।
वेरिफाइड लिंक का करें इस्तेमाल अगर आपने ध्यान दिया होगा तो आपको ज्ञात होगा कि जैसे ही आप किसी पेज को मोबाइल में खोलते हैं, तो उस पेज पर कई सारे लिंक दिखाई देने लगते हैं। ऐसे में उस अज्ञात लिंक पर क्लिक करने के बाद पेज एकदम से ब्लैंक हो जाती है। इससे मोबाइल से डाटा चोरी और हैक होने का खरता अधिक बढ़ जाता है। ऐसा कई बार देखा गया है कि इन अज्ञात लिंक पर लुभावने ऑफर्स को देखकर लोग क्लिक कर देते हैं और बाद में मालूम चलता है कि मोबाइल हैक हो चुका है। इसलिए हमेशा वेरीफाइड लिंक को ही खोलें। अननोन लिंक्स को नहीं खोलें।
श्याम चंदेल, साइबर एक्सपर्ट