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जिले में नौ ‘खूनी’ सडक़ें, किसी विभाग को इनकी परवाह नहीं, सर्वे के बावजूद नहीं सुधरे ब्लैक स्पॉट्स

locationउदयपुरPublished: Apr 25, 2018 04:52:31 pm

Submitted by:

madhulika singh

उदयपुर . जिले में नौ सडक़ों के 5 से 10 किलो मीटर के हिस्सों को ‘खूनी’ साबित हो रहे हैं।

damage roads in udaipur
मोहम्मद इलियास / उदयपुर . लगातार बढ़ते सडक़ हादसों के मद्देनजर राज्य सरकार के आदेश पर संयुक्त टीम गठित की गई, जिसने पूरे जिले का निरीक्षण कर ब्लैक स्पॉट्स (दुर्घटना संभावित क्षेत्र) चिह्नित किए।
इनको दुरुस्त कर संबंधित एजेन्सी को रोड ऑडिट करवानी थी लेकिन एक भी एजेन्सी ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। जिले में नौ सडक़ों के 5 से 10 किलो मीटर के हिस्सों को ‘खूनी’ साबित हो रहे हैं।

जिले में ये हैं ब्लैक स्पॉट्स
उदयपुर शहर में पीपी सिंगल मार्ग पर राडाजी चौराहा, फतहपुरा से बडग़ांव, फतहपुरा से आरके चौराहा, दूधिया गणेशजी से मल्लातलाई
राष्ट्रीय राजमार्ग 76 पर पावर हाउस चौराहा, जिंक स्मेल्टर चौराहा, पुराना आरटीओ, प्रतापनगर चौराहा वल्लभनगर में डबोक, दरोली, फादर स्कूल तुलसीदासजी की सराय, भमरासिया, भूतपुरा, कीर की चौकी, हेमसागर की पाल, परमात्मा मोटर्स रोड, मावली, नाहरमगरा, नांदवेल, सनवाड़ चौराहा से फतहनगर नगर पालिका तक राष्ट्रीय राजमार्ग 8 पर एकलिंगपुरा, बलीचा तिराहा, काया मोड, खरपीणा मोड़, जोगी तालाब कट, बारापाल गांव, टीडी की नाल, टीडी बस स्टैण्ड, बड़ला राजमार्ग 32 पर केवड़ा, ओड़ा, डाया बांध, पलोदड़ा, जरियाणा, सलूम्बर के दूदर, लकापा, करगेटा, बस्सी घाटी, गावड़ाघाटी, गरड़ा से जैताणा, झल्लारा के धरियावड तिराहा व सरणी नदी पुलिया तक बेकरिया थाना क्षेत्र में देवला, बेकरिया, पिलका, टांकरी घाटी, झाड़ोल के सोमघाटा व रण घाटी, (स्पीड ब्रेकर एवं लिमिट स्पीड का संकेतक नहीं )
5 से 10 किलोमीटर तक की खूनी सडक़ें
झामेश्वर पहाड़ी से इसवाल तक
गोवर्धनविलास से नेला, बारापाल तक
ऋषभदेव में कानूवाड़ा मोड़ से कागदर तक
खेरवाड़ा में खांडी ओबरी से बंजारिया तक
सलूम्बर के गरड़ा से जैताणा तक
लसाडिय़ा में बेड़ा छोटा मोड से मायदा घाटे तक
सुखेर के अमर मार्बल मोड
प्रतापनगर के पावर हाउस चौराहे
हिरणमगरी के एकलिंग चौराहा
राज्य सरकार की ओर से गठित संयुक्त टीम ने सर्वे किया। दुर्घटना संभावित जोन व ब्लैक स्पॉट्स चिह्नित किए। इन सभी को ठीक करवाने का काम संबंधित सडक़ की देखरेख की एजेन्सी को करना था। कुछ विभागों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया।
डॉ.मन्नालाल रावत, प्रादेशिक परिवहन अधिकारी

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