जल संकट के चलते लोगों को अलसुबह एक किलोमीटर दूर से पानी लेकर आना पड़ता है। ग्रामीणों ने पाइप लाइन के क्षतिग्रस्त होने की शिकायत कई बार पीएचईडी से की, लेकिन अधिकारी इसे गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। वर्ष 2003 में विधायक मद से बाघपुरा में जनता जल योजना स्वीकृत हुई थी। ठेकेदार ने लोहे के बजाय सीमेन्ट की पाइप लाइन डाल दी जो अब कई जगहों पर क्षतिग्रस्त होकर रिस रही है। ग्रामीण नई पाइप लाइन लगवाने की मांग कर रहे हैं। ग्राम पंचायत ने कई बार पाइप लाइन दुरुस्त करवाई लेकिन कुछ दिनों के बाद यह फिर क्षतिग्रस्त हो जाती है। अब तो पंचायत ने बजट का अभाव बताकर पाइप लाइन की मरम्मत में असमर्थता जता दी है।
सर्दी में ही गहराया जल संकट टूटी पाइप लाइन में नाली का गंदा पानी मिल रहा है और नलों से यह पानी घरों में पहुंच रहा है। शुद्ध पानी की आपूर्ति नहीं होने से लोगों को हैंडपंपों एवं वार्ड में लगे पनघट पर निर्भर रहना पड़ रहा है। पीएचईडी की लापरवाही से ग्रामीण सर्दी के मौसम में ही जल संकट का सामना करना पड़ रहा है।
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जनता जल योजना की पाइप लाइन को दुरुस्त करते-करते पंचायत थक गई है और करीब दो से तीन लाख रुपए खर्चेने के बावजूद कोई समाधान नहीं निकल रहा है। विभाग ने सर्वे कर 60 लाख रुपए का एस्टीमेंट बनाकर भेजा है लेकिन यह अब ठंडे बस्ते में चला गया है।
निर्मल दर्जी, उप सरपंच, ग्राम पंचायत बाघपुरा राज्य सरकार को 60 लाख रुपए का एस्टीमेन्ट बनाकर भेजा है जिसकी जानकारी रात्रि चौपाल में जिला कलक्टर को दी थी। स्वीकृति मिलते ही प्राथमिकता से कार्य करवाया जाएगा।
सुबोध कुमार, सहायक अभियता, पीएचईडी झाड़ोल
सुबोध कुमार, सहायक अभियता, पीएचईडी झाड़ोल