– प्रदेशभर में विरोध-प्रदर्शन
हादसों के बाद प्रदेशभर में हर साल बड़े पैमाने पर ग्रामीण और शहरी इलाकों में विरोध, धरना-प्रदर्शन होते हैं, लेकिन मौके पर जमा लोगों को भरोसा दिलाकर व समझाइश कर हटा दिया जाता है। जिम्मेदार अधिकारी मौके की नजाकत देखते हुए कोरा आश्वासन देकर चले जाते हैं, बाद में कुछ नहीं होता। विधायक-सांसद भी लोकसभा व विधानसभा तक में बीसियों बार ब्लैक स्पॉट खत्म करने या कम करने को लेकर चर्चा व सरकार से मांग कर चुके हैं।
हादसों के बाद प्रदेशभर में हर साल बड़े पैमाने पर ग्रामीण और शहरी इलाकों में विरोध, धरना-प्रदर्शन होते हैं, लेकिन मौके पर जमा लोगों को भरोसा दिलाकर व समझाइश कर हटा दिया जाता है। जिम्मेदार अधिकारी मौके की नजाकत देखते हुए कोरा आश्वासन देकर चले जाते हैं, बाद में कुछ नहीं होता। विधायक-सांसद भी लोकसभा व विधानसभा तक में बीसियों बार ब्लैक स्पॉट खत्म करने या कम करने को लेकर चर्चा व सरकार से मांग कर चुके हैं।
– राजसमंद में भी हालात खराब
राजसमंद जिले से गुजरते दो फोरलेन पर खामियां छोडऩे से यहां 36 से ज्यादा ब्लैक स्पॉट हैं। इनमें भी उदयपुर-गोमती फोरलेन तथा गोमती-ब्यावर नेशनल हाइवे पर बेतहाशा हादसों में सैकड़ों जानें जा चुकी हैं। भीलवाड़ा-राजसमंद फोरलेन पर भी रोजाना मौतें हो रही हैं। बांसवाड़ा में सबसे कम 6, उदयपुर में 44, चित्तौडग़ढ़ में 18, प्रतापगढ़ में शून्य व डूंगरपुर में 16 ब्लैक स्पॉट हैं।
राजसमंद जिले से गुजरते दो फोरलेन पर खामियां छोडऩे से यहां 36 से ज्यादा ब्लैक स्पॉट हैं। इनमें भी उदयपुर-गोमती फोरलेन तथा गोमती-ब्यावर नेशनल हाइवे पर बेतहाशा हादसों में सैकड़ों जानें जा चुकी हैं। भीलवाड़ा-राजसमंद फोरलेन पर भी रोजाना मौतें हो रही हैं। बांसवाड़ा में सबसे कम 6, उदयपुर में 44, चित्तौडग़ढ़ में 18, प्रतापगढ़ में शून्य व डूंगरपुर में 16 ब्लैक स्पॉट हैं।
– बनने के बाद हो रही ऑडिट पर सवाल
सड़क सुरक्षा के जानकार वीरेन्द्र सिंह राठौड़ बताते हैं कि सड़कें बनने के बाद स्वतंत्र एजेंसियों से सड़क निर्माण से पहले, निर्माण के दौरान और कार्य समाप्ति के बाद सुरक्षा के मद्देनजर विभिन्न मानकों पर ऑडिट करने का प्रावधान है। ऑडिट में सामने आने वाली खामियों को दूर करना बेहद जरूरी है।
सड़क सुरक्षा के जानकार वीरेन्द्र सिंह राठौड़ बताते हैं कि सड़कें बनने के बाद स्वतंत्र एजेंसियों से सड़क निर्माण से पहले, निर्माण के दौरान और कार्य समाप्ति के बाद सुरक्षा के मद्देनजर विभिन्न मानकों पर ऑडिट करने का प्रावधान है। ऑडिट में सामने आने वाली खामियों को दूर करना बेहद जरूरी है।
सम्भाग नेशनल हाइवे स्टेट हाइवे अन्य
जयपुर 170 88 22 बीकानेर 14 8 6
भरतपुर 44 30 3 जोधपुर 112 13 21
उदयपुर 98 13 9 कोटा 40 18 3
कुल 552 187 66
जयपुर 170 88 22 बीकानेर 14 8 6
भरतपुर 44 30 3 जोधपुर 112 13 21
उदयपुर 98 13 9 कोटा 40 18 3
कुल 552 187 66