विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, निपाह वायरस एक नया उभरता हुआ जूनोसिस है जो जानवरों और मनुष्यों दोनों में गंभीर बीमारी का कारण बनता है। यह वायरस पहली बार 1998 में मलेशिया और सिंगापुर में सामने आया। तब यह मुख्य रूप से सूअरों में होता था और उनके माध्यम से मनुष्यों में पहुंचा। तब निपाह वायरस ने 265 लोगों को संक्रमित किया, जिनमें से 40 प्रतिशत गंभीर रूप से संक्रमितों को गहन देखभाल में रखा गया था। डब्ल्यूएचओ के अनुसार वायरस का प्राकृतिक मेजबान पटरोपोडिडे परिवार, पतरोपस जीनस के फल खाने वाले चमगादड़ हैं।
—– रोकथाम और इलाज अभी तक, निपाह वायरस के इलाज के लिए कोई विशेष टीका उपलब्ध नहीं है। इस वायरस का इलाज करने का एकमात्र तरीका गहन चिकित्सकीय देखभाल है।
—– वो चमगादड़ अलग प्रजाति के हैं, जिससे निपाह वायरस फैला है, हालांकि इसे लेकर हमने अपनी बैठक में सभी चिकित्सकों को आगाह कर दिया है। इस पर पूरी चर्चा हो चुकी है। फिलहाल उदयपुर में इस तरह का कोई खतरा नहीं है।
डॉ डीपी सिंह, प्राचार्य आरएनटी मेडिकल कॉलेज उदयपुर