मृतक रमेश के पिता लोगर मीणा ने होटल मालिक पर हत्या का आरोप व साथी कर्मचारियों के संलिप्तता बताते हुए कार्रवाई की मांग की। पुलिस को दी रिपोर्ट में बताया कि १५ अप्रेल को पुत्र से बात हुई थी जिसने स्वस्थ होने की बात कही थी।
जहां कानोड़ पुलिस, डूंगला पुलिस पर जिम्मेंदारी बताती रही, वहीं प्रात: से थानाधिकारी संग्राम सिंह, एएसआई रामलाल सहित आधे थाने का जाब्ता चिकित्सालय में मौजूद रहकर चिकित्सकों से कोरोना संक्रमण की आंशका वाले मृतक की बॉडी को पैक करवाने को कहते रहे, लेकिन कोई कर्मचारी बॉडी के पास जाने को तैयार नहीं था। खुद पुलिस ने बॉडी को पैक करने के लिए चिकित्सालय कर्मचारियों को प्लास्टिक उपलब्ध करवाई। थानाधिकारी संग्राम सिंह ने बताया कि कर्मचारियों को दो हजार रुपए देकर बॉडी पैक करवानी पड़ी। थानाधिकारी संग्राम सिंह ने बताया कि चिकित्सालय द्वारा समय पर बॉडी दे दी जाती तो कोरोना जांच के बाद पोस्टमार्टम की प्रक्रिया शुरू कर दी जाती। बॉडी को उदयपुर कोविड जांच के लिए ले जाने व रात भर बॉडी के मोर्चरी में खुले में पड़ी रहने से संक्रमण का खतरा भी बढ़ा हुआ है। हालांकी चिकित्सालय प्रशासन ने पूरी मोर्चरी को सेनेटाइज करवाया है।
शनिवार को उदयपुर उमरड़ा के पास स्थित बाइसा राज होटल पर काम करने वाला रमेश पुत्र लोगर मीणा निवासी पतलावतों का साथ बीते तीन दिनों से बीमार चल रहा था। जिस पर होटल संचालक ने अन्य कर्मचारियों के साथ उसे कानोड़ के पास पतलावतों का साथ गांव भेज दिया लेकिन बीच राह युवक की तबीयत बिगड़ गई, उसके अचेत हो जाने से साथी युवक भी डर गए और उसको गांव तक पहुंचाने के लिए कानोड़ के आस-पास भटकते रहे। इस बीच उसकी मौत हो गई, जिसे कानोड़ से भीण्डर की ओर लेकर जाते समय बड़वाई के पास बाइक में पेट्रोल खत्म हो जाने पर पता चला। वहां मौजूद लोगों ने जब बेसुध युवक को बाइक पर देखा तो उसे १०८ एम्बुलेंस से कानोड़ चिकित्सालय पहुंचाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।