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नहीं उठाया शव, मुआवजा राशि के लिए अड़े

locationउदयपुरPublished: Apr 19, 2021 06:16:25 pm

Submitted by:

surendra rao

-दो थानों के बीच दिन भर चली माथापच्ची-पोस्टमार्टम के लिए डूंगला पुलिस उदयपुर ले गई शव-मोटर साइकिल पर शव लेकर घूमने का मामला

Dead body not raised, adamant for compensation amount

नहीं उठाया शव, मुआवजा राशि के लिए अड़े

कानोड़. (उदयपुर).युवक की मौत को लेकर होटल मालिक पर लापरवाही व हत्या का आरोप लगाते हुए मृतक के परिजनों व ग्रामीणों ने रविवार को शव नहीं उठाते हुए होटल मालिक को मौके पर बुलाने व मुआवजा राशि दिलाने की मांग पर अड़े रहे। डूंगला थानाधिकारी संग्राम सिंह, कानोड़ सहायक थानाधिकारी कालू लाल ने ग्रामीणों से समझाइश का प्रयास किया लेकिन ग्रामीण नहीं माने। होटल मालिक के खिलाफ कार्यवाही की मांग की। घटना स्थल डूंगला थाना क्षेत्र का होने से दिन भर दो थानों के बीच ग्रामीण उलझे रहे। मृतक का पिता लोगर मीणा होटल संचालक के खिलाफ रिपोर्ट देने के लिए इधर से उधर भटकता रहा। जिसके बाद डूंगला पुलिस ने जिम्मेदारी लेते हुए कार्रवाई शुरू की। मृतक के परिजनों द्वारा हत्या का अंदेशा जताए जाने व लाश कोरोना पॉजीटिव होने के आशंका के चलते लाश को उदयपुर एमबी चिकित्सालय पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। जहां कोरोना जांच के बाद पोस्टमार्टम होगा। वहीं साथी युवकों की भी कोरोना जांच के लिए उदयपुर भेजा गया है। ग्रामीणों ने पुलिस पर भी होटल संचालक से मिलीभगत का आरोप लगाते हुए बताया कि होटल मालिक को पुलिस ने रात को ही बुलाकर सांठगांठ कर ली जिस कारण मालिक सामने नहीं आ रहा है।
पिता ने जताई हत्या की आशंका
मृतक रमेश के पिता लोगर मीणा ने होटल मालिक पर हत्या का आरोप व साथी कर्मचारियों के संलिप्तता बताते हुए कार्रवाई की मांग की। पुलिस को दी रिपोर्ट में बताया कि १५ अप्रेल को पुत्र से बात हुई थी जिसने स्वस्थ होने की बात कही थी।
दो हजार देने के बाद पैक हुआ शव
जहां कानोड़ पुलिस, डूंगला पुलिस पर जिम्मेंदारी बताती रही, वहीं प्रात: से थानाधिकारी संग्राम सिंह, एएसआई रामलाल सहित आधे थाने का जाब्ता चिकित्सालय में मौजूद रहकर चिकित्सकों से कोरोना संक्रमण की आंशका वाले मृतक की बॉडी को पैक करवाने को कहते रहे, लेकिन कोई कर्मचारी बॉडी के पास जाने को तैयार नहीं था। खुद पुलिस ने बॉडी को पैक करने के लिए चिकित्सालय कर्मचारियों को प्लास्टिक उपलब्ध करवाई। थानाधिकारी संग्राम सिंह ने बताया कि कर्मचारियों को दो हजार रुपए देकर बॉडी पैक करवानी पड़ी। थानाधिकारी संग्राम सिंह ने बताया कि चिकित्सालय द्वारा समय पर बॉडी दे दी जाती तो कोरोना जांच के बाद पोस्टमार्टम की प्रक्रिया शुरू कर दी जाती। बॉडी को उदयपुर कोविड जांच के लिए ले जाने व रात भर बॉडी के मोर्चरी में खुले में पड़ी रहने से संक्रमण का खतरा भी बढ़ा हुआ है। हालांकी चिकित्सालय प्रशासन ने पूरी मोर्चरी को सेनेटाइज करवाया है।
यह है पूरा मामला
शनिवार को उदयपुर उमरड़ा के पास स्थित बाइसा राज होटल पर काम करने वाला रमेश पुत्र लोगर मीणा निवासी पतलावतों का साथ बीते तीन दिनों से बीमार चल रहा था। जिस पर होटल संचालक ने अन्य कर्मचारियों के साथ उसे कानोड़ के पास पतलावतों का साथ गांव भेज दिया लेकिन बीच राह युवक की तबीयत बिगड़ गई, उसके अचेत हो जाने से साथी युवक भी डर गए और उसको गांव तक पहुंचाने के लिए कानोड़ के आस-पास भटकते रहे। इस बीच उसकी मौत हो गई, जिसे कानोड़ से भीण्डर की ओर लेकर जाते समय बड़वाई के पास बाइक में पेट्रोल खत्म हो जाने पर पता चला। वहां मौजूद लोगों ने जब बेसुध युवक को बाइक पर देखा तो उसे १०८ एम्बुलेंस से कानोड़ चिकित्सालय पहुंचाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
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