READ MORE : video : उदयपुर में चल रहे इस किसान मेले में धड़ल्लेे से बिकीं यौनवद़र्धक दवाएं…. जिम्मेदाराेें ने मूंदें रखीं आंखें हुआ यूं कि बांसवाड़ा निवासी आशीष (27) पुत्र संतकुमार दिवाकर उसके साथियों के साथ उदयपुर से बांसवाड़ा बाइक लेकर जा रहा था। मार्ग में जयसमंद क्षेत्र की होटल पर चाय-नाश्ते के लिए रुकने के दौरान आशीष मोबाइल पर बात करते हुए होटल की छत पर जा पहुंचा। इस दौरान 33 केवी लाइन से अनजान आशीष करंट की चपेट में आ गया। छत पर जोरदार धमाके के बाद अन्य साथी ऊपर पहुंचे तो आशीष झुलसा हुआ मिला। उसे गंभीर हालत में परिजन सलूम्बर चिकित्सालय लेकर पहुंचे। चिकित्सकों के अभाव में नर्सिंग स्टाफ ने युवक को उदयपुर के लिए रैफर कर दिया। एमबी हॉस्पिटल में चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित किया।
14 तक बैंक में देनी थी ज्वाइनिंग
जवान बेटे की मौत को लेकर कुशलबाग एसबीआई शाखा में सेवारत पिता संत कुमार के आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे थे। घर में सबसे बड़े पुत्र की अकाल मौत पर रोते हुए संतकुमार बार-बार उनके परिचितों के समक्ष दोहराते रहे कि उनके बेटे आशीष की नौकरी लग गई थी। लिखित और साक्षात्कार परीक्षा पास करने के बाद आशीष को 1 से 14 नवम्बर के बीच बैंक में बतौर कैशियर ज्वाइनिंग देने का बुलावा भी था, लेकिन उसकी किस्मत को कुछ ओर ही मंजूर था।
जवान बेटे की मौत को लेकर कुशलबाग एसबीआई शाखा में सेवारत पिता संत कुमार के आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे थे। घर में सबसे बड़े पुत्र की अकाल मौत पर रोते हुए संतकुमार बार-बार उनके परिचितों के समक्ष दोहराते रहे कि उनके बेटे आशीष की नौकरी लग गई थी। लिखित और साक्षात्कार परीक्षा पास करने के बाद आशीष को 1 से 14 नवम्बर के बीच बैंक में बतौर कैशियर ज्वाइनिंग देने का बुलावा भी था, लेकिन उसकी किस्मत को कुछ ओर ही मंजूर था।
वह यह कहते नहीं रुक रहे थे कि उनका बेटा कड़ी मेहनत कर इस मुकाम तक पहुंचा था। आशीष का छोटा भाई और भी रो-रोकर बुरा हाल था। देर शाम पोस्टमार्टम के बाद परिजन शव लेकर बांसवाड़ा को लौटे। इधर, घटना की जानकारी के बाद बांसवाड़ा स्थित आवास में मां बार-बार रोकर बेसुध होती रही। गौरतलब है कि नौकरी से पहले आशीष उदयपुर में परिचित के घर पर धार्मिक आयोजन में शामिल होने आया था।