29 मार्च 2023 को मासूम के साथ हुए इस कृत्य के बाद पुलिस ने आरोपी कमलेश उसके पिता रामसिंह व मां किशनकुंवर को गिरफ्तार किया था। अभियोजन पक्ष की ओर से सैयद हुसैन ने 43 गवाह, 172 दस्तावेज व 27 आर्टिकल पेश किए। आरोप सिद्ध होने पर पॉक्सो-2 न्यायालय के पीठासीन अधिकारी संजय भटनागर ने आरोपी कमलेश को धारा 376 (ए बी), 302 व पोक्सो की धारा 6 में मृत्युदंड व एक-एक लाख जुर्माने की सजा सुनाई व अन्य धाराओं में दोषी करार देते हुए सजा के साथ ही जुर्माना लगाया। रामसिंह व किशन कुंवर का साक्ष्य मिटाने का दोषी मानते हुए 4-4 साल कैद की सजा सुनाई। आरोपी के मां-बाप की तरफ से धारा 389 (3) सीआरपीसी के तहत प्रार्थना पत्र पेश किया गया। इस पर न्यायालय ने मां-बाप की अपील की अवधि 60 दिन तक के लिए सजा स्थगित कर दी। दोनों की तरफ से जमानत मुचलके पेश करने पर न्यायालय ने उन्हें रिहाई के आदेश दिए। साथ ही न्यायालय ने मृत्युदंड की पुष्टि के लिए पत्रावली व सम्पूर्ण दस्तावेज के साथ निर्णय की प्रति हाइकोर्ट में भिजवाने के आदेश दिए।
यह था पूरा घटनाक्रम घटना मार्च 2023 में मावली क्षेत्र के गांव में हुई थी। आरोपी 21 वर्षीय कमलेश राजपूत ने 8 साल की बच्ची को चॉकलेट देने के बहाने बुलाया। उसके साथ बलात्कार कर फिर हत्या कर दी। शव को ठिकाने लगाने के लिए उसके 10 टुकड़े किए और बोरे में भरकर घर से 200 मीटर दूर खंडहर में फेंक दिया। दिल दहला देने वाली इस घटना ने हर किसी को आहत कर दिया था। बच्ची के पिता ने 29 मार्च 2023 को गुमशुदगी की रिपोर्ट मावली थाने में दर्ज करवाई थी। रिपोर्ट में बताया था कि बेटी 4 बजे स्कूल से घर आई थी। वह ड्रेस बदलकर ताउजी के पास जाने की बात कहकर निकली थी। इसके बाद नहीं लौटी।
इस तरह खुली थी परतें बच्ची के अगले दिन भी नहीं मिलने पर हरकत में आई पुलिस ने डॉग स्क्वायड की मदद से तलाशी शुरू की। एक अप्रेल को खंडहर में मिले बोरे में बच्ची के शव के टुकड़े मिले थे। पुलिस ने तुरंत ही आरोपी कमलेश को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में सामने आया था कि आरोपी घर में अकेला था। वह मोबाइल पर पोर्न मूवी देख रहा था। इसी दौरान घर के बाहर से बच्ची निकल रही थी, जिसे चॉकलेट देने के बहाने रोका। उसे अंदर बुलाकर हरकतें करने लगा तो बच्ची चिल्लाई। आरोपी ने उसके मुंह में कपड़ा ठूंस दिया और गला दबा दिया।
माता-पिता ने किया था सहयोग चार्जशीट के लिखा गया कि कमलेश ने बाथरूम में पत्थर. छुरी से बच्ची के 10 टुकड़े किए, जिन्हें थैली में भरकर रख दिए। घर में दुर्गंध आई तो आरोपी के माता.पिता को अगले दिन घटना का पता चला। तीनों ने मिलकर शव को ठिकाने लगाने की योजना बनाई। रात 11 बजे कमलेश शव के टुकड़ों से भरी बोरी घर से 200 मीटर दूर खंडहर में फेंकने गया। इस दौरान उसके पिता घर के बाहर और मां खंडहर के पास खड़े रहे, ताकि किसी को भनक ना लगे। मामले में आईओ अजय सिंह राव व मेडिकल ज्यूरिष्ट डॉ. मनीष शर्मा व एफएसएल टीम ने आवश्यक साक्ष्य जुटाने व तफ्तीश में काफी मदद की।
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