——– यहां से धडल्ले से आ रहा मावा : शहर में घासा, मावली व वल्लभगर सहित भरतपुर, धौलपुर व बीकानेर से धडल्ले से मावा आ रहा है, लेकिन इसे पकडऩे वाला कोई नहीं है। ऐसे ही शहर में कुछ मिष्ठान भंडारों पर भी पुरानी मिठाई जमकर परोसी जा रही है। ना तो मसाले जांचे जा रहे हैं और ना ही अन्य खाद्य वस्तुएं। – दूध में मिलावट से रबड़ी में दवा जैसी गंध: शहर में कई दुकानों पर दूध में मिलावट खुलकर की जा रही है। ऐसे में रबड़ी में से दवा जैसी गंध खाने के समय आती रहती है, तो सूखे मेवे भी बेहतर क्वालिटी के नजर नहीं आ रहे। ——
वर्ष 2020- जनवरी से दिसम्बर तक शहर में जारी है मिलावट, संभलकर चलिए…कुल नमूने – 428सब स्टैडर्ड – 78मिस ब्रांडेड- 72अनसेफ- 28अन्य- 20 नमूने मिलावट केकुल फेल नमूनों की संख्या- 198 —– वर्ष 2021 में जनवरी से अब तककुल नमूने- 311सब स्टैंडर्ड- 49मिस ब्रांड- 33अनसेफ- 14अन्य नमूने- 24कुल फेल नमूने- 120
———— राज्य सरकार द्वारा 14 अक्टूबर से चलाए जा रहे शुद्ध के लिए युद्ध अभियान दिवाली विशेष पर सीएमएचओ की ओर से जरूरी उपकरण व केमिकल पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध करवाए गए हैं। प्रयोगशाला पूरी तरह तैयार है। डॉ रवि सेठी, खाद्य विश्लेषण अधिकारी प्रभारी खाद्य प्रयोगशाला
———– गृहणियां व कामकाजी महिलाएं बोली … – सरकारों को समय- समय पर त्योहारी माहौल में मिलावट रोकने के लिए प्रभावी जाँच का अभियान चलाना चाहिए और ग्राहकों को भी त्योहारों के समय सतर्कता बरतनी चाइये तो ही मिलावटखोरी रोकी जा सकती हैं।वन्दना शर्मा, शोभागपुरा
—— मिलावट को रोकने के लिए सतत् अभियान चलना चाहिए। एक तो मौसम की मार और ऊपर से खाद्य सामग्री में मिलावट तो आम लोगों के लिए बड़ी परेशानी हो सकती है। इसके लिए बेहद गंभीर होने की जरूरत है। भावना डागरिया, हिरणमगरी सेक्टर 14
——— रेंडम सेम्पलिंग बढ़ानी होगी, मिलावट के साथ कम तोलने की समस्या भी खूब है। विभागों को सामूहिक रूप से जांच करनी होगी, और जो भी मिलावट कर रहे हैं उन्हें कानूनन दंड मिले तो ये सब रुक सकता है।
डॉ राजकुमारी अहीर, दुर्गा नर्सरी रोड ——- मिलावट को रोकने के लिए नियमित जांच होनी चाहिए। लोगो को जागरूक करना चाहिए। दूध घी की समय-समय पर जांच हो, जो चल लैब करें, साथ ही किसी भी क्षेत्र में कभी भी लैब पहुंचकर जांच करे तो सच्चाई सामने आएगी। सीमा पंड्या, वीआईपी कॉलोनी
—— बेहतर स्वास्थ्य के लिए सरकारों का फ ोकस है, लेकिन मिलावट को रोकने के लिए त्योहार ही नहीं नियमित इस पर काम करने की जरूरत है। आज खाद्य सामग्री में मिलावट से स्वास्थ्य पर कितना प्रभाव हो रहा है , यह सबके सामने है। इसलिए इस पर सतत निगरानी करनी चाहिए।
अंजलि जैन, गृहणी केशवनगर —— लोग अपने स्वार्थ के लिए मिलावटी मिठाइयों का व्यापार करते हैं। सरकार को समय रहते ही कार्रवाई प्रारंभ कर देनी चाहिए। दीपावली में अभी 20 दिन बाकी है, यदि अभी से ही कार्रवाई सही ढंग से कर मिलावट को रोक दिया जाए तो हो सकता है कोरोना के जैसी ही गंभीर बीमारियों से बचा जा सकता है। यदि अभी सरकार सचेत ना हुई तो फि र कोई और बीमारी जन्म ले लेगी। मिठाइयों में नकली दूध मिलाकर लोगों के स्वास्थ्य के साथ खेला जाता है, ऐसे लोगों को दंड एवं जुर्माना देखकर अन्य सभी को सचेत किया जा सकता है।
डॉ शालू बिलोची, शक्तिनगर —— जिले में मैं अकेला ही एफएसओ हूं। जैसे ही हमें निर्देश मिले हैं, 14 अक्टूबर से अभियान शुरू होने पर कार्रवाई शुरू कर दी है, मावा तो विशेष तौर पर दीपावली के एक सप्ताह पहले ज्यादा आता है, तब धरपकड़ करेंगे।
अशोककुमार गुप्ता, खाद्य सुरक्षा अधिकारी