मेनार के तीन केंद्रों पर किसान खेतों से सीधे ट्रेक्टर ट्रॉली में कद्दू भकर भेज रहे हैं। एक बार में 20 से 25 क्विंटल कद्दू की आपूर्ति हो रही है। कद्दू मंडी में ले जाने के बजाय व्यापारियों की ओर से बनाए तोल केंद्रों पर पहुंच रहा है।
खास बात ये कि बंपर पैदावार के बाद भी कद्दू 5 से 9 रुपए प्रति किलो की दर से बिक रहा है। व्यापारियों का कहना है कि बरसात की कमी के कारण अन्य सब्जियों की पैदावार कम हुई है, इसी लिए कद्दू के सही दाम मिल रहे हैं। वल्लभनगर तहसील क्षेत्र के मेनार, अमरपुरा खालसा, खेरोदा, चायला का खेड़ा, बांसड़ा, वाना, रुंडेड़ा, बामणिया, खेड़ली गांवों में कद्दू की बम्पर पैदावार हुई है। अनुकूल मौसम से किसानों को खासा फायदा हुआ है।
15 जुलाई से मार्किट में कद्दू की खेप आना शुरू हो गई, जो अब तक जारी है। शुरू में थोक में किसानों को इस साल अधिकतम कद्दूू को 9 रुपए किलो तक दाम मिला। तोल केंद्रों की ओर से 10 अगस्त तक 25 दिन में 22 से 25 हजार क्विंटल कद्दू मेनार सहित आसपास के केंद्र से दूसरे राज्यों में भेजा जा चुका है।
कम खर्च की खेती
गौरतलब है की कद्दू की बुवाई मामूली खर्च पर होती है। 250 ग्राम बीज एक एकड़ जमीन पर काफी होते है। बुवाई की लागत अधिकतम 5 हजार रुपए प्रति बीघा आती है। पानी की कमी होने पर भी बुवाई संभव है। 10 से 15 फल औसत एक बेल पर लगते हैं। 50 से 60 क्विंटल प्रति बीघा उत्पादन हो जाता है। एक बीघा में 25 से 35 हजार रुपए तक आमदनी होती है।
इनका कहना मेनार तोल केंद्र पर 15 जुलाई से अगस्त के पहले सप्ताह तक रोजाना करीब 1 हजार क्ंिटल कद्दू की रोजाना दिल्ली, बिहार, जयपुर और चंडीगढ़ के लिए भेजा जा रहा है। इस बार कद्दू की अच्छी आवक हुई है। पिछले सप्ताह से 500 क्विंटल जा रहा है।
राजकुमार जैन, व्यापारी, मेनार तोल केंद्र
इस बार वल्लभनगर क्षेत्र में सब्जियों की बुवाई ज्यादा हुई है। गत वर्ष 1950 हैक्टेयर में सब्जियां और अन्य की बुवाई हुई थी, लेकिन इस साल 3950 हैक्टेयर में बुवाई हुई है। वल्लभनगर क्षेत्र में मेनार कस्बे में सबसे ज्यादा बुवाई हुई है। इस बार कद्दू की बंपर पैदावार हुई है।
मदनसिंह शक्तावत, नोडल कृषि अधिकारी, भींडर