उदयपुर

हाइकोर्ट बेंच आंदोलन:65 दिन में केवल आश्वासन, कमेटी का अब तक पता नहीं

विधि मंत्री के बयानबाजी की उदयपुर के अधिवक्तओं ने की निंदा

उदयपुरJun 20, 2018 / 07:23 pm

Krishna

हाइकोर्ट बेंच आंदोलन:65 दिन में केवल आश्वासन, कमेटी का अब तक पता नहीं

उदयपुर. हाइकोर्ट बेंच की मांग को लेकर अधिवक्ताओं के क्रमिक अनशन व धरने को बुधवार को 65 दिन पूरे हो गए। सरकार के आश्वासन के बाद अब तक न तो कमेटी बनी न हीं कोई निर्णय लिया गया। कमेटी के नाम से ही विभिन्न संभाग मुख्यालय से विरोध के बाद विधि मंत्री के भी कमेटी के गठन को लेकर की जा रही अलग-अलग बयानबाजी पर भी अधिवक्ताओं ने घोर निंदा की है। इधर, जोधपुर में अधिवक्ताओं ने मुख्यमंत्री के दौरे तक आंदोलन जारी करने का निर्णय लिया।
मेवाड़-वागड़ हाईकोर्ट बेंच संघर्ष समिति के आह्वान पर गत 16 अप्रेल से चल रहे आंदोलन में अब तक सभी संगठनों को लगातार अपार समर्थन मिल रहा है। 65वें दिन नगर निगम कर्मचारी एसोसिएशन के अध्यक्ष दलपत सिंह चौहान के नेतृत्व में संरक्षक पवन कोठारी,दिलीप भारद्वाज, राजेश जै, शिवराज सिंह सहित 31 कर्मचारी व अधिकारी धरने पर बैठे। इनके साथ ही बोहरा समुदाय के हाशमी भाई, हुसैनी भाई के साथ कई अधिवक्ता शामिल हुए।
जोधपुर में आंदोलन जारी
उदयपुर में बैंच के विरोध में जोधपुर के वकीलों का कार्य बहिष्कार अभी जारी है। उन्होंने मुख्यमंत्री के प्रस्तावित जोधपुर दौरे तक इसे जारी रखने का निर्णय लिया। विधि राज्यमंत्री पुष्पेन्द्रसिंह राणावत ने जोधपुर में बयानों में कहा कि अभी कमेटी का विधिवत गठन नहीं हुआ है। यह अभी प्रक्रियाधीन है। सभी पक्षों को सुनने के बाद ही बैंच के सम्बन्ध में निर्णय किया जाएगा।
 

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विरोध से अब तक नहीं हो पाया कमेटी का गठन
हाइकोर्ट बेंच की मांग को लेकर विधानसभा अध्यक्ष शांतिलाल चपलोत के आमरण अनशन के बाद मुख्यमंत्री ने विधि मंत्री की अध्यक्षता में एक कमेटी के गठन का निर्णय लिया था। इस पर सर्वसम्मति पर राय के बाद ही चपलोत ने आमरण अनशन समाप्त किया था लेकिन जोधपुर सहित अन्य संभाग मुख्यालयों पर विरोध होने से अब तक कमेटी का गठन नहीं हो पाया। समिति के संयोजक चपलोत, महासचिव शांतिलाल पामेचा, अध्यक्ष रमेश नंदवाना, कोषाध्यक्ष गौतमलाल सिरोहा, बार अध्यक्ष रामकृपा शर्मा सहित पूरी कार्यकारिणी ने मुख्यमंत्री व विधि मंत्री से शीघ्र कमेटी का गठन कर हाइकोर्ट बेंच की अनुशंसा की है। सभी पदाधिकारियों ने कहा कि सरकार का सकारात्मक रवैया नहीं रहा तो विधानसभा चुनाव में इसके प्रतिकूल प्रभाव देखने को मिलेंगे। पदाधिकारियों ने विधि मंत्री के लगातार कमेटी के गठन को लेकर दिए जा रहे अपने बयान पर निंदा की है।
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