जिले के मुखिया खुद ही हाजिरी रजिस्टर को केवल औपचारिकता मानते हुए हस्ताक्षर करने से बचते हो। राष्ट्रीय राजमार्ग खण्ड की उपस्थिति पंजिका में 9 फरवरी के बाद से करीब एक माह तक अधिशासी अभियंता के हस्ताक्षर नहीं है। इसके बावजूद उनके खाते में फरवरी का वेतन जमा हो गया है। गौरतलब है कि व्यवस्था के तहत खण्ड में अधिशासी अभियंता के हस्ताक्षर के लिए अलग से रजिस्टर बना हुआ है। सहायक अभियंता से लेकर अन्य कार्यालय कार्मिकों की उपस्थिति वाली पंजिका अलग बनी हुई है।
READ MORE: कुंभलगढ़ में मिली शीशम की दुर्लभ प्रजाति सैरीशिया, नर्सरी में तैयार करेंगे इस प्रजाति को जरूरी है हस्ताक्षर सरकारी व्यवस्था एवं कार्मिक नियमों के तहत ड्यूटी पर आने वाले कर्मचारी एवं अधिकारी को नियमित तौर पर उपस्थिति पंजिका में हस्ताक्षर करने होते हैं। इस पंजिका में हस्ताक्षर के आधार पर ही अधिकारियों एवं कार्मिकों का वेतन भी बनता है। उनकी नौकरी पर उपस्थिति का आधार भी यही रजिस्टर होता है। किसी भी विषम परिस्थतियों में अदालती प्रकरणों से लेकर अन्य मामलों में यही उपस्थिति पंजिका ड्यूटी का मूल आधार मानी जाती है। विभागीय जिम्मेदारी वाले लंबे-चौड़े क्षेत्रफल को लेकर विभाग में फिल्ड अधिकारियों के लिए सुबह की बजाय शाम को भी हस्ताक्षर जैसी व्यवस्था है, लेकिन यहां इन नियमों की भी पालना नहीं होती।
READ MORE: फाग की आड़ में चौथ वसूली की परंपरा, नहीं लग पा रहा अंकुश काम ज्यादा रहा बीते दिनों से दिल्ली व जयपुर में विभागीय कार्यों को लेकर व्यस्तता बनी हुई थी। इसलिए 10 फरवरी से 10 मार्च के बीच उपस्थिति पंजिका में हस्ताक्षर नहीं कर सका। फिल्ड ड्यूटी के कारण कई बार एेसा हो जाता है।
-एस.एल. बुनकर, अधिशासी अभियंता, राष्ट्रीय राजमार्ग खण्ड गलत है तरीका कायदे से तो रोज ड्यूटी के दौरान अभियंताओं एवं कार्मिकों को हस्ताक्षर करने चाहिए। काम की व्यस्तता अपनी जगह है, लेकिन जिम्मेदारी पूरी होनी चाहिए। मामले में जानकारी कराते हैं।
-अनिल गर्ग, मुख्य अभियंता, राष्ट्रीय राजमार्ग जयपुर