ओडब्ल्यूसी को लेकर काम को तेजी से आगे बढ़ाने को निगम भूल ही गया। शहर में ऐसे कई स्थान है जहां पर भारी मात्रा में कचरा एकत्रित हो रहा है। ठोस कचरा निस्तारण नियम के तहत प्रतिदिन 100 किलोग्राम से ज्यादा कचरा उत्पादन वाले संस्थानों, व्यावसायिक केन्द्रों या सरकारी भवनों, विश्वविद्यालय, कॉलेज, स्कूल, होटल, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड आदि में ओडब्ल्यूसी लगाए जाने वाले थे।
एक नजर में उदयपुर 300 से ज्यादा होटल्स
130 से ज्यादा पेईंग गेस्ट हाउस
70 से ज्यादा कॉलेज
05 लाख से ज्यादा शहर की जनसंख्या
होना यह था शहर में लेकिन हुआ नहीं
– शहर में ऐसे स्थान जहां नियमित रूप से भारी मात्रा में ठोस कचरा निकलता है। उनको वहीं कचरे का पृथकीकरण करना होगा।
– गलत तरीके से कचरे का निष्पादन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई तक नहीं की।
– नगर निगम के सफाई कर्मचारी कचरे को नालियों में डालते और जलाते हुए मिले।
– कई स्थानों पर नगर निगम से कचरा समय पर नहीं उठाया जाता है, बोर्ड बैठकों में यह पार्षद तक बोल चुके
– कई बड़े स्थानों का कचरा अभी भी स्वयं निस्तारित करने की बजाय वे सार्वजनिक स्थानों पर या लगे कंटेनर में डाल जाते है।