script6 लाख की आबादी वाले शहर में 5 जगह ही ओडब्ल्यूसी की स्थापना, क्या होती है यह, पढ़ें पूरी खबर | development plan of udaipur smart city | Patrika News

6 लाख की आबादी वाले शहर में 5 जगह ही ओडब्ल्यूसी की स्थापना, क्या होती है यह, पढ़ें पूरी खबर

locationउदयपुरPublished: May 17, 2019 05:53:36 pm

Submitted by:

madhulika singh

पर्यटकों का शहर है उदयपुर। देश-दुनिया के पर्यटक यहां आते हैं। झीलों के आसपास हो या अन्य क्षेत्र, सब जगह होटलें बन गई हैं एवं बड़े-बड़े सरकारी दफ्तर हैं मगर शहर में आर्गेनिक वेस्ट कम्पोस्टर (ओडब्ल्यूसी) की संख्या महज 5 है। जयपुर से आए उच्चाधिकारियों के सामने निगम के अधिकारियों ने इस बारे में झूठ बोला। असल में निगम ने इस पर काम ही नहीं किया तो परिणाम कैसे आएगा।

मुकेश हिंगड़/उदयपुर . स्वच्छता सर्वेक्षण में शहर की रैंकिंग पिछली बार से और लुढक़ी है। अगले सर्वेक्षण में अव्वल स्थान आने के लिए कार्रवाई शुरू की गई। उसमें से एक बड़ा काम है कि आर्गेनिक वेस्ट कम्पोस्टर (ओडब्ल्यूसी) की स्थापना। इसमें सबसे पहले प्रतिदिन 100 किलोग्राम से ज्यादा कचरा उत्पन्न करने वाले सरकारी व गैर सरकारी संस्थानों में ओडब्ल्यूसी की स्थापना करनी है लेकिन नगर निगम ने इस पर काम ही नहीं किया। स्वच्छता सर्वेक्षण से पूर्व उदयपुर नगर निगम के अधिकारी इन्दौर का दौरा करके आए। उन्होंने वहां देखा कि होटल हो या सरकारी ऑफिस ऐसे स्थानों पर ओडब्ल्यूसी की स्थापना की हुई थी। उदयपुर आते ही तत्कालीन आयुक्त ने इस पर काम शुरू किया। उन्होंने सबसे पहले होटल एसोसिएशन वालों से चर्चा की और जागरूकता के लिए इस पर काम करना शुरू किया।
बाद में नगर निगम भूल ही गया
ओडब्ल्यूसी को लेकर काम को तेजी से आगे बढ़ाने को निगम भूल ही गया। शहर में ऐसे कई स्थान है जहां पर भारी मात्रा में कचरा एकत्रित हो रहा है। ठोस कचरा निस्तारण नियम के तहत प्रतिदिन 100 किलोग्राम से ज्यादा कचरा उत्पादन वाले संस्थानों, व्यावसायिक केन्द्रों या सरकारी भवनों, विश्वविद्यालय, कॉलेज, स्कूल, होटल, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड आदि में ओडब्ल्यूसी लगाए जाने वाले थे।

एक नजर में उदयपुर

300 से ज्यादा होटल्स
130 से ज्यादा पेईंग गेस्ट हाउस
70 से ज्यादा कॉलेज
05 लाख से ज्यादा शहर की जनसंख्या


होना यह था शहर में लेकिन हुआ नहीं


– शहर में ऐसे स्थान जहां नियमित रूप से भारी मात्रा में ठोस कचरा निकलता है। उनको वहीं कचरे का पृथकीकरण करना होगा।
– गलत तरीके से कचरे का निष्पादन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई तक नहीं की।
– नगर निगम के सफाई कर्मचारी कचरे को नालियों में डालते और जलाते हुए मिले।
– कई स्थानों पर नगर निगम से कचरा समय पर नहीं उठाया जाता है, बोर्ड बैठकों में यह पार्षद तक बोल चुके
– कई बड़े स्थानों का कचरा अभी भी स्वयं निस्तारित करने की बजाय वे सार्वजनिक स्थानों पर या लगे कंटेनर में डाल जाते है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो