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आचार संहिता भी खत्म, लेकिन कब पूरे होंगे उदयपुर में रूके यह बड़े काम

locationउदयपुरPublished: May 28, 2019 02:04:28 pm

Submitted by:

madhulika singh

शहरी विकास के बड़े प्रोजेक्ट पर ग्रहण

development plan of udaipur smart city

आचार संहिता भी खत्म, लेकिन कब पूरे होंगे उदयपुर में रूके यह बड़े काम

उदयपुर . शहर के विकास की बात हो या जनता के काम, सब पर विधानसभा चुनाव के पूर्व से लेकर लोकसभा चुनाव तक आचार संहिता के चलते रुके गए थे। आदर्श आचार संहिता समाप्त होने के बाद अब सरकारी विभागों में लम्बित फाइलों पर निर्णय करने की जरूरत है। शहर का सबसे बड़ा जरूरत है कि सस्ती व सुलभ परिवहन सुविधा यानी सिटी बस सेवा शुरू करने की। इसी तरह गरीबों को उनके लिए बने आशियानों में प्रवेश का इंतजार है। आचार संहिता समाप्त होने के बाद यहां प्रस्तुत है एक रिपोर्ट-

1. सिटी बसे चलाओ
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत शहर में 35 सिटी बसों का संचालन होना है जिसमें 25 नॉन एसी व 10 एसी बसें होंगी। करीब 60 करोड़ रुपए के इस प्रोजेक्ट के टेंडर हो गए। स्मार्ट सिटी बोर्ड से इसका अनुमोदन बकाया है। बोर्ड को एकल टेंडर और इसमें आई दर पर निर्णय करना है। बोर्ड के इस पर फैसले से शहरवासियों के साथ ही पर्यटकों को बेहतर परिवहन सुविधा जल्द मिलेगी।

2. एथलेटिक ट्रेक तैयार करना
महाराणा प्रताप खेल गांव में एथलेटिक ट्रेक पुन: बनाना था। प्रधानमंत्री की यात्रा के दौरान नुकसान हुआ था। इस पर यूआईटी ने तय किया था कि इसे फिर से तैयार किया जाएगा। आचार संहिता लागू होने से मामला अटक गया। यूआईटी को अब इसकी प्रशासनिक स्वीकृति लेकर टेंडर करना है।
3. गरीबों के घर का सपना
नगर विकास प्रन्यास ने बेड़वास में मुख्यमंत्री अफॉर्डेबल योजना के तहत गरीब परिवारों के लिए 1800 से ज्यादा मकान बनाए है। काम भी पूरा होने आया है। आचार संहिता के चलते कब्जे की प्रक्रिया रुकी हुई थी। चयनित परिवारों का खुद के आशियाने का सपना पूरा करने के लिए कब्जा देने का कार्य प्राथमिकता से करना है।
इन कामों की गति तेज करनी होगी
प्रतापनगर अंडरपास : डबोक एयरपोर्ट से उदयपुर के मार्ग पर जाम से मुक्ति दिलाने का यह बड़ा प्रोजेक्ट है। यूआईटी ने आचार संहिता से पहले काम शुरू कर दिया था लेकिन अफसरों व इंजीनियरों को चुनाव में लगा दिया गया तो नियमित निगरानी का अभाव रहा। अब इस काम की गति तेज करनी होगी।
आरकेपुरम अंडरपास : यूआईटी इस अंडरपास को बनाने के लिए सभी औपचारिकताएं पूरी कर काम शुरू करवा दिया लेकिन वहां भी तेज गति से काम कराने की जरूरत है ताकि क्षेत्रवासियों को आवाजाही में सुविधा मिल सके।

विकास के लिए तीन माह
शहरी विकास के कार्यों के लिए अधिकारियों के पास तीन महीने का समय है क्योंकि बाद में नगर निगम चुनाव के तहत पुन: आचार संहिता लग जाएगी। नगर निगम, यूआईटी व अन्य सरकारी एजेंसियों को इस अवधि में नए कार्यों के टेंडर, कार्यादेश और काम शुरू करने की प्रक्रियाएं पूरी करनी होगी।
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में इन कार्यों की प्लानिंग
एमआरएफ प्लांट : बलीचा में एमआरएफ प्लांट बनाया जाएगा, जिसमें ठोस कचरे का निस्तारण किया जाएगा।
बायो मेथिनेसेन प्लांट : सीएनडी वेस्ट प्लांट बनाना प्रस्तावित है। इसमें निर्माण कार्यों के वेस्ट का निस्तारण किया जाएगा।

टीबीएस प्रोजेक्ट : पब्लिक बाइसाइकिल सिस्टम के तहत जगह- जगह साइकिल स्टैंड होंगे। कोई भी व्यक्ति वहां से साइकिल लेकर अपने गंतव्य के निकट स्टैंड पर उसे रख सकेगा।


पार्किंग : शहर में दो स्थानों पर पार्किंग का प्लान तैयार करना है। इसमें एक पार्किंग एसआईएआरटी के पास बनाई जाएगी।

मल निस्तारण : सेप्टिक टैंक से निकलने वाले मल को नदी-नाले में छोड़ दिया जाता रहा है। अब इसके निस्तारण के लिए भी प्लांट बनाया जाएगा।


मृत जानवरों का निस्तारण : अब तक मृत जानवरों का ठेका कर नगर निगम इतिश्री कर देता है। ठेकेदार इन्हें इधर-उधर पटक देते थे। अब इनका व्यवस्थित रूप से निस्तारण होगा।

स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत हमने शहर के लिए कई प्लान बनाए हैं। प्राथमिकता से टेंडर करते हुए इनको आगे बढ़ाने जा रहे हैं। सिटी बसों को लेकर जो टेंडर हुआ है, उस पर बोर्ड की बैठक में निर्णय किया जाएगा। – कमर चौधरी, सीईओ, उदयपुर स्मार्ट सिटी कंपनी

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