बताया कि एकादशी से ठाकुरजी को मुकुट धारण नहीं कराया जाता है। देवशयनी एकादशी से ठाकुरजी शयन में चले जाते हैं। इस दौरान चार माह तक मांगलिक कार्य नहीं होते। दीपावली के बाद आने वाली देव उठनी एकादशी से मांगलिक कार्य शुरू होंगे।
सावन भादो मनोरथ के दर्शन देवशयनी एकादशी पर शुक्रवार को श्रीनाथजी की हवेली स्थित श्रीनाथ मंदिर में सावन-भादो मनोरथ धूमधाम से मनाया गया। मंदिर के अधिकारी कैलाश पुरोहित ने बताया कि प्रभु को मोगरों की कलियों का विशेष शृंगार धराया गया। इस अवसर पर ठाकुरजी मदनमोहनजी को काली छतरी में फ व्वारे व सघन कुंज के सावन भादो मनोरथ में विराजित किया गया। ठाकुरजी को विविध सामग्री का भोग धराया गया।