मोबाइल बताएगा फसल काट लो कोर्डिनेटर डॉ. सुनहल जोशी ने बताया कि सेंसर्स टेक्नोलॉजी के खेती में प्रयोग की काफीसंभावना है। खेत में सेंसर लगाने पर मिट्टी की स्थिति पता चल जाएगी। ऐसे में खेत में कितनी नमी है, पानी देना है या नहीं, किस खाद की जरूरत और कितनी है? फसल या फल पक गए है इसे संग्रहित करने का संदेश मोबाइल पर मिल जाएगा। डिजाइन ऑफ मेच्यूरिटी इंडेक्स और सेंसर बेस्ड टेक्नोलॉजी का प्रयोग किसान के खर्च को कम करते हुए आय बढ़ाएगा और बेवजह पिलाई और खाद-कीटनाशक के उपयोग पर भी रोक लगेगी। एमपीयूएटी में इस पर रिसर्च हो रहा है।
ऑगमेंटेड रियलिटी तकनीक से अपडेट होंगे किसान जयपुर से आए तकनीकी विशेषज्ञ प्रफुल्ल व पुलकित माथुर ने बताया कि दुनिया की तमाम इंडस्ट्री वर्चुअल, ऑगमेंटेड एंड मिक्सड रियलिटी से जुड़ रही है। देश में इस तरक के प्रयोग किए जा रहे हैं, जिससे किसानों को भी स्मार्ट बनाते हुए उन्हें ऑगमेंटेड रियलिटी से जोड़ा जाए। इसमें फसल या खेत का फोटो कम्प्यूटर पर अपलोड किया जाता है। सॉफ्टवेयर इससे किसान को इस तरह से आभास करवा देता है कि वह बारीक से बारीक चीजों को देखते हुए महसूस कर लेता है कि उसकी फसल या खेत की जरूरत क्या है। यहां तक की कीट कहां लगे हैं। उसी जगह पेस्टिसाइड छिडकऩा है यह तकनीक बता देगी।