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बकाया बिल पर हॉस्पीटल ने नहीं छोड़ा मरीज को, अस्पताल ने आरोप नकारे, हंगामा

locationउदयपुरPublished: May 28, 2019 11:52:26 am

Submitted by:

madhulika singh

रुपए के लिए नहीं छोड़ा…पुलिस ने की समझाइश

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उदयपुर. बेदला स्थित मेवाड़ हॉस्पिटल में सोमवार को बड़ा हंगामा हुआ। मरीज के परिजनों ने हॉस्पिटल प्रशासन पर आरोप लगाया है कि उन्होंने बकाया राशि जमा नहीं करवाने के कारण मरीज को नहीं छोड़ा जिससे देरी के कारण उसकी उनकी हालत ज्यादा खराब हो गई, दूसरी ओर चिकित्सालय प्रशासन आरोपों को नकारता रहा।
परिजनों के साथ आए बिरदीलाल छानवाल ने बताया कि मेवाड़ हॉस्पिटल में 23 मई को कुंभलगढ़ मार्ग स्थित तुला गांव निवासी 55 वर्षीय भंवरलाल भील को भर्ती करवाया था। छत से गिरने से उनकी पसलियों व रीढ़ की हड्डी में क्रेक आ गया था। मेवाड़ हॉस्पिटल बेदला के चिकित्सकों ने बताया कि 20 से 25 दिन में वह ठीक हो जाएगा। उपचार पर न्यूनतम 1 लाख 60 हजार रुपए खर्च होना बताया। करीब तीन दिन के बाद जेवर गिरवी रख 57 हजार रुपए जमा करवा दिए। 26 मई की शाम को मरीज के परिजनों को कहा गया कि 1 लाख 3 हजार रुपए और भरने हैं। ऐसे में परिजनों ने फिलहाल उनके पास राशि नहीं होने की बात कही, लेकिन चिकित्सालय प्रबंधन नहीं माना। प्रशासन ने मरीज को डिस्चार्ज भी नहीं किया। इसके बाद परिजन हंगामा करने लगे। सूचना पर सुखेर थाने से पहुंचे एसआई कर्मवीरसिंह जाप्ता लेकर पहुंचे। परिजनों-चिकित्सालय के बीच मध्यस्थता की व शांत कराया। बाद में मरीज को वेंटिलेटर पर डिस्चार्ज कर दिया गया।
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दोपहर में बुलाकर कहा गया कि आपका पैसा बाकी है, जिसे जमा करवाओ और मरीज ले जाओ। हमने पैसे नहीं होने की कहा, लेकिन वे नहीं माने। काफी देर रोकने के बाद पुलिस आई तब मेरे ससुर को छोड़ा। रात तक यह मालूम नहीं पड़ा कि उनकी मौत हो गई है या जिंदा हैं। चिकित्सकों का कहना था कि कुछ धडक़नें ही बची हैं, इसलिए मरीज को अब घर ले जाओ। – बालूराम, मरीज का दामाद

परिजन उसे बाहर ले जाना चाह रहे थे। राशि को लेकर आपसी खींचतान चल रही थी, जिसे समझाइश कर हल करवाया। प्रबन्धन ने मरीज के परिजनों के हालात देखते हुए राशि माफ कर दी। – कर्मवीरसिंह, एसआई, सुखेर

गलत जानकारी है। हमने मरीज को नहीं रोका। मरीज वेंटीलेटर पर था। परिजन कहीं ओर ले जाना चाह रहे थे। मरीज को डिस्चार्ज कर दिया है। कई बिचौलिये घूम रहे थे जिनकी मंशा थी कि हॉस्पिटल से उन्हें कुछ राशि मिल जाए। – डॉ. मनीष छापरवाल, मेवाड़ हॉस्पिटल, उदयपुर

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