——- केस दो : सविना ग्राम पंचायत में सरपंच लीला गमेती है। उन्हें फोन लगाया तो पति रोशनलाल ने उठाया और खुद को सरपंच बताने से गुरेज नहीं किया। रोशनलाल को रिपोर्टर ने भी अपना परिचय नहीं दिया। जब उन्हें पत्रिका के रिपोर्टर से बात होने का पता चला तो उन्होंने बताया कि उनकी पत्नी सरपंच है। पत्नी से गांव के बारे में जानकारी लेनी चाही तो जवाब पति ही देते रहे। रोशनलाल खुद को सरपंच बताते हुए पत्रिका की ही गाड़ी में सविना ग्राम पंचायत कार्यालय तक पहुंच गए। खास बात यह है कि कार्यालय दोपहर दो बजे ही बंद हो गया था। रोशनलाल के अनुसार सचिव हेमप्रकाश के पास देवाली और सविना दोनों पंचायतों का चार्ज है। नादिरा बानो एलडीसी मेटरनिटी लीव पर है तो एक अन्य एलडीसी नेहा की ड्यूटी कलक्टर ने लगा रखी हैं। ऐसे में पंचायत बंद करनी पड़ी।
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केस तीन: पत्रिका ने डाकन कोटड़ा सरपंच के नम्बर पर कॉल लगाया तो प्रेमाराम मीणा ने फोन उठाया। उन्हें सरपंच कहकर बात शुरू की तो वे भी बेहिचक यह साबित करते रहे कि वह स्वयं ही सरपंच हो। पता चला कि उनकी सरपंच बेटी बसन्तीदेवी पटवारी बन गई यानी सरकारी नौकरी हो गई। ऐसे में उसने करीब दस माह पूर्व इस्तीफा दे दिया था, लेकिन सरपंच का ठस्का अब भी उसके पिता प्रेमाराम के पास ही है। वह सभी सरपंच बनकर ही बात करते हैं। यानी सरकार की एक गलती से पोर्टल पर अब भी बसन्ती देवी सरपंच है, जो अब पटवारी बन गई है। उसने जो फोन नम्बर दिए थे, वे पोर्टल पर लिखे हुए हैं। जब इस्तीफा दिया गया तो बीडीओ ने बकायदा वहां पहुंच वार्डपंच कमला देवी को चार्ज दिया था, लेकिन कमलादेवी को लेकर प्रेमाराम का कहना है कि वह अनपढ़ है, कुछ नहीं जानती इसलिए वह ही काम देख रहे हैं।
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मनवाखेड़ा ग्राम पंचायत की सरपंच ललितादेवी डांगी को फोन लगाया तो पता चला कि वह पीहर गई हुई है। उन्होंने ससुर के नम्बर मुहैया करवाए। ससुर भंवरलाल डांगी को जब सरपंच कहकर संबोधित किया तो उन्होंने स्वीकार कर लिया। पूछने पर उन्होंने बताया कि वह खेरवाड़ा गए हुए हैं, सो नहीं मिल सकेंगे। ललितादेवी राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर कर चुकी हैं।
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केस चार
बडग़ांव पंचायत समिति की अम्बेरी ग्राम पंचायत में सरपंच तारा वैष्णव है। उनके फोन पर कॉल लगाया तो उनके ससुर प्रभुदास वैष्णव ने फोन उठाया। फोन पर वह स्वयं को ही सरपंच होना जताते रहे, लेकिन जब उनकी दुकान पर पहुंचे तो उन्होंने बताया कि सरपंच तारा उनकी पुत्रवधू है जो बाहर है। फोन उन्हें देकर गई है। पूछने पर उन्होंने क्षेत्र की समस्याएं गिनाई।
— ये है जिले में महिला अधिकारी – आनन्दी- जिला कलक्टर आईएएस – अंजलि राजोरिया- आईएएस आयुक्त टीएडी – मंजू-आईएएस – ज्योति ककवानी- डीएसओ आरएएस – प्रियंका जोधावत- राजस्व अपील अधिकारी आरएएस
– कविता पाठक- एमपीयूएटी रजिस्ट्रार – श्वेता फगडि़या- डीआईजी स्टाम्प आरएएस – प्रभा गौतम- आरएएस —– पुलिस विभाग – स्वाति शर्मा- अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक – माधुरी वर्मा- एएसपी
– अंजना सुखवाल- एएसपी – चेतना भाटी- आरपीएस – प्रेम धणदे- आरपीएस यदि डाकनकोटड़ा सरपंच का नाम व नम्बर गलत है, तो इसे जल्द ही ठीक करेंगे। वहां तो वार्ड पंच को सरपंच का चार्ज सौंप रखा था। पोर्टल पर तत्काल ठीक करेंगे ताकि कोई गलत इस्तेमाल नहीं कर सके।
सुप्रिया कपुरिया, बीडीओ गिर्वा ——
जनता की ओर से चुनी गई प्रतिनिधि सरपंच है, उसकी जगह किसी दूसरे पुरुष द्वारा काम करना या हस्तक्षेप करना गलत है। पोर्टल पर जो गलती हुई है, उसे जल्द से जल्द ठीक करवाएंगे।
मेघराजसिंह मीणा, कार्यवाहक मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिला परिषद