कमिश्नर सबसे पहले बिछड़ी अटल सेवा केन्द्र पहुंचे और सचिव सहित स्टाफ से सर्वे सूची मांगी। कई तरह की कमी पाकर फटकार के साथ निर्देश दिए। फिर सिंहाड़ा पहुंचे। पंचायत सहायक से जानकारी लेने के बाद पालनहार, विधवा पेंशन और पीएम आवास लाभार्थियों के घर पहुंचे। कुराबड़ बीडीओ अजयकुमार आर्य, पीईईओ हरिसिंह राव भी साथ थे। फीला अटल सेवा केन्द्र पर कमिश्नर ने सर्वे सूची के साथ सबसे पहले पेंशन की प्रगति पूछी। एक एक परिवार की जानकारी लेते हुए सवाल किया कि इनके घर तक पहुंचे क्या? वृद्धावस्था से विधवा में परिवर्तित पेंशनरों के दस्तावेज देखे और नहीं आने पर जल्द लाने को कहा।
READ MORE: BIRD FESTIVAL 2017: बर्ड फेस्टिवल और बर्ड वाचिंग के आगाज की देखें तस्वीरें खाद्य सुरक्षा, पीएम-सीएम आवास, पालनहार, नरेगा, एसबीएम सूची लेकर बिंदुवार जानकारी ली। सीएम आवास के लाभार्थी को किश्तें नहीं मिलने पर कमिश्नर ने लाभार्थी का पता ही पूछ लिया। जवाब मिला कि उक्त घर दो किमी दूर है, तो कमिश्नर पैदल चलने क ो तैयार हो गए। फिर कुराबड़ नायब तहसीलदार मुबारिक हुसैन से मौका रिपोर्ट मांगी। राशन वितरण की समस्या को लेकर ज्ञापन मिला। देथा ने कहा कि सर्वे पूरा नहीं होने तक कर्मचारियों के भुगतान भी नहीं किए जाएं। यहां बीडीओ आर्य, नायब तहसीलदार के अलावा पीईईओ प्रदीप शर्मा, कनिष्ठ लिपिक प्रकाश सालवी, सरपंच गायत्री मीणा मौजूद थे।
कडूणी में लगी फटकार, घर- घर जाकर ली जानकारी : मेवल क्षेत्र की कडूणी पंचायत में कमिश्नर ने सर्वे की रिपोर्ट मांगी। सर्वे के मुताबिक लाभार्थियों के घर बताने को कहा। आधा दर्जन घरों में भी पहुंचे। लाभार्थियों और सर्वेकर्ताओं में अंतर मिलने पर फटकार लागते हुए दोबारा सर्वे के लिए कहा। यहां पेंशन, एसबीएम, नरेगा, सीएम आवास, पालनहार, खाद्य सुरक्षा को लेकर वास्तविकता जांची। इस दौरान सलूम्बर बीडीओ धनपत सिंह , सचिव मानसिंह मौजूद रहे।
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बम्बोरा लैम्पस में फंसी अधिकांश किश्तें : सर्वे में सामने आया कि बंबोरा लैम्पस के दो साल से बंद रहने के कारण फीला, सोमाखेड़ा, बोरी, सुलावास, बंबोरा, गुड़ली, वल्लभ, कोट की आठ पंचायतों के नरेगा, सीएम बीपीएल आवास सहित कई योजनाओं को लाखों रुपए तीन साल से फंसे हैं। लाभार्थी किश्तें नहीं मिल पाने से रोज चक्कर काट काट रहे हैं। लैम्पय का मामला कोर्ट में जाने के बाद से ताला लगा है।
बम्बोरा लैम्पस में फंसी अधिकांश किश्तें : सर्वे में सामने आया कि बंबोरा लैम्पस के दो साल से बंद रहने के कारण फीला, सोमाखेड़ा, बोरी, सुलावास, बंबोरा, गुड़ली, वल्लभ, कोट की आठ पंचायतों के नरेगा, सीएम बीपीएल आवास सहित कई योजनाओं को लाखों रुपए तीन साल से फंसे हैं। लाभार्थी किश्तें नहीं मिल पाने से रोज चक्कर काट काट रहे हैं। लैम्पय का मामला कोर्ट में जाने के बाद से ताला लगा है।
नायब तहसीलदार को यह मिली सचाई कमिश्नर के निर्देश पर नायब तहसीलदार तुरंत पंचायत की टीम के साथ फीला के मगरों में बसे देवरिया, काकुडिय़ा, नोजीफला पहुंचे। पाया कि टमली मीणा के नाम आवास स्वीकृत है, लेकिन एक भी किश्त नहीं मिलने से मकान नहीं बना। गमेरी पत्नी केसुलाल मीणा का मकान पूरा था लेकिन एक ही किश्त मिली। साढ़े चार साल से दो किश्तों को इंतजार कर रही है। छह साल का रतन मीणा बधिर है, लेकिन प्रमाण पत्र नहीं मिलने से पेंशन नहीं मिल पा रही। पेंशनरों, खाद्य सुरक्षा के लाभार्थियों से भी जानकारी ली। रिपोर्ट कमिश्नर को भेजी गई है।