दीपावली पर जगमगाई लेकसिटी, हर घर होगा रोशन, मां लक्ष्मी देंगी सुख, समृदि्ध, धन, वैभव
उदयपुरPublished: Oct 24, 2022 03:07:38 pm
भविष्य पुराण में कहा गया है- कार्तिक प्रदोषे तु विशेषेण अमावस्या निशावर्धके। तस्यां सम्पूज्येत देवीं भोग मोक्ष प्रदायिनीम।।
अर्थात : जिस दिन मध्यरात्रि और प्रदोष काल में अमावस्या तिथि हो उसी दिन भोग मोक्ष की प्राप्ति के लिए दीपावली पूजन करना चाहिए।


Diwali 2022 पंच दिवसीय पर्व इस बार सूर्य ग्रहण के कारण 6 दिन का हो गया है। 24 अक्टूबर को कुछ ऐसा संयोग बना है कि रूप चौदस (नरक चतुर्दशी) व दीपावली पर्व एक ही दिन मनाया जाएगा। पर्व के तहत हर घर, हर देहरी दीपों से रोशन हो गई है तो वहीं, बाजारों में भी चकाचौंध है। पूरी लेकसिटी जगमगा गई है और सोमवार को रूप चतुर्दशी के साथ दीपावली का पर्व मनाएगी। वहीं, 25 को सूर्य ग्रहण के कारण खेंखरा नहीं मनाया जाएगा। अगले दिन यानी 26 को गोवर्धन पूजा और भाई दूज का पर्व मनाया जाएगा।पं. जगदीश दिवाकर ने बताया कि कार्तिक मास में अमावस्या के दिन प्रदोष काल में दीपावली (महालक्ष्मी पूजन) करने का विधान है। धार्मिक मतों के अनुसार यदि दो दिन तक अमावस्या तिथि प्रदोष काल का स्पर्श न करे तो दूसरे दिन दिवाली मनाने का विधान है। यह मत सबसे ज्यादा प्रचलित और मान्य है। वहीं, एक अन्य मत के अनुसार, अगर दो दिन तक अमावस्या तिथि, प्रदोष काल में नहीं आती है, तो ऐसी स्थिति में पहले दिन दिवाली मनाई जानी चाहिए। इसके अलावा यदि अमावस्या तिथि का विलोपन हो जाए, यानी कि अगर अमावस्या तिथि ही न पड़े और चतुर्दशी के बाद सीधे प्रतिपदा आरम्भ हो जाए, तो ऐसे में पहले दिन चतुर्दशी तिथि को ही दिवाली मनाने का विधान है। इस बार 25 अक्टूबर को शाम में प्रदोष काल लगने से पहले ही अमावस्या समाप्त हो रही है। ऐसे में दिवाली का पर्व 24 अक्टूबर को ही मनाया जाएगा।