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डीएमएफटी का पैसा खर्च करने में सीपी-आंजना के जिले आगे, उदयपुर पीछे

locationउदयपुरPublished: Sep 24, 2021 08:35:50 am

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Mukesh Hingar

उदयपुर के फंड में दो सौ करोड़ के मुकाबले दो साल में महज 14 करोड़ खर्च, विधायकों से मांगे 6.50 करोड़ के प्रस्ताव, हाथों हाथ दिए प्रस्ताव पर एक रुपया स्वीकृत नहीं

मुकेश हिंगड़

उदयपुर. डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउण्डेशन ट्रस्ट (डीएमएफटी) में फंड की कमी नहीं है, लेकिन उसका उपयोग समय पर नहीं किया जा रहा है। पिछले दो सालों के आंकड़े बता रहे हैं कि उदयपुर संभाग के अधिकांश जिलों में इसका उपयोग समय पर नहीं हुआ है। चित्तौडगढ़़ के निम्बाहेड़ा से विधायक मंत्री उदयलाल आंजना और राजसमंद के नाथद्वारा से विधायक वि.स. स्पीकर डॉ. सीपी जोशी के इलाके में जरूर इस फंड का बड़े स्तर पर उपयोग किया गया, लेकिन बाकी जिलों में फंड सरकारी खजाने में ही पड़ा रहा। असल में समय-समय पर विधायक इस फंड से विकास कराने की बात उठाते रहते हैं और डीएमएफटी कोटे से उनके प्रस्ताव भी गए हैं, लेकिन फंड में स्वीकृति नहीं हुई।
वर्ष 2019-20 में राजसमंद व चित्तौडगढ़़ तथा वर्ष 2020-21 में भी राजसमंद ने सबसे ज्यादा राशि खर्च की है। इसमें उदयपुर में सिर्फ एक काम के लिए ही 14 करोड़ की राशि खर्च की गई, जबकि चित्तौडगढ़़ में राशि भले उदयपुर से कम थी, लेकिन तब 185 कार्य करवाएं है। दोनों वित्तीय वर्ष के आंकड़ों में स्वीकृत कराए कार्यों की संख्या राजसमंद व चित्तौडगढ़़ में ज्यादा थी। उदयपुर में दोनों सालों में 14 करोड़ मात्र खर्च किए, जबकि राशि 200 करोड़ रुपए से ज्यादा पड़ी है।

विकास में खर्च होता है डीएमएफटी फंड

डीएमएफटी फंड में प्राप्त राशि का उपयोग खनन से प्रभावित क्षेत्रों के फायदे के लिए राजस्थान डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउंडेशन ट्रस्ट नियम, 2016 के प्रावधानों के अनुसार ही किया गया है।
उदयपुर में लिए प्रस्ताव आगे नहीं बढ़े
उदयपुर में पिछली बार बैठक हुई, जिसमें प्रभारी मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने अध्यक्षता की। बैठक में एमबी चिकित्सालय में अत्याधुनिक एमआरआई मशीन की स्वीकृति के लिए 14 करोड़ रुपए मंजूर किए। साथ ही प्रत्येक विधायक से 6.50 करोड़ रुपए के प्रस्ताव मांगे थे। भाजपा का आरोप है कि उप चुनाव के चलते हमारे विधायकों के प्रस्ताव तो आगे नहीं बढ़े और वल्लभनगर में कार्य स्वीकृत कर दिए।

विधायक बोले- प्रस्ताव दे रखे

इनका कहना है…

यह सही है कि डीएमएफटी फंड में काम नहीं कराए जा रहे हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि विधायकों ने प्रस्ताव दे रखे हैं, लेकिन मंजूर नहीं किया। उदयपुर के जो आंकड़े दिए, उसमें 1400 लाख रुपए सिर्फ आरएनटी में मशीन देने के बताए, लेकिन इसके अलावा भी वल्लभनगर विधानसभा के लिए राशि स्वीकृत की है, जिसकी जानकारी नहीं दी। मेरे हिसाब से पूरे प्रदेश के पिछले दो साल में बड़ी मात्रा में राशि पड़ी है, लेकिन खर्च नहीं कर रहे है, न इसकी विधिवत बैठक होती है।
– गुलाबचंद कटारिया, नेता प्रतिक्ष विस एवं विधायक उदयपुर शहर

डीएमएफटी फंड में जमा राशि एक नजर में
जिला… 19-20 में जमा राशि… स्वीकृत राशि… 20-21 में जमा राशि… स्वीकृत राशि…

राजसमंद… 22488.38 … 2118.76 … 28042.95 … 9317.59
उदयपुर… 13703.64 … 0 … 12537.26 … 1400
डूंगरपुर… 110.30 … 4 … 136.40 … 77.59
बांसवाड़ा… 789.53 … 0 … 600.04 … 48.31

प्रतापगढ़… 69.09 … 2 … 113.41 … 12
चित्तौडगढ़़… 7402.59 … 659.49 … 7072.56 … 952.1

(राशि लाखों में)
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