scriptvideo: उपचार ही नहीं करते, जरूरत पडऩे पर हथियार उठाने को भी तैयार हैं ये बेटियां | Do not take treatment, they are ready to take up arms even if they ar | Patrika News
उदयपुर

video: उपचार ही नहीं करते, जरूरत पडऩे पर हथियार उठाने को भी तैयार हैं ये बेटियां

नवानिया स्थित पशु महाविद्यालय में एनसीसी कैडेट्स का रिहर्सल, भावी पशु चिकित्सक छात्राओं में देश सेवा को लेकर उत्साह

उदयपुरFeb 12, 2019 / 12:05 am

Sushil Kumar Singh

udaipur

video: उपचार ही नहीं करते, जरूरत पडऩे पर हथियार उठाने को भी तैयार हैं ये बेटियां

डॉ. सुशील सिंह चौहान/ उदयपुर. पशु चिकित्सा क्षेत्र में भविष्य बनाने वाली महाविद्यालय की छात्राएं पशु उपचार तक ही सीमित नहीं, बल्कि देश सुरक्षा को लेकर हाथ में हथियार उठाने को लेकर भी उत्सुक हैं। एनसीसी (राष्ट्रीय कैडेट कोर) में शामिल नवानिया (वल्लभनगर) स्थित पशु चिकित्सा एवं पशु महाविद्यालय की ये छात्राएं इन दिनों एनसीसी के ‘बीÓ सर्टिफिकिट परीक्षा को लेकर तैयारी कर रही हैं। उनके साथ भावी पशु चिकित्सक भी इस तैयारी में जुटे हुए हैं। महाविद्यालय प्रशासन के साथ आर एंड वी (रिमाउंट वैटेनरी) बटालियन प्रशासन भी कैडेट्स के भीतर एकता और अनुशासन को लेकर संजीदा है। महाविद्यालय परिसर में पढ़ाई समय के बाद एनसीसी कैडेट्स की ये गतिविधियां दूरदराज वाले ग्रामीणों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। सर्टिफिकिट परीक्षा से पहले कैडेट छात्र व छात्राएं महाविद्यालय मैदान में ड्रील, वैपन ओपन, कंपास जैसी अनिवार्यता वाले अभ्यास कार्य को जिम्मेदारी से पूरा कर रहे हैं। कैडेट्स को .22 राइफल से फायरिंग और ड्रील आम्र्स एसएलआर (सेल्फ लोडिंग राइफल) से जुड़ी वेपन ओपनिंग अभ्यास कराया जा चुका है। वर्तमान में कॉलेज में करीब 550 बच्चों की स्ट्रेंथ है। इसमें 33 फीसदी विद्यार्थियों को एनसीसी में शामिल होने की अनिवार्यता है। करीब 110 कैडेट्स एनसीसी बी सर्टिफिकिट परीक्षा में बैठेंगे।
सबसे बड़ी एनसीसी रेजिमेंट
यूं तो उदयपुर में एनसीसी की कई बटालियन है। इसमें सबसे बड़ी बटालियन आर एंड वी है। इसका क्षेत्र देबारी और मावली तक फैला हुआ है। वर्तमान में रेजिमेंट के पास 18 सौ कैडेट्स की स्टे्रंथ है, जबकि अगले शिक्षण सत्र में यह आंकड़ा 2720 कैडेट्स हो जाएगा। इसमें 520 कैडेट्स सीनियर डिवीजन के होंगे। वर्तमान में रेजिमेंट के भर्ती सीनियर डिवीजन कोटे में 80 फीसदी कोटा पशु महाविद्यालय का है, जबकि शेष कोटा एमपीयूएटी का है।
घोड़ों की देखरेख विशेष
कहे तो दो साल पहले महाविद्यालय परिसर में आर एंड वी एनसीसी बटालियन स्थापित हुई। इसलिए इस बार यहां सी सर्टिफिकिट को लेकर कोई परीक्षा नहीं होगी। इस बटालियन का विशेष उद्देश्य घुड़सवारी के साथ पशु चिकित्सकों के बीच घोड़ों देखरेख करना रहेगा। महाराणा प्रताप की जन्म भूमि होने के कारण घोड़ों की इस बटालियन का चयन मेवाड़ क्षेत्र में हुआ है। आम एनसीसी में शामिल सफाई, समाज सेवा, पौधरोपण कार्य भी इनके प्रशिक्षण का हिस्सा है। भावी पशु चिकित्सकों को प्रशिक्षण की इस सुविधा का ये फायदा होगा कि सेना में भर्ती के अवसर पर उन्हें विशेष कोटे के तहत सीधे एंट्री का मार्ग मिलेगा।
बेहतर के प्रयास
बी सर्टिफिकिट परीक्षा को लेकर छात्र व छात्रा कैडेट को अभ्यास कार्य कराया जा रहा है। घोड़ों की स्ट्रेंथ को लेकर प्रक्रिया जारी है। हम बेहतर करने की कोशिश में हैं।
कर्नल वसंत बल्लेवार, कमांडिंग ऑफिसर, आर एंड वी एनसीसी बटालियन

Home / Udaipur / video: उपचार ही नहीं करते, जरूरत पडऩे पर हथियार उठाने को भी तैयार हैं ये बेटियां

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो