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डॉक्टर बोले …कई दिनों से नहीं नहाए हम

locationउदयपुरPublished: Jun 05, 2019 01:23:04 pm

Submitted by:

Bhuvnesh

– गर्मी में पानी के लिए त्रस्त हैं रेजिडेंट
– लिखा पत्र कि हालात सुधारों नहीं तो
– सभी छात्रावासों में परेशानी

आरएनटी मेडिकल कॉलेज

आरएनटी मेडिकल कॉलेज

भुवनेश पण्ड्या

उदयपुर. दूसरों को स्वच्छता की नसीहत देने वाले चिकित्सक खुद ही गंदगी में रहने को मजबूर हैं। आरएनटी मेडिकल कॉलेज के रेजिडेंट जिन छात्रावासों में रहते हैं, वहां केहाल बेहद खराब हैं। इनमें जहां एक ओर गंदगी फैली है, वहीं भीषण गर्मी में विकट जल संकट बना हुआ है। रेजीडेंट्स को लम्बे समय से नहाने-धोने तक का पानी नसीब नहीं हो रहा है।
आरएनटी मेडिकल कॉलेज के अधीन जूनियर व सीनियर बॉयज हॉस्टल, गल्र्स हॉस्टल, दिलशाद भवन और ऑल्ड पीजी हॉस्टल संचालित हैं। सभी में मिलाकर ३५० रेजिडेंट्स निवासरत हैं। ६०० एमबीबीएस पढऩे वाले विद्यार्थी हैं। सभी हॉस्टल्स में पानी की कमी हैं। चेटक सर्किल स्थित दिलशाद भवन में पानी की भारी किल्लत है। यहां गत कई दिनों से पीने का पानी बाहर से मंगवाया जा रहा है, दिनचर्या के कार्यो के लिए जैसे-तैसे पानी जुटा रहे हैं।
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ये हैं हाल
– आधे से ज्यादा टॉयलेट और बाथरूम के द्वार खराब

– सुरक्षाकर्मी के अभाव में छात्रावासों में दिन भर श्वान मंडराते हैं।
– पानी की कमी के कारण चिकित्सक कई-कई दिनों तक नहा नहीं पा रहे हैं।
-रेजिडेंट टंकी का गंदा पानी पीने को मजबूर है, कहीं आरओ अवधिपार हो चुके हैं, तो कहीं इन्हें लगाया नहीं गया है।
– कई कक्षों में सीलन उभर आई है।

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ये बोले रेजीडेंट
– दिलशाद भवन में रह रहे डॉ संजीव चौधरी ने बताया कि हम पानी के लिए तरस रहे हैं। कई-कई दिनों तक चिकित्सकों को नहाने का पानी नहीं मिल रहा। इसे लेकर हमने चीफ वार्डन से शिकायत की थी, लेकिन वह सुनने के लिए तैयार ही नहीं। हमने चेतावनी पत्र लिखा है कि जल्द हालात नहीं सुधरे तो विरोध किया जाएगा।
– डॉ पूनम ने बताया कि गल्र्स हॉस्टल में हालात खराब हैं। पूरे हॉस्टल में कहीं पीने का पानी नहीं है। १०० चिकित्सक रहती है। बाहर से पानी मंगवाना पड़ता है। बिल्लियां व श्वान इधर-उधर गंदगी बिखेरते रहते हैं। सुबह अधिकतर को बगैर नहाए ड्यूटी पर जाना होता है। जिम्मेदार बात सुनने के लिए तैयार नहीं हैं।
– डॉ मुकेश खेदड़ ने बताया कि ओल्ड पीजी की स्थिति दयनीय है, केवल दिखावे की सफाई हो रही है। दिन भर जहां-तहां गंदगी रहती है। पीने का पानी नहीं है तो उपयोग के लिए पानी की खासी किल्लत है।
– सीनियर बॉयज हॉस्टल के डॉ अमित चौधरी ने बताया कि सफाई समय पर नहीं होती, मरम्मत नहीं हो रही है, कुछ दिनों से बिजली आने-जाने से बेहद परेशानी है, एेसे में जिन विद्यार्थियों की परीक्षा चल रही है वे परेशान है। हॉस्टल में पीने का पानी बाहर से मंगवाना पड़ रहा है, कई बार लिखकर दिया है, लेकिन सुधार नहीं हो रहा है। बाथरूमों में सफाई नहीं हो रही है, पानी होने के बाद भी दैनिक कार्यों में दिक्कत आ रही है।
– जूनियर बॉयज हॉस्टल के एक चिकित्सक ने बताया कि पानी की भारी किल्लत हैं, चार बाथरूम एक फ्लोर पर हैं, इनमें से एक में पानी आ रहा है। सफाई समय पर नहीं हो रही है। सफाईकर्मी सिर्फ दिखावे के लिए आता है। पीने के पानी की कोई व्यवस्था नहीं है, नीचे एक वाटर कूलर लगा है, जिसमें आरओ नहीं होने से पानी बेकार है, जो कोई नहीं पी सकता। सभी बाहर से मंगवा रहे हैं। कक्षों में अलमारियों की टूट-फूट हो चुकी है, गेट टूटे हुए हैं।
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सफाई के लिए ठेकेदार घनश्याम को कहा गया है। जल्द ही स्थितियां सुधर जाएंगी। पानी की जो कमी है, इसके लिए डॉ. विनोद छीपा टैंकर की व्यवस्था करेंगे। प्राचार्य के समक्ष आई शिकायतों को भी तत्काल निस्तारित कर दिया गया है।
डॉ एनके कदम, चीफ वार्डन
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