प्रशासन की सख्ती
जिला कलक्टर ने सभी चिकित्सकों के अवकाश निरस्त कर दिए हैं। इसके अलावा सभी चिकित्सा कार्मिकों को अवकाश से पहले कलक्टर से अनुमति लेने के आदेश जारी हुए। आयुष चिकित्सकों को हड़ताल रोकने के लिए प्रशासनिक स्तर पर सख्ती रखने के आदेश हुए।
रेश्मा कानून लागू होने के बावजूद प्रशासनिक स्तर पर चिकित्सकों के खिलाफ कार्रवाई के कोई प्रयास नहीं हुए। कार्रवाई के भय से चिकित्सक समूह में एक साथ अज्ञातवास पर और हड़ताल को सफल बनाने की रणनीति में जुटे।
मंगलवार से शुरू हो रहे ग्लोबल राजस्थान एग्रीटेक मीट (ग्राम) में जुटने वाले मंत्रियों एवं अन्य के लिए विशेषज्ञों की ड्यूटी लगाने को लेकर चिकित्सा विभाग चिंतित है। आरएनटी मेडिकल कॉलेज पहले ही 46 फीसदी रिक्त पदों से जूझ रहा है। कार्यक्रम में विशेषज्ञों की सेवाएं सुनिश्चित करने की परेशानी बढ़ी।
सीएमएचओ की व्यवस्थाएं
– 71 आयुष चिकित्सकों को डिस्पेंसरी, सीएचसी व पीएचसी की दी जिम्मेदारी।
– वॉक-इन-इंटरव्यू वाले 8 चिकित्सकों से सेवाएं ली।
– पीपीपी मोड पर संचालित 7 पीएचसी पर चिकित्सकों की सेवाएं जारी।
– 108 व 104 एम्बुलेंस से मरीज को राजकीय एवं निजी चिकित्सालयों में पहुंचाने के निर्देश जारी।
– निजी चिकित्सालयों की पर्चियों पर गरीब तबके को राजकीय चिकित्सालय से नि:शुल्क दवा देने के निर्देश।
– निजी मेडिकल कॉलेज से सीएचसी संचालन के लिए चिकित्सकों की सेवाएं सुनिश्चित की।
– संयुक्त निदेशक डॉ. आर.एन. बैरवा
– सीएमएचओ डॉ. संजीव टाक
– डिप्टी सीएमएचओ डॉ. राघवेंद्र राय
– ऋषभदेव बीसीएमओ डॉ. नागेंद्रसिंह राजावत