18 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

चिकित्सकों की हड़ताल से उदयपुर में लडखड़़ाई चिकित्सा व्यवस्था, सब जगह बिगड़े हालात

उदयपुर. अखिल राजस्थान सेवारत चिकित्सक संघ की सरकार से चल रही नाराजगी सोमवार को जिले के मरीजों के लिए मुसीबत का पैगाम लेकर आई।

2 min read
Google source verification
doctors Strike udaipur

उदयपुर . अखिल राजस्थान सेवारत चिकित्सक संघ की सरकार से चल रही नाराजगी सोमवार को जिले के मरीजों के लिए मुसीबत का पैगाम लेकर आई। एक साथ सेवारत चिकित्सकों के हड़ताल पर चले जाने से चिकित्सा तंत्र चरमरा गया। हालांकि, प्रशासनिक स्तर पर व्यवस्थाएं बहाली के प्रयास किए गए, लेकिन वे मेडिकल कॉलेज से सम्बद्ध चिकित्सालयों को छोडकऱ जिले भर में नाकाफी साबित हुए।

पहले दिन मरीजों की लाचारी का मिला-जुला असर दिखाई रहा। इस बीच, जिला कलक्टर ने निजी व राजकीय मेडिकल कॉलेज के साथ ही चिकित्सा विभाग के अधिकारियों की आपात बैठक बुलाकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। इधर, ऑल राजस्थान मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन के बाद रेजिडेंट यूनियन, इंटर्नशिप एमबीबीएस विद्यार्थियों एवं आयुष चिकित्सकों, यूटीबी नर्सिंग स्टाफ ने भी हड़ताल पर जाने के संकेत दिए हैं।

READ MORE: उदयपुर: वृक्षों की कटाई को लेकर तथ्यों में किया ये फेरबदल, SIERT ने छिपाए तथ्य, ये तीन केस बता रहे सच्चाई

रेजीडेंट यूनियन ने सरकार पर मांगों को लेकर दबाव बनाने के लिए आवश्यक बैठक कर हड़ताल की रणनीति तैयार की। पहले दिन रेजिडेंट ने महाराणा भूपाल राजकीय चिकित्सालय परिसर में कैंडल मार्च निकाल कर विरोध का आगाज हुआ। इंटर्नशिप कर रहे आरएनटी मेडिकल कॉलेज के एमबीबीएस विद्यार्थियों ने भी प्राचार्य को ज्ञापन तैयार कर हड़ताल के समर्थन में जाने के संकेत दिए। वहीं आयुष चिकित्सक संघ ने भी मंगलवार से हड़ताल पर उतरने के संकेत दिए है।


प्रशासन की सख्ती
जिला कलक्टर ने सभी चिकित्सकों के अवकाश निरस्त कर दिए हैं। इसके अलावा सभी चिकित्सा कार्मिकों को अवकाश से पहले कलक्टर से अनुमति लेने के आदेश जारी हुए। आयुष चिकित्सकों को हड़ताल रोकने के लिए प्रशासनिक स्तर पर सख्ती रखने के आदेश हुए।

अज्ञातवास पर डॉक्टर्स
रेश्मा कानून लागू होने के बावजूद प्रशासनिक स्तर पर चिकित्सकों के खिलाफ कार्रवाई के कोई प्रयास नहीं हुए। कार्रवाई के भय से चिकित्सक समूह में एक साथ अज्ञातवास पर और हड़ताल को सफल बनाने की रणनीति में जुटे।

कार्यक्रम की चिंता
मंगलवार से शुरू हो रहे ग्लोबल राजस्थान एग्रीटेक मीट (ग्राम) में जुटने वाले मंत्रियों एवं अन्य के लिए विशेषज्ञों की ड्यूटी लगाने को लेकर चिकित्सा विभाग चिंतित है। आरएनटी मेडिकल कॉलेज पहले ही 46 फीसदी रिक्त पदों से जूझ रहा है। कार्यक्रम में विशेषज्ञों की सेवाएं सुनिश्चित करने की परेशानी बढ़ी।


सीएमएचओ की व्यवस्थाएं
- 71 आयुष चिकित्सकों को डिस्पेंसरी, सीएचसी व पीएचसी की दी जिम्मेदारी।
- वॉक-इन-इंटरव्यू वाले 8 चिकित्सकों से सेवाएं ली।
- पीपीपी मोड पर संचालित 7 पीएचसी पर चिकित्सकों की सेवाएं जारी।
- 108 व 104 एम्बुलेंस से मरीज को राजकीय एवं निजी चिकित्सालयों में पहुंचाने के निर्देश जारी।
- निजी चिकित्सालयों की पर्चियों पर गरीब तबके को राजकीय चिकित्सालय से नि:शुल्क दवा देने के निर्देश।
- निजी मेडिकल कॉलेज से सीएचसी संचालन के लिए चिकित्सकों की सेवाएं सुनिश्चित की।

ये डटे रहे सेवाओं में
- संयुक्त निदेशक डॉ. आर.एन. बैरवा
- सीएमएचओ डॉ. संजीव टाक
- डिप्टी सीएमएचओ डॉ. राघवेंद्र राय
- ऋषभदेव बीसीएमओ डॉ. नागेंद्रसिंह राजावत