—- कई बार भागे हैं सीनियर रेजिडेंट्स
यहां आपको भले ही कोई सुरक्षाकर्मी मिले या ना मिले, लेकिन इस छात्रावास के प्रवेश द्वार पर हर समय पांच से दस श्वानों की टोली जरूर मिल जाएगी। वे बकायदा आपको देखते ही भोंककर झपट पडे़ंगे। कई बार तो यहां रहने वाले एमबीबीएस को भी खुद के बचाव के लिए यहां से भागना पड़ा है। पड़ताल के लिए जब यहां पहुंचे तो देखा कि कई श्वान स्वागत कर रहे थे, मौजूद सुरक्षाकर्मी बंशीलाल से पूछा तो बताया कि यहां से कई बार हटाते हैं, लेकिन वह यहां से जूनियर हॉस्टल में चले जाते हैं। ज्यादा भगाने के प्रयास पर काटने दौड़ते हैं, इसलिए वह उन्हें छेड़ते ही नहीं हैं।
यहां आपको भले ही कोई सुरक्षाकर्मी मिले या ना मिले, लेकिन इस छात्रावास के प्रवेश द्वार पर हर समय पांच से दस श्वानों की टोली जरूर मिल जाएगी। वे बकायदा आपको देखते ही भोंककर झपट पडे़ंगे। कई बार तो यहां रहने वाले एमबीबीएस को भी खुद के बचाव के लिए यहां से भागना पड़ा है। पड़ताल के लिए जब यहां पहुंचे तो देखा कि कई श्वान स्वागत कर रहे थे, मौजूद सुरक्षाकर्मी बंशीलाल से पूछा तो बताया कि यहां से कई बार हटाते हैं, लेकिन वह यहां से जूनियर हॉस्टल में चले जाते हैं। ज्यादा भगाने के प्रयास पर काटने दौड़ते हैं, इसलिए वह उन्हें छेड़ते ही नहीं हैं।
—- ये है हॉस्टल की समस्याएं
– समय पर सफाई नहीं होती, चारो और कचरा और गदंगी पसरी रहती है। – कई कमरों की छतें उखड़ रही हैं तो बरामदों में दीवारों से भी प्लास्टर खरता जा रहा है।
– पूरे हॉस्टल को रखरखाव व रंगरोगन की जरूरत है।
– समय पर सफाई नहीं होती, चारो और कचरा और गदंगी पसरी रहती है। – कई कमरों की छतें उखड़ रही हैं तो बरामदों में दीवारों से भी प्लास्टर खरता जा रहा है।
– पूरे हॉस्टल को रखरखाव व रंगरोगन की जरूरत है।
– बिजली के बोर्ड टूटे हुए हैं, तो कई बोर्ड नीचे लटक रहे हैं। – होस्टल वार्डन को यहां देखने की फुर्सत ही नहीं, कभी कोई यहां झांकता तक नहीं है।
– पीने के पानी की व्यवस्था बदहाल है।
– पीने के पानी की व्यवस्था बदहाल है।
—— शौचालय से उठती है बदबू
इस हॉस्टल में शौचालय तो जैसे बरसों से कभी साफ ही नहीं हुए, इससे लगातार बदबू उठती रहती है, बरामदों में जो रोज का कचरा फैला रहता है, उन्हें समय पर कोई साफ करने वाला नहीं है, कचरे के तो हर जगह ढेर लगे रहते हैं।
इस हॉस्टल में शौचालय तो जैसे बरसों से कभी साफ ही नहीं हुए, इससे लगातार बदबू उठती रहती है, बरामदों में जो रोज का कचरा फैला रहता है, उन्हें समय पर कोई साफ करने वाला नहीं है, कचरे के तो हर जगह ढेर लगे रहते हैं।
—– सीनियर बॉयज हॉस्टल के हाल अर्से से एेसे ही है, इसमें जल्द ही सुधार करना चाहिए। जो-जो समस्याएं आ रही है उनका निस्तारण तत्काल करना चाहिए।
डॉ राजवीरसिंह, पूर्व अध्यक्ष रेजिडेंट्स एसोसिएशन —–
डॉ राजवीरसिंह, पूर्व अध्यक्ष रेजिडेंट्स एसोसिएशन —–
हॉस्टल व्यवस्था बेहतर करवाने के लिए जल्द ही सभी की रिपोर्ट मांग रहे हैं, उसके आधार पर जिसमें जिन-जिन कार्यों की जरूरत है, उन्हें बारी-बारी से पूरा करवाएंगे, ताकि आगे परेशानी नहीं रहे। डॉ लाखन पोसवाल, प्राचार्य आरएनटी मेडिकल कॉलेज