scriptयहां रहस्‍यमयी तरीके से हर दिन हो रही पशुओं की मौत, आखिर क्‍या है इन मौतों का राज | Domestic Animals Died At Menar Village Udaipur | Patrika News

यहां रहस्‍यमयी तरीके से हर दिन हो रही पशुओं की मौत, आखिर क्‍या है इन मौतों का राज

locationउदयपुरPublished: Dec 22, 2017 04:38:39 pm

Submitted by:

Umesh Menaria

एक हफ्ते मे दर्जनभर पशुओं की मौत, प्रशासन बेखबर , ग़लघोंटू रोग की आशंका

animal died, menar
मेनार. मेनार कस्बे में एक सप्ताह के अंदर करीब 12 से ज्यादा पशुओं की अचानक हुई मौत ने मेनार क्षेत्र के किसानों की कमर तोड़ कर रख दी है । कृषि प्रधान गाँव में यहां के लोग पशु के सहारे ही खेती करते है । लेकिन इन दिनों इस क्षेत्र में दुधारू पशुओं की अचानक हो रही मौत ने किसानों को चितिंत कर दिया है। करीब एक दर्जन से पशुओं की मौत होने के बाद पशुपालन विभाग बेखबर है । वहीं दिन प्रतिदिन क्षेत्र में अभी भी पशुओं की मौत का सिलसिला जारी है।
पीड़ित किसान जगदीश मेनारिया ने बताया कि अधिकतर लोग पशुओं की हो रही लगातार मौत का कारण समझ नहीं पा रहे हैं। पशुपालन विभाग मामले में कदम उठाने की बात कही। एक गाय बछड़े को जन्म देते ही दोनों अचानक मर गए ना तो इसे पहले इसकी तबियत खराब हुई ना कुछ पता पड़ा। लोगों को गलघोंटू रोग फैलने की आशंका है । पशुपालन विभाग इस मामले से बेखबर है। वहीं मेनार स्थित पशु चिकित्सा केंद्र कहीं महीनों से बन्द है। ऐसे में पशुपालक जाएं भी तो कहां जाएं क्योंकि गत पंद्रह दिनों से पशुओं में अज्ञात बीमारी फैली है। बीमारी से विभाग बेखबर है, जबकि लगातार अचानक पशुओं की मौत हो रही है। पीड़ित किसानों ने बताया कि भैंसों ने अच्छी तरह चारा खाया, लेकिन रात में अचानक भैंस जमीन पर गिर गई और उनकी मौत हो गई। अन्य पशु पालकों ने भी कहा कि विभाग की लापरवाही से पशु पालक चितिंत है। अगर समय रहते विभागीय चिकित्सक बीमारी पर काबू नहीं पाते हैं तो अन्य पशुपालकों को भी होने वाली पशुधन की हानि से इंकार नहीं किया जा सकता। विभागीय अनदेखी से पशुपालकों में चिकित्सकों के खिलाफ रोष पनप रहा है ।
READ MORE : VIDEO चिकित्सक हड़ताल का चौथा दिन: 5 दिन में इतने मरीजों की हुई मौत, हर तरफ हालात बेकाबू

गलघोंटू रोग से ऐसे करें पशुओं का बचाव

भैंस के स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाला प्रमुख जीवाणु रोग, गलघोटू है जिससे ग्रसित पशु की मृत्यु होने की सम्भावना अधिक होती है । यह रोग “पास्चुरेला मल्टोसीडा” नामक जीवाणु के संक्रमण से होता है । सामान्य रूप से यह जीवाणु श्वास तंत्र के उपरी भाग में मौजूद होता है एवं प्रतिकूल परिस्थितियों के दबाव में जैसे की मौसम परिवर्तन, वर्षा ऋतु, सर्द ऋतु , कुपोषण, लम्बी यात्रा, मुंह खुर रोग की महामारी एवं कार्य की अधिकता से पशु को संक्रमण में जकड लेता है यह रोग अति तीव्र एवं तीव्र दोनों का प्रकार संक्रमण पैदा कर सकता है
संक्रमण से फैलता है : संक्रमित पशु से स्वस्थ पशु में दूषित चारे, लार द्वारा या श्वास द्वारा स्वस्थ पशु में फैलता है ।अलग – अलग स्थिति में प्रभावित पशुओं में मृत्यु दर 50 से 100% तक पहुँच जाती है ।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो