डॉ. सिंह ने बताया कि वे हाल ही मालदीव्स गए तो उन्हें वॉटर स्पोट्र्स करने का मन किया। स्कूबा डाइविंग के बारे में सोचा तो पहले मन में कुछ घबराहट हुई। फिर हिम्मत कर मन बना लिया। इसके लिए वहां के वॉटर स्पोट्र्स सेक्शन में बात की तो एक बारगी वे भी हिचकिचाए लेकिन बाद में तैयार हो गए।
हालांकि, इसके लिए उन्हें पहले प्रशिक्षण दिया, फिर समुद्र में जाने का मौका दिया। उन्होंने बताया कि इसके लिए उनके साथ उनके ट्रेनर भी थे। वे जैसे ही समुद्र में ऑक्सीजन मास्क और सिलेंडर के साथ उतरे तो एक बार मुंह और आंखों में पानी चला गया, जिससे काफी घबराहट हुई।
ऐसे में गाइड ने मेरी हालत देखकर कहा, रहने दें क्या? लेकिन मैंने सोचा कि आज नहीं कर पाया तो फिर कभी नहीं हो पाएगा। बस, उसके बाद समुद्र की गहराइयों में प्रवेश कर गया। जहां दुनिया निहायत खूबसूरत थी। अंदर समुद्री जीवों, मछलियों, चट्टानों को देखा और समुद्र के तले जाकर रेत को छुआ। यकीनन, यह मेरे जीवन का एक अनोखा व यादगार अनुभव रहा। जिसे अनुभूत करके मैंने मालदीव्स में पहले दिव्यांग स्कूबा डाइविंग का सर्टिफिकेट प्राप्त किया।
पहले कभी नहीं उतरने दिया समुद्र में
डॉ. सिंह ने बताया कि समुद्र में उतरने की उनकी इच्छा बहुत पहले से थी। वे 10 साल पहले जब सिंगापुर गए थे तो वहां विकलांगता के कारण उन्हें समुद्र में उतरने की इजाजत नहीं मिली। इस कारण तब उनके मन में मलाल रह गया। साथ ही समुद्र में उतरने और उसकी गहराइयां नापने की इच्छा और प्रबल हो गई। इधर, अबकी बार जब मौका मिला तो बस, कर दिखाया। डॉ. सिंह के अनुसार, दिव्यांगता कोई भी काम करने में बाधक नहीं है। मन के हौसले बुलंद होने चाहिए। हालांकि, सर्टिफाइड स्कूबा डाइविंग सर्टिफिकेट लेने के बाद भी एक निश्चित गहराई तक ही जाने दिया जाता है, वो भी किसी लोकल गाइड के साथ।
ये है स्कूबा डाइविंग स्कूबा डाइविंग सबसे लोकप्रिय वॉटर स्पोट्र्स में से एक है जिसकी लगातार दुनिया भर में लोकप्रियता बढ़ रही है। स्कूबा का मतलब ‘सेल्फ कंटेंड अंडरवाटर ब्रीथिंग एपरेटस’ होता है। स्कूबा डाइविंग का सबसे बड़ा रोमांच है गहराई और समुद्र के अंदर की दुनिया। समुद्र ऊपर से तो खूबसूरत दिखाई देता है। लेकिन, अंदर उससे भी कहीं ज्यादा खूबसूरत संसार है।