जनाना हॉस्पिटल की अधीक्षक डॉ मधुबाला चौहान ने बताया कि उन्हें मरीजों से दुव्र्यवहार को लेकर हिदायत दी गई है कि डॉक्टर को मृदुभाषी व देखभाल करने वाला होना चाहिए। प्राचार्य डॉ डीपी सिंह ने बताया कि कॉलेज काउंसिल की बैठक में हुए निर्णय के अनुरूप उन्हें सैटेलाइट हिरणमगरी में लगाया गया है। इस निर्णय पर हैरानी जताई गई है क्योंकि चिकित्सक को जब इतने गंभीर मामले में दोषी पाया गया, पर कॉलेज व चिकित्सालय प्रशासन ने उन्हें राहत दे दी है।
—- बचाया डॉक्टर को, मैं अनशन पर बैठूंगा
पीडि़ता शीतल के देवर ललित सालवी का कहना है कि चिकित्सालय प्रशासन ने चिकित्सक को दोषी तो मान लिया लेकिन उसे बचा भी लिया है। इतने गंभीर मामले में चिकित्सक को केवल दूसरे हॉस्पिटल में लगाना सजा नहीं कहा जा सकता है। सालवी ने बताया कि जब तक न्याय नहीं होगा, तब तक वे चुप नहीं बैठेंगे। वह जल्द ही अनशन पर बैठेगा। साथ ही जिला कलक्टर से लेकर मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री तक न्याय की गुहार लगाएंगे।