—– आरएनटी की नींव का पहला पत्थर रखा तब थे मौजूद 1961 में स्थापित हुए आरएनटी मेडिकल कॉलेज की नींव का पहला पत्थर डॉ गुप्ता के सामने रखा गया। बकौल गुप्ता भारत के चौथे प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई उस समय उसका शिलान्यास करने पहुंचे थे। कॉलेज के प्राचार्य कक्ष में लगे उस फोटो में डॉ गुप्ता भी शामिल हैं।
—– इस सितारे के नाम है कई उपलब्धियां सवाईमानसिंह मेडिकल कॉलेज के 1947 के पहले बैच के विद्यार्थी डॉ गुप्ता आरएनटी में सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष रहे। सरकार ने उन्हें कोलम्बों योजना के तहत अमरीका व कनाड़ा भेजा। प्रदेश में क्रायोसर्जरी, एंडोस्कॉपी व पेट की बीमारी को दूर करने का प्रशिक्षण उन्होंने विदेशों से लिया। 1979 में राज्य सरकार और यूजीसी ने उन्हें पेरिस भी भेजा था।
—- ये है राजस्थान में क्रायोसर्जरी के जनक डॉ गुप्ता ने सबसे पहले सबसे पहले क्रायोसर्जरी की शुरुआत की। राज्य सरकार ने योग्यता वेतन पुरस्कार 15 अगस्त 1973 को उन्हें दिया गया, ये पुरस्कार प्राप्त करने वाले वे राज्य के पहले चिकित्सक रहे। तत्कालीन राज्यपाल ने उन्हें पुरस्कृत किया था। उस समय मुख्यमंत्री शिवचरण माथुर थे। देश-विदेश की सर्जरी से जुड़ी सैंकड़ों जर्नल्स में उनके आलेख प्रकाशित हो चुके हैं। 1987 में सेवानिवृत्ति के बाद इसके बाद से वे निजी चिकित्सालयों में सेवा दे रहे हैं। उनकी जीवन संगिनी डॉ तुष्टि गुप्ता 1948 के बैच यानी सवाई मानसिंह चिकित्सालय के दूसरे बैच की विद्यार्थी रही है।