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कहने को तो झीलों की नगरी लेकिन यहां एक माह में तीस लाख रुपए के टैंकर मंगवाते हैं लोग

locationउदयपुरPublished: Jun 13, 2019 02:20:02 pm

Submitted by:

Bhagwati Teli

500 फीट गहरे बोर में भी नहीं है पानीबार-बार आश्वासन के बावजूद तरस रहे लोग
नाकोड़ा नगर और आसपास के क्षेत्रों में विकट जल संकट
 
 

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व्यवस्था… नगर के पेयजल संकट वार्डों में टैंकरों से की जा रही जल आपूर्ति।

उदयपुर . शहर के विस्तार के साथ ही नई-नई कॉलोनियां विकसित हो रही है। इनसे विकास शुल्क के मद में नगर विकास प्रन्यास करोड़ों रुपए की आय प्राप्त कर रहा है लेकिन इन कॉलोनियों में दो दशक बाद भी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं करवाई जा रही। ऐसे में लोग परेशान हो रहे हैं। नाकोड़ा नगर और आसपास की कॉलोनियों में विकट जल संकट बना हुआ है। जलदाय विभाग की सप्लाई व्यवस्था नहीं होने से लोग मजबूरन टैंकर मंगवाकर गुजारा कर रहे हैं जिससे क्षेत्रवासी प्रतिमाह करीब 30 लाख रुपए केवल पानी खर्च कर रहे हैं।
नाकोड़ा नगर प्रथम से तृतीय, धाऊजी की बाड़ी, नाकोड़ा पुरम, सौभाग्य नगर, आदर्श नगर, गायत्री नगर, रकमपुरा, जनकपुरी और आसपास के क्षेत्रों में पुरानी और नई आबादी मिलाकर करीब 1500 घर हैं। लोगों ने बताया कि हर घर में सप्ताह में दो से तीन टैंकर पानी के आते हैं। एक टैंकर की राशि 250 रुपए मानें तो प्रत्येक परिवार 8 टैंकर पर प्रतिमाह 2000 रुपए खर्च कर रहा है। इधर, सरकार की योजना के तहत नाकोड़ा नगर के पास ही मेगा आवास योजना बनाई जा रही है। इसका काम करीब पांच वर्ष से चल रहा है। इसके तहत करीब 1696 मकान बनाए जा रहे हैं। इनके लिए पानी की टंकी बनाने के साथ ही पाइप-लाइन भी बिछाई गई है लेकिन सरकारी एजेंसियां पहले से रह रहे लोगों को पानी उपलब्ध नहीं करवा पा रही तो इस योजना के लाभार्थी लोगों को कैसे पानी उपलब्ध करवाएंगे ?
विधानसभा में भी उठा मामला
क्षेत्र के महेश व्यास ने बताया कि गत कार्यकाल में ग्रामीण विधायक फूलसिंह मीणा ने विधानसभा में इस मुद्दे को उठाया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। हर बार मांग करने पर केवल आश्वासन ही मिलता है। ऐसे में लोगों में निरंतर रोष बढ़ता जा रहा है। गुलाबसिंह सिसोदिया ने बताया कि वे 2005 से नाकोड़ा नगर में रह रहे हैं। क्षेत्र में भूजल स्तर काफी नीचा है। ऐसे में लोग पानी के टैंकर मंगवाने को मजबूर है।
कब बनेगी टंकी
नाकोड़ा नगर द्वितीय में रहने वाले अम्बालाल शर्मा ने बताया कि करीब तीन वर्ष पूर्व हमारे घर के पास वर्तमान यूआईटी सचिव ने पानी की टंकी और फील्टर प्लांट बनाने के लिए जमीन भी देने का आश्वासन दिया था लेकिन अब तक न पानी की टंकी बनी है और न ही आवंटित भूमि की चारदीवारी बनाई गई है।
तीसरे दिन मंगवाना पड़ता है टैंकर
नाकोड़ा नगर प्रथम की रहने वाली सुंदर माली ने बताया कि वे इस कॉलोनी में गत दस साल से रह रही हैं। काफी गहरा ट्यूबवैल खुदवाने के बावजूद उसमें पानी नहीं आया। हर तीसरे दिन पानी का टैंकर मंगवाना पड़ता है। प्रज्ञा शर्मा ने बताया कि गर्मी के दिनों में टैंकर मंगवाने के लिए एडवांस बुकिंग करवानी पड़ती है। साथ ही इनकी राशि बढ़ जाती है जिससे बजट बिगड़ जाता है। प्रशासन को क्षेत्र में पेयजल व्यवस्था शीघ्र करवानी चाहिए जिससे लोगों को राहत मिले।
गर्मी में बढ़ जाती है टैंकर की राशि

नाकोड़ा नगर द्वितीय की भंवर कुंवर ने बताया कि वे इस कॉलोनी में गत 15 वर्षों से रह रही है। तीन से चार दिन में टैंकर मंगवाना पड़ता है। टैंकर की राशि गर्मी में 250 रुपए से 350 रुपए तक चलती है। भूतल पर बने टैंक में टैंकर खाली करवाने के बाद ऊपर टंकी में पानी चढ़ाया
जाता है।
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