--------- ऐसे चलती रही पत्रावली - 10 मई, 19 को उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग के शासन सचिव को संयुक्त सचिव उच्च शिक्षा डॉ. राजेन्द्र जोशी ने पत्र भेजा था, इसमें उल्लेख है कि सरकार को अभिमत है कि सभी भतियों में विवि अनुदान आयोग विनियम 2010 के निर्देशों की पालना होनी चाहिए। समिति ने इसका परीक्षण नहीं किया। समिति को निर्देशित किया जाए कि वह पुन: परीक्षण करें। चयनित अभ्यर्थियों में से विवि अनुदान आयोग के विनियम 2010 के निर्देशानुसार कितने अभ्यर्थी वांछित योग्यताएं पूर्ण नहीं करते हैं।- अभ्यर्थियों के एपीआई स्कोर समिति की ओर से कोई टिप्पणी नहीं की गई है। समिति को निर्देश दिए जाए कि वह सभी अभ्यर्थियों के एपीआई स्कोर पर भी परीक्षण के बाद रिपोर्ट दें ।
-------- पहले गठित हो चुकी है कमेटी - विवि में 2012 में हुई शैक्षणिक पदों पर भर्ती की विस्तृत जांच के लिए उच्च स्तरीय कमेटी गठित हुई। राज्य सरकार के निर्देशानुसार 8 जून, 2017 को जांच समिति का गठन किया गया। इसमें पं. दीनदयाल उपाध्याय शेखावाटी विवि सीकर के तत्कालीन कुलपति प्रो. बीएल शर्मा को संयोजक बनाया गया। वहीं जय नारायण व्यास विवि जोधपुर के वनस्पति शास्त्र विभाग के प्रो. सुन्दर मूर्ति व राजस्थान तकनीकी विवि कोटा के चन्द्रदेव प्रसाद को सदस्य बनाया गया है। उस समय रिपोर्ट एक माह में देनी थी।- राज्यपाल के निर्देशानुसार 9 सितम्बर, 2017 द्वारा इस जांच समिति के गठन को आगामी आदेश तक स्थगित किया गया।
- राज्यपाल के आदेशानुसार 8 जून, 18 द्वारा जांच समिति का गठन किया गया, इसमें डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन राजस्थान आयुर्वेद विवि जोधपुर के तत्कालीन कुलपति प्रो. राधेश्याम शर्मा अध्यक्ष, महाराजा सूरजमल बृज विवि भरतपुर के तत्कालीन कुलपति प्रो. अश्विनीकुमार बंसल सदस्य व कुलसचिव सुविवि को संयोजक बनाया गया था। इसकी रिपोर्ट दो माह में देनी थी।- राज्यपाल के निर्देशानुसार 20 जून, 2019 की ओर से संभागीय आयुक्त उदयपुर की अध्यक्षता में पूर्व समिति की ओर से प्रस्तुत जांच प्रकरण की पुन: जांच करने के लिए समिति का गठन किया गया।
------------ यह मामला भी पहुंचा कुलपति के पास कुलपति प्रो. अमेरिका सिंह ने बताया कि 2012 में शिक्षक भर्ती में बॉटनी विभाग में डॉ. विनीत सोनी का चयन विवादों में घेरे में आया है। सूचना के अधिकार के माध्यम से उनके द्वारा प्रस्तुत नॉन क्रीमिलेयर वर्ग के प्रमाण पत्र पर सवाल उठे हैं। पिता के राजस्थान विवि में शिक्षक रहते उन्होंने गलत जानकारी से अन्य पिछड़ा वर्ग नोन क्रीमिलेयर प्रमाण पत्र बनवा लिया और सुविवि में नियुक्ति प्राप्त की है। उन्होंने जो जाति प्रमाण पत्र बनवाया था, उसमें अपने पिता की मासिक आय गलत प्रस्तुत की थी। हम पूरे मामले की जांच कर रहे हैं।
---------- जिन-जिन की नियुक्तियां फर्जी तरीके से हुई हैं, उन पर जल्द कार्रवाई होगी। निर्देशानुसार मामला राजभवन को सौंप दिया गया है। जल्द ही इस पर रिपोर्ट आने वाली है। प्रो. अमेरिका सिंह, कुलपति, सुविवि