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भावी पीढ़ी को तराशने के लिए शिक्षक जवाबदार, उनकी समस्याएं निपटाने को सरकार जिम्मेदार

locationउदयपुरPublished: Sep 21, 2019 02:59:08 pm

Submitted by:

Krishna

शिक्षक संगठनों के शैक्षिक सम्मेलन

भावी पीढ़ी को तराशने के लिए शिक्षक जवाबदार, उनकी समस्याएं निपटाने को सरकार जिम्मेदार

भावी पीढ़ी को तराशने के लिए शिक्षक जवाबदार, उनकी समस्याएं निपटाने को सरकार जिम्मेदार

चंदन सिंह देवड़ा/उदयपुर . देश का भविष्य भावी पीढ़ी होती है जिसे तैयार करने का काम शिक्षक का होता है। शिक्षक व्यक्ति ही नहीं, समाज और राष्ट्र का निर्माण करता है। ऐसे में उसकी जवाबदारी बहुत है। ऐसे में शिक्षकों की समस्याओं को दूर करना एवं बेहतर शिक्षण संसाधन उपलब्ध करवाने की जिम्मेदारी सरकार की होती है। उक्त विचार शुक्रवार को शिक्षक संगठनों के दो दिवसीय जिला स्तरीय शैक्षिक सम्मेलन के पहले दिन शिक्षाविदें और चिंतकों ने व्यक्त किए। इस अवसर पर शिक्षा, शिक्षण और शिक्षा नीतियों पर चर्चा हो रही है। शनिवार को खुले सत्र में शिक्षक विभिन्न मुद्दों पर चर्चा कर प्रस्ताव तैयार कर सरकार को भेजेंगे।
सत्रांक हटा दो तो बोर्ड परिणाम घट जाए-चौधरी

शिक्षक संघ राष्ट्रीय का सम्मेलन रेजिडेंसी विद्यालय के सभागार में हुआ। मुख्य वक्ता माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व चेयरमैन प्रो बीएल चौधरी ने कहा कि बोर्ड कक्षाओं में अगर सत्रांक की परिपाटी खत्म कर दी जाए तो परीक्षा परिणाम 40 प्रतिशत रह जाएगा। यह इसलिए करना पड़ रहा है कि शिक्षक निरंतर पूरी ईमानदारी से मेहनत करें। बरसों पूर्व स्कूलों में कम्प्यूटर पहुंच गए लेकिन आज तक किसी सरकार ने कम्प्यूटर शिक्षक की भर्ती नहीं की, यह जिम्मेदारी सरकार की है। जिलाध्यक्ष जसवंतसिंह ने बताया कि मुख्य अतिथि पूर्व गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि शिक्षक अच्छा इंसान तैयार करते हैं। शिक्षको की समस्याएं वे विधानसभा में उठाएंगे। सम्मेलन में पूर्व संयुक्त निदेशक भरत मेहता, सहायक कर्मचारी संघ नेता कमल बाबेल, बद्री मेघवाल भी मौजूद थे। सम्मेलन में वरिष्ठ सदस्यों को सम्मानित किया गया।
बच्चों की प्रतिभाएं पहचान बनाए विषय विशेषज्ञ-रघुवीर


राजस्थान शिक्षक एवं पंचायती राज कर्मचारी संघ का शैक्षिक सम्मेलन बीएन कॉलेज के कुंभा सभागार में शुरू हुआ। मुख्य अतिथि पूर्व सांसद रघुवीर मीणा ने कहा कि शिक्षकों को बालक की प्रतिभा को बाल्यावस्था में ही पहचान कर एवं उसे तराश कर भविष्य का विषय विशेषज्ञ बनाना होगा। संगठन के प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष सिंह चौहान ने बताया कि अध्यक्षता कर रहे एमपीयूएटी कुलपति प्रो एनएस राठौड़ ने कहा कि शिक्षक अपने ज्ञान, कौशल व अनुभव के सामंजस्य से शिक्षा का स्तर सुधारने की योग्यता रखते हैं। विशिष्ट अतिथि शिक्षा अधिकारी माध्यमिक भरत जोशी ने भी विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम को जब्बर सिंह पवार, जिलाध्यक्ष नवीन व्यास, महामंत्री स्वरूप सिंह शक्तावत ने भी संबोधित किया।
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