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यों चल रहा है ाुला ोल डाकनवली (ओड़ा) गांव में दो लाइनमैन काम कर रहे हैं। केसरसिंह और कमलेश। ये ाुलेआम लोगों के घरों से मीटर ाराब बताकर गांव के ही एक मकान के बाहरी हिस्से में फेंक देते हैं। पत्रिका की टीम जब इस गांव में पहुंची तो वहां कई मीटर वहां पडे़ मिले। पर्वतसिंह के घर के बाहरी हिस्से में ये मीटर फेंक गए हैं। सिंह ने बताया कि काफी समय से ये मीटर यहां पडे़ हैं। कई बार कहा है लेकिन लाइनमैन उठा नहीं रहे। पर्वतसिंह ने कहा कि उनके गांव में अ ाी केसरसिंह और त तसिंह लाइनमैंन हैं।
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यों चल रहा है ाुला ोल डाकनवली (ओड़ा) गांव में दो लाइनमैन काम कर रहे हैं। केसरसिंह और कमलेश। ये ाुलेआम लोगों के घरों से मीटर ाराब बताकर गांव के ही एक मकान के बाहरी हिस्से में फेंक देते हैं। पत्रिका की टीम जब इस गांव में पहुंची तो वहां कई मीटर वहां पडे़ मिले। पर्वतसिंह के घर के बाहरी हिस्से में ये मीटर फेंक गए हैं। सिंह ने बताया कि काफी समय से ये मीटर यहां पडे़ हैं। कई बार कहा है लेकिन लाइनमैन उठा नहीं रहे। पर्वतसिंह ने कहा कि उनके गांव में अ ाी केसरसिंह और त तसिंह लाइनमैंन हैं।
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एक ने सच बोला तो दूसरे ने उगला सफेद झूठ
पत्रिका ने जब लाइनमैन केसरसिंह से फोन पर बात की तो उसने बताया कि कुछ समय पूर्व उसके साथ काम करने वाले लाइनमैन कमलेश ने लोगों से तीन-साढे़ तीन रुपए लिए थे, लेकिन वे पैसे संबंधितों को वापस कर दिए। जो मीटर ाराब थे उन्हें लेकर यहां र ाा है। कुछ दिनों के बाद जैसे ही गाड़ी आएगी, हम स ाी को गाड़ी में ोज देंगे।
– लाइनमैन कमलेश ने बताया कि यहां पर बिजली का काम चल रहा था, उस समय कुछ प्राइवेट लोग गांव में काम के लिए आए थे। एईएन साहब ने उन्हें ोजा था मदद के लिए। जो पैसे लिए थे, उन्हें लौटा दिया गया था। मेरा उस राशि से कोई लेना-देना नहीं है।
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पत्रिका ने जब लाइनमैन केसरसिंह से फोन पर बात की तो उसने बताया कि कुछ समय पूर्व उसके साथ काम करने वाले लाइनमैन कमलेश ने लोगों से तीन-साढे़ तीन रुपए लिए थे, लेकिन वे पैसे संबंधितों को वापस कर दिए। जो मीटर ाराब थे उन्हें लेकर यहां र ाा है। कुछ दिनों के बाद जैसे ही गाड़ी आएगी, हम स ाी को गाड़ी में ोज देंगे।
– लाइनमैन कमलेश ने बताया कि यहां पर बिजली का काम चल रहा था, उस समय कुछ प्राइवेट लोग गांव में काम के लिए आए थे। एईएन साहब ने उन्हें ोजा था मदद के लिए। जो पैसे लिए थे, उन्हें लौटा दिया गया था। मेरा उस राशि से कोई लेना-देना नहीं है।
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ये है नियम
नियमानुसार गारन्टी पीरियड में जो मीटर है, उन्हें कंपनी से तत्काल बदलवाया जाता है। इसके बाद मीटर को स्क्रेप के रूप में स्टोर में जमा करवाया जाता है। किसी ाी मीटर को कबाड़ में फेंक नहीं सकते। यदि कोई मामला है, तो उसे दि ावाएंगे।
नियमानुसार गारन्टी पीरियड में जो मीटर है, उन्हें कंपनी से तत्काल बदलवाया जाता है। इसके बाद मीटर को स्क्रेप के रूप में स्टोर में जमा करवाया जाता है। किसी ाी मीटर को कबाड़ में फेंक नहीं सकते। यदि कोई मामला है, तो उसे दि ावाएंगे।
गिरीशकुमार पारी ा, अधीक्षण अ िायन्ता उदयपुर