चौंकाने वाली बात यह कि बाघों का कुनबा बढ़ाने के लिए देशभर में अव्वल मध्यप्रदेश में पांच हजार वर्ग किलोमीटर से ज्यादा वनक्षेत्र पर अतिक्रमियों का कब्जा है, वहीं राजस्थान में करीब सौ वर्ग किमी जंगल अवैध कब्जेधारी निगलकर बैठे हैं। असम, महाराष्ट्र, झारखण्ड, ओडिशा, गुजरात में भी हजारों वर्ग किलोमीटर इलाका सरकार के हाथ से निकल चुका है। देश में कुल वनक्षेत्र 7.08 लाख वर्ग किमी है। यह देश के कुल क्षेत्रफल का 21.54 फीसदी है।
– होटलें, घर, खेती और अवैध गतिविधियां
जंगलों में बड़े पैमाने पर अवैध कब्जे कर अतिक्रमियों ने कहीं होटलें बना डाली, तो कहीं रहने के लिए आलीशान घर बने हुए हैं। किसी ने बड़े पैमाने पर वनस्पतियों की चोरी के लिए कब्जे कर लिए हैं, तो कहीं पहाडिय़ां काटकर कॉलोनियां बसा दी हैं।
– वन्यजीव आ रहे आबादी में
जंगलों में बड़े पैमाने पर अवैध कब्जे कर अतिक्रमियों ने कहीं होटलें बना डाली, तो कहीं रहने के लिए आलीशान घर बने हुए हैं। किसी ने बड़े पैमाने पर वनस्पतियों की चोरी के लिए कब्जे कर लिए हैं, तो कहीं पहाडिय़ां काटकर कॉलोनियां बसा दी हैं।
– वन्यजीव आ रहे आबादी में
जंगलों पर कब्जे होने से वन्यजीवों का रिहायशी इलाका बेहद प्रभावित हो रहा है। जंगल में दखल बढऩे से वन्य जीव लगातार आबादी इलाके में आ रहे हैं। आए दिन कई तरह की घटनाएं सामने आ रही हैं। वन विशेषज्ञों का मानना है कि कब्जा किए वन क्षेत्र का अधिकांश हिस्सा खुद-बुर्द होने से आने वाले वक्त में पर्यावरण को बड़ा नुकसान हो सकता है।