वीकेण्ड्स बनता है यादगार फार्म हाउस पर लोग अक्सर वीकेण्ड्स पर जाते हैं। वहां जाकर काम के तनाव से मुक्ति मिलती है और पूरी तरह से रिफ्रेश हो जाते हैं। वहां बिताया वीकेण्ड यादगार बन जाता है। बिजनेसमैन विमल कोठारी कहते हैं कि फार्म हाउस का ट्रेंड भले ही पुराना हो, पर उनमें जिस तरह की फैसिलिटीज होने लगी हैं वह नए जमाने की हैं। अब व्यक्ति रिलैक्स होने के लिए वहां जाना पसंद करता है। अक्सर फैमिली पार्टी ऑर्गेनाइज करते रहते हैं। जहां सब लोग मिल कर अच्छा समय बिताते हैं और बच्चों का भी एंजॉयमेंट हो जाता है।
मन हो जाता है तरोताजा
इसी तरह आंत्रप्रेन्योर फ्रेंड्स रोहित और रौनक जैन बताते हैं किआज कल लाइफ इतनी व्यस्त हो चुकी है कि मन हमेशा शांति व सुकून की तलाश में भटकता रहता है। कई बार घर पर भी ऐसा सुकून नहीं मिलता। शहर से कहीं दूर एकांत में जाने का मन करता है और ऐसा सुकून फार्म हाउस पर मिलता है। डबोक रोड पर हमारा फार्म हाउस बना हुआ है। जहां हरियाली और सुकून है। वहां जाकर मन तरोताजा हो जाता है। उस जगह में ही कुछ खासियत है कि वहां जाने के बाद कहीं और जाने का मन नहीं करता है।
शहर से दूर मिलेगा देसी अंदाज लोगों को गांव की आबो-हवा व रहन-सहन बहुत अट्रेक्ट करता है, इसलिए फार्म हाउसेस अब एक विकल्प बन गए हैं। कुछ लोग वहां वीकेंड्स बिताने जाते हैं तो कुछ लोग वहां देसी लाइफ का मजा लेने के लिए। कुछ फार्म हाउसेस पर मिट्टी का आंगन और देसी चूल्हा मिलेगा तो वहीं मचान भी होगी जो पूरा गांव सा अहसास कराती है। इसके अलावा वहां तरह-तरह के पेड़ और फूलों के पौधों से लोगों का मन खुश हो जाता है। जब ठेठ राजस्थानी अंदाज का खाना यहां बनाया जाता है तो मजा दुगुना हो जाता है। अक्सर लोग कोई स्पेशल ऑकेजन हो या पार्टी करने का मन हो तो फार्म हाउस पर पहुंचते हैं। यह खुद को रिएनर्जाइज करने का तरीका है।
फार्म हाउस में सुविधाएं- स्विमिंग पूल, मेडिटेशन के लिए रूम, योग साधना रूम, आलीशान गार्डन, जू, पार्क, गेस्ट रूम, प्ले एरिया आदि। कहां-कहां हैं फार्म हाउसेज बड़ी रोड़
मदार रोड़ डबोक रोड़
सज्जनगढ़ रोड़
लोयरा रोड़