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उदयपुर में यहां हुआ प्रदेश का पहला सफल मिर्गी का ऑपरेशन,  12 वर्षीय इस किशोरी को मिली नई जिन्दगी

locationउदयपुरPublished: Dec 30, 2017 01:32:46 pm

Submitted by:

Sushil Kumar Singh

उदयपुर. उसकी आंखों में जिंदगी में कुछ कर गुजरने के जज्बे की चमक है।

epileptic patient successful treatment in udaipur
उदयपुर . उसकी आंखों में जिंदगी में कुछ कर गुजरने के जज्बे की चमक है। वह आम लड़कियों की तरह घर भी बसाना चाहती है तो पढ़ लिखकर परिवार का नाम रोशन करने को भी तत्पर है। करीब एक साल से मिर्गी (एपीलेप्सी) रोग से जूझ रही 12 वर्षीय किशोरी के इन सपनों को गीतांजली मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल की विशेषज्ञ टीम ने नई रोशनी दी। चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि अब उसे कभी मिर्गी से नहीं जूझना पड़ेगा। विशेषज्ञों का दावा है कि संभवत: प्रदेश में इस तरह का यह पहला सफल ऑपरेशन है।
गीतांजली मेडिकल कॉलेज में दो दिवसीय एपिलेप्सी सर्जरी कार्यशाला के दौरान न्यूरोलॉजिस्ट (एपिलेप्टोलॉजिस्ट) डॉ. अनीस जुक्करवाला एवं चीफ न्यूरो सर्जर डॉ. उदय भौमिक ने लाइव सर्जरी का डेमोनस्ट्रेशन देकर चिकित्सालय में एक मात्र मिर्गी सर्जरी केंद्र के तौर पर स्थापना की।
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मीसियल टेम्पोरल स्केलॉरोसिस
डॉ. जुक्करवाला ने बताया कि गीतांजली हॉस्पिटल में परामर्श के बाद बीमारी के स्थायी समाधन को लेकर विशेष तरह की एमआरआई और वीडियो ईईजी जांच के माध्यम से किशोरी में मीसियल टेम्पोरल स्केलॉरोसिस नाम की बीमारी सामने आई। इसमें मस्तिष्क के भीतर सूखी हुई नस में बार-बार करंट बनने की शिकायत थी। डॉ. जुक्करवाला के निर्देशन में डॉ. भौमिक, डॉ. आदित्य गुप्ता एवं न्यूरो एनेस्थटिस्ट डॉ. निलेश भटनागर ने सफल एपिलेप्सी सर्जरी की।

देश में पांच केंद्र
डॉ. जुक्करवाला ने बताया कि देश में पांच ही केंद्रों पर मिर्गी सर्जरी का उपचार संभव है। मिर्गी की दवा से ठीक नहीं होने वाले रोगियों के लिए सर्जरी ही उपचार है। मस्तिष्क में नसों के सूख जाने, संक्रमण, सिर में गहरी चोट, घाव और आनुवांशिक कारणों से होने वाली मिर्गी की बीमारी व्यक्ति के जीवन में घर कर जाती है। कुल आबादी का एक फीसदी वर्ग इस बीमारी से पीडि़त है। 35 फीसदी लोगों को ऑपरेशन की जरूरत होती है।
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