रावतपुरा का राजकीय प्राथमिक विद्यालय वर्ष 2002 में खुला था। तब से अभी तक मकानों में ही संचालित हो रहा है। वर्तमान में स्कूल धर्मराज मीणा के मकान के एक बरामदे में चल रहा है। पास ही मकान मालिक के मवेशी भी बांधे जाते हैं। यहां दो अध्यापिकाएं हैं और 24 बच्चे नामांकित है, जिन्हें मवेशियों के पास ही बैठना पड़ता है।
READ MORE : उदयपुर के फलासिया में निकला आरएसएस का पथ संचलन, ग्रामीणों ने पुष्पवर्षा कर किया स्वागत कई बार तो बच्चों का पोषाहार बकरियां खा जाती है। संस्था प्रधान रीटाकुमारी ने बताया कि रिकार्ड भी बरामदे में व पड़ौस के घरों में रखना पड़ता है। बीते दिनों रिकॉर्ड में दीमक लग गई तो बमुश्किल सहेजा गया।
जनप्रतिनिधि और अधिकारी उदासीन ग्रामीणों ने बताया कि क्षेत्र की राजनीति भी उदासीन हैC सरपंच से लेकर अन्य जनप्रतिनिधियों तक किसी ने भी विद्यालय भवन के प्रयास नहीं किए। विद्यालय रावतपुरा में संचालित होता है, लेकिन सरकारी रिकार्ड में मेघवाल बस्ती के नाम से दर्ज है। ग्रामीण जमीन देने को तैयार है, लेकिन उनकी मांग है कि विद्यालय सरकारी रिकार्ड में भी रावतपुरा के नाम से हो।