– यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज की दिशा में नेशनल हेल्थ स्टैक तथा नेशनल डिजिटल हेल्थ ब्लूप्रिंट: हाल ही में आयुष्मान भारत योजना के सफ ल क्रियान्वयन में तकनीक के प्रयोग के लिए
आईटी तथा संचार सचिव जे सत्यनारायण की अध्यक्षता में गठित समिति ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय को रिपोर्ट सौंपी। इसमें नेशनल हेल्थ स्टैक तथा नेशनल डिजिटल हेल्थ ब्लूप्रिंट के प्रयोग का प्रस्ताव रखा गया था।
आईटी तथा संचार सचिव जे सत्यनारायण की अध्यक्षता में गठित समिति ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय को रिपोर्ट सौंपी। इसमें नेशनल हेल्थ स्टैक तथा नेशनल डिजिटल हेल्थ ब्लूप्रिंट के प्रयोग का प्रस्ताव रखा गया था।
नेशनल हेल्थ स्टैक: वर्ष 2018 में नीति आयोग की ओर से प्रारंभ किया गया एक डिजिटल संरचना है, जिसका निर्माण देश की स्वास्थ्य बीमा प्रणाली को अधिक पारदर्शी तथा मजबूत बनाना है। इसके पांच मुख्य घटक हैं।
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– यह नया सिस्टम राज्यों को आयुष्मान भारत जैसी योजनाओं के विस्तार की अनुमति देगा तथा इसके क्रियान्वयन में धोखाधड़ी का पता लगाने में एक मजबूत भूमिका निभाएगा। मानव स्वास्थ्य की समझ को और अधिक विकसित करने के लिए एक एकीकृत व्यक्तिगत स्वास्थ्य रिकॉर्ड बनाया जाएगा। इसका प्रयोग मरीज द्वारा उसके स्वयं के स्वास्थ्य आंकड़ों को देखने तथा चिकित्सा क्षेत्र में शोध के लिए किया जा सकता है। इसके तहत एक राष्ट्रीय स्वास्थ्य विश्लेषण प्लेटफ ॉर्म (कवरेज एण्ड क्लेम इन्फोर्मेशन) का निर्माण किया जाएगा, जो कि विभिन्न स्वास्थ्य नवाचारों पर आधारित सूचनाओं को एकत्रित करेगा। इसके द्वारा भविष्य में स्वास्थ्य संबंधी योजनाओं के नीति निर्माण में मदद मिलेगी। इसके अलावा कई अन्य घटक इसमें शामिल हैं। जैसे कि यूनिक हेल्थ आईडी, हेल्थ डेटा डिक्शनरी तथा दवाओं की आपूर्ति शृंखला व प्रबंधन और उससे संबंधित भुगतान प्रणाली का निर्माण को जोड़ा गया है।
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डिजिटल हैल्थ इकोसिस्टम: नेशनल हेल्थ सिस्टम के क्रियान्वयन के लिए एक ऐसे राष्ट्रीय डिजिटल हैल्थ इकोसिस्टम का निर्माण किया जाएगा जिसके माध्यम से देश में दक्ष, सुलभ, समावेशी, सस्ता, समयोचित तथा सुरक्षित यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज को लागू किया जा सके। एकीकृत संरचना, संरचना से संबंधित सिद्धांत, पांच स्तरीय संरचनात्मक इकाई, यूनिक हेल्थ आईडी, निजता तथा सहमति प्रबंधन, स्वास्थ्य विश्लेषण आदि शामिल किया हैं।
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डिजिटल हेल्थ इकोसिस्टम काफी महत्वपूर्ण है। इसलिए कि इसमें प्रत्येक मरीज का रिकॉर्ड आसानी से उपलब्ध हो जाएगा, देश या देश के बाहर उसे काफी फायदा होगा। इतना ही नहीं मेडिकल स्टडी में भी या रिसर्च के लिए भी इसका उपयोग किया जा सकेगा।
डॉ. लाखन पोसवाल, प्राचार्य, आरएनटी मेडिकल कॉलेज
डॉ. लाखन पोसवाल, प्राचार्य, आरएनटी मेडिकल कॉलेज