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हमारी आबकारी नीति पड़ोसी राज्यों ने की लागू, तस्करों में मची खलबली, राज्य की मदिरा बिक्री बढ़ी

locationउदयपुरPublished: Jan 25, 2018 01:37:46 am

Submitted by:

Mohammed illiyas

-राजस्व छलकाने वाली राजस्थान की आबकारी नीति पड़ोसी राज्यों चंडीगढ़ व पंजाब में सिर चढक़र बोल रही है।

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उदयपुर . राजस्व छलकाने वाली राजस्थान की आबकारी नीति पड़ोसी राज्यों चंडीगढ़ व पंजाब में सिर चढक़र बोल रही है। पंजाब में उसे कैबिनेट ने मंजूरी दे दी जबकि हरियाणा में यह प्रक्रिया अंतिम चरण में होने से वहां तस्करों में भारी खलबली है।
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नीतिगत बदलाव से अभी से डिस्टलरियों को बड़ी कंपनियों ने माल देना बंद कर दिया। इसका असर यह पड़ा कि एकाएक राज्य निर्मित अंगे्रजी मदिरा व बीयर की बिक्री बढ़ गई। पड़ोसी राज्यों ने इस नीति को अपना लिया तो हरियाणा-पंजाब से राजस्थान के रास्ते गुजरात को होने वाली तस्करी काफी हद तक रुक जाएगी, वहीं अवैध शराब की बिक्री थमने से राजस्थान को 400 करोड़ रुपए का विशुद्ध लाभ होगा।
साथ ही हरियाणा-पंजाब का राजस्व भी छलकेगा। राज्य सरकार ने चुनाव को देखते हुए गत वर्ष से ही आबकारी नीति को दो साल के लिए लागू की थी। इसके अनुरूप नए वित्तीय वर्ष के लिए ठेकेदारों ने बढ़ी हुई लाइसेंस फीस ऑनलाइन जमा करवानी शुरू कर दी। अब तक विभाग ने ५६०० करोड़ रुपए का राजस्व जुटा लिया है। ७६०० करोड़ के लक्ष्य को हासिल करने के लिए शराब व आवेदनों की बिक्री पर जोर दिया जा रहा है। फिलहाल हरियाणा इस नीति व इसकी गणित को समझने में लगा है।
चोरी-छिपे निर्मित शराब की हो रही तस्करी
हरियाणा व पंजाब में शराब निर्माता फैक्ट्रियों पर किसी तरह की लगाम नहीं होने से वहां शराब काफी सस्ती है। डिस्टलरियों में चोरी-छिपे अतिरिक्त शराब बनाई जाती है, जो बिना वैट व टैक्स के सीधे तस्करी कर दी जाती है। गुजरात में तस्करी के दौरान इसमें से कुछ शराब राजस्थान में भी सस्ते दाम पर बिकती है जिससे हरियाणा-पंजाब के साथ ही राजस्थान को राजस्व का भारी नुकसान हो रहा है।
यह है लेखा जोखा
7600 करोड़ राज्य में वर्ष 2017-18 का लक्ष्य
5600 करोड़ अब तक मिला राजस्व
400 करोड़ रुपए का फायदा तस्करी रुकी तो
30 प्रतिशत अंग्रेजी मदिरा की बिक्री बढ़ी राज्य में
17 प्रतिशत बीयर की बिक्री बढ़ी
तस्करी रुकेगी
पंजाब व हरियाणा हमारे राज्य की पॉलिसी वहां लागू करने जा रही है। पंजाब कैबिनेट में मंजूरी मिल गई तथा हरियाणा में अभी चल रहा है। वहां लागू होते ही निश्चित रूप से तस्करी रुकेगी व राज्य को भी फायदा होगा।
-ओ.पी.यादव, आबकारी आयुक्त राजस्थान

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