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सरकार नहीं चेतती तो हो जाता लाखों गरीबों को नुकसान, खाली हो जाती जेब

locationउदयपुरPublished: Sep 16, 2019 12:44:59 pm

Submitted by:

Bhuvnesh

– 12 सितम्बर को बीमा कंपनी ने भेजा था मेल कि अब नहीं करें नि:शुल्क उपचार का पंजीयन
– सरकार हाथों-हाथ हरकत में आई और तत्काल लिया निर्णय

सरकार नहीं चेतती तो हो जाता लाखों गरीबों को नुकसान, खाली हो जाती जेब

सरकार नहीं चेतती तो हो जाता लाखों गरीबों को नुकसान, खाली हो जाती जेब

भुवनेश पण्ड्या

उदयपुर. यदि सरकार सही समय पर नहीं चेती होती तो उदयपुर जिले के लाखों मरीजों को उनकी बीमारी बड़ा झटका दे जाती, जिले में भामाशाह स्वास्थ्य बीमा के कांधे पर सामान्य से कम आय वर्ग के करीब साढ़े चार लाख पैकेज बुक करवा रखे हैं, तो दूसरी ओर अब तक इस बीमे की बदौलत कई बीमार बगैर खर्च के ठीक हुए हैं। सरकार ने केवल उदयपुर जिले के तय चिकित्सालयों को बीमारों के उपचार की एवज में 185.81 करोड़ रुपए का भुगतान किया है। हुआ यूं कि न्यू इंडिया एंश्योरेंस कंपनी की ओर से 12 सितम्बर को प्रदेश के सभी हॉस्पिटलों में मेल भेजकर यह संदेश दिया गया कि अब आगे से किसी भी मरीज का बीमा क्लेम को लेकर पंजीकरण नहीं करें, कंपनी ने 13 सितम्बर की मध्यरात्रि से काम करने के लिए मना कर दिया था। वर्तमान में उदयपुर जिले में 32 सरकारी और 28 निजी चिकित्सालय पंजीकृत हैं, जहां गरीब लोग इस कार्ड के माध्यम से खाली जेब जाकर भी तीन लाख रुपए तक का उपचार करवा सकते हैं।
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तो तत्काल सरकार चेती जैसे ही ये मेल हॉस्पिटलों ने खोला तो पंजीकृत चिकित्सालयों से लेकर सभी जिलों के चिकित्सा विभाग और सरकार के उच्चाधिकारी भी हिल गए। उदयपुर में भी कई निजी चिकित्सालयों ने स्थानीय विभाग से इसे लेकर तत्काल सम्पर्क किया। जैसे ही जानकारी सरकार तक पहुंची तो सरकार चेती और तत्काल बीमा कंपनी को फिर से मरीजों के भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना के लिए राजी कर लिया।
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क्या होता है स्वास्थ्य बीमा: भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना ऐसे गरीब परिवारों के लिए है, जो परिवार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम व राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के अन्तर्गत आते हैं। उनके प्रत्येक परिवार को 30 हजार से लेकर तीन लाख तक केशलेस बीमा सरकार उपलब्ध करवाती है। मेडिकल कॉलेज से लेकर पंजीकृत प्राइवेट चिकित्सालयों में ये सुविधा मिलती है। भर्ती होने पर इस बीमे का लाभ मिलता है, आउटडोर में नहीं दिया जाता है।
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1400 पैकेज वर्तमान में मरीजों के लिए विभिन्न बीमारियों में जैसे स्कीन, गायनिक, शिशु, ऑर्थो, सर्जरी, जनरल मेडिसिन, इएनटी, आई, ऐसे करीब 1400 पैकेज इस बीमे में दिए गए हैं, इन पैकेज के माध्यम से ये राशि जारी होती है। सरकार न्यू इंडिया एंश्योरेंस को पैसा देती है, हॉस्पिटल के द्वारा क्लेम किया जाता है, यदि वो मरीज वहां भर्ती हो तो ये ये राशि जारी होती है, जब भर्ती मरीज के आने के बाद हॉस्पिटल 24 घंटे में इसकी जानकारी बीमा कंपनी को दे दे तो ही इसका भुगतान होता है। इसके लिए मरीज को भामाशाह कार्ड लेकर हॉस्पिटल पहुंचना होता है।
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सरकार ने जारी किए फिर इ-मेल जैसे ही सरकार ने इस मामले में बीमा कंपनी को काम के लिए राजी कर लिया तो बीमा कंपनी द्वारा स्वास्थ्य बीमा योजना की सेवाएं निरंतर जारी रखने पर सहमत होने का मेल सभी चिकित्सालयों को भेजा गया। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव रोहित कुमार सिंह ने शनिवार को बीमा कंपनी के प्रतिनिधियों से वार्ता की और उसके बाद यह निर्णय लिया गया। बीमा कंपनी में राज सरकार के बीच बकाया दावे एवं भुगतान के संबंधित मुद्दों का हल निकालने के लिए सहमति होने के बाद बीमा कंपनी ने माह सितंबर तक के बकाया दावों के शीघ्र निस्तारण किए जाने के लिए आश्वस्त किया। इसे लेकर अतिरिक्त मुख्य सचिव ने सभी अधिकारियों को निर्देश भी दिए। मामले में चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने भी हस्तक्षेप किया था।
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हां मेल आने पर सूचना मिली थी, लेकिन सही समय पर ही बीमा कंपनी व सरकार के बीच सहमती हो गई तो किसी को नुकसान नहीं हुआ, सभी को मेल के जरिए स्वास्थ्य बीमा जारी रखने के आदेश दिए गए हैं।
डॉ दिनेश खराड़ी, सीएमएचओ उदयपुर

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