सरकार को चकमा दे रहे गांवों के ‘डिजिटल मास्टर’
उदयपुरPublished: Sep 05, 2019 12:47:15 am
गांवों के लिए बनी सुविधाएं मुख्यालय पर सिमटी, कोटड़ा पंचायत समिति चौराहे पर ही 10 से ज्यादा केंद्र
सरकार को चकमा दे रहे गांवों के ‘डिजिटल मास्टर’
उदयपुर . गांवों में ऑनलाइन सुविधाएं देने के नाम पर खुल रही ‘दुकानेंÓ सरकारी नियमों को ठेंगा दिखा रही है। सरकार के निर्देशानुसार गांव-गांव इ-मित्र केंद्र और बैंक बीसी की सुविधा के लिए लाइसेंस दिए जा रहे हैं, लेकिन खुद की सुविधा और अधिक कमारे के चक्कर में लाइसेंस होल्डर गांवों को छोड़कर पंचायत समिति मुख्यालय पर ही बैठे हैं। और तो और अकेले कोटड़ा के पंचायती समिति चौराहे पर 10 से ज्यादा कियोस्क संचालित हो रहे हैं, जो किसी न किसी ग्राम पंचायत के लिए आवंटित हुए थे।
कोटड़ा उपखण्ड मुख्यालय का पंचायत समिति चौराहा हो, तहसील भवन या फिर कोई और क्षेत्र, बीते महीनों से मुख्यालय पर इ-मित्र केंद्र व बैंक बीसी कार्यालयों की भीड़ जमा हो गई है। लिहाजा गांवों में सुविधा से वंचित लोग मुख्यालय पर आकर अपने काम करवा रहे हैं। ऐस में चौराहों पर सुबह से शाम तक भीड़ लगी रहती है।
कोटड़ा के पंचायत समिति चौराहे पर ही 10 से अधिक बैंक बीसी, इ-मित्र केंद्र हैं। इन बैंक बीसी को मिला लाइसेंस किसी न किसी ग्राम पंचायत मुख्यालय के नाम से दिया गया है। जिसका संचालन ग्राम पंचायत मुख्यालय के बजाय नियम विरुद्ध पंचायत समिति मुख्यालय पर हो रहा है। केंद्र संचालकों की आईडी और दुकान के बाहर लगे बोर्ड पर स्पष्ट रूप से संबंधित ग्राम पंचायत का नाम भी लिखा है। जहां केंद्र के माध्यम से गांव में सुविधा पहुंचनी चाहिए, वहां ग्रामीणों को पंचायत समिति मुख्यालय पर आना पड़ रहा है। हर छोटे-बड़े काम के लिए मुख्यालय पर आना मजबूरी हो गई है। बैंक प्रबंधन की ओर से किए गए निरीक्षण के दौरान कई बार ये सच सामने आया, लेकिन हर बार मिलीभगत हावी हो जाती है। लिहाजा केंद्रों का संचालन नियम विरुद्ध ही चलता रहता है।
वसूली भी अधिक
बीसी केंद्रों पर आने वाले उपभोक्ताओं को मिल रही सेवाओं के नाम पर राशि की वसूली भी अधिक की जाती है। सरकार की ओर से निर्धारित फीस से दुगुनी-तीन गुनी राशि वसूली जाती है। हर नकद निकासी पर प्रति हजार 20-30 रुपए तक वसूली होती है। पहले से ही गांव से किराया देकर मुख्यालय पहुंचे उपभोक्ता अपने आप को ठगा महसूस करते हैं।
इनका कहना
हम कार्रवाई कर रहे हैं। सभी आईडी धारकों की जियो टैगिंग की जा रही है। अब तक कुछ लोगों पर जुर्माना भी लगाया गया है। आगे भी कार्रवाई की जाएगी।
प्रकाश माली, प्रोग्रामर, आईटी विभाग कोटड़ा
कई बार कार्रवाई हुई है। हर बार केंद्र संचालक कुछ दिनों के लिए संबंधित ग्राम पंचायतों में जाकर सरपंचों से वेरीफाई करवाते हैं और फिर पुन: मुख्यालय आकर बैठ जाते हैं।
केके व्यास, शाखा प्रबंधक, पीएनबी कोटड़ा