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मेवाड़ में नकली घी परोस रहे हैं मौत के सौदागर

locationउदयपुरPublished: Apr 20, 2019 02:27:20 am

Submitted by:

Manish Kumar Joshi

कई बार पकड़ी नकली घी की फैक्ट्रियां, नहीं थम रहा स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ का गोरखधंधा, कम कीमत का लालच देकर पकड़ा देते हैं नकली घी

Fake Ghee is serving death in Mewar

मेवाड़ में नकली घी परोस रहे हैं मौत के सौदागर

उदयपुर। मेवाड़ में मौत के सौदागर नकली घी परोस रहे हैं। राजसमंद के भावा गांव में शुक्रवार को नकली घी की फैक्ट्री पकड़े जाने का मामला नया नहीं है, इससे पहले उदयपुर में भी कई बार नकली घी के मौत के सौदागरों पर कार्रवाई हुई, जिसके तार भी राजसमंद से जुड़े थे, लेकिन चिंता का विषय है कि स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ का यह काला खेल थम नहीं रहा। सूचना पर पुलिस ने समय-समय पर कार्रवाई का डंडा चलाया लेकिन जिम्मेदार विभाग को परवाह भी नहीं है। विडम्बना देखिए कि अधिकतर मामलों में नकली घी बेचने वाले अपने रिश्तेदारों व परिचितों को ही शिकार के तौर पर ढूंढते हैं। शादी,प्रसादी या अन्य आयोजनों में सस्ता घी लाने का लोभ देकर उन्हें मौत का सामान देकर चले जाते हैं। कम दाम पर नकली घी को असली ब्रांड का बताकर बेचते हैं। कुछ जगह मंदिर या धार्मिक स्थल पर चढ़ावे का घी बताकर कम कीमत पर बेचा जाता है। कइयों ने तो हलवाई तक से कमीशन बांध रखा है जो आयोजक यह कहते हुए फंसाते हैं कि यह घी बहुत अच्छा है।नकली और असली घी का फर्क इसलिए पता नहीं चल पता कि उसकी रैपिंग ओर पैकिंग एक जैसी कर दी जाती है। उल्लेखनीय है कि राजसमंद जिले के कांकरोली थाना क्षेत्र के भावा गांव से पुलिस ने शुक्रवार को नकली घी बनाने की फैक्ट्री से दस लाख रुपए से ज्यादा का माल बरामद कर दो युवकों को गिरफ्तार किया। ये पिछले छह माह से नकली घी बना रहे थे। सरस के साथ आधा दर्जन से ज्यादा अन्य ब्रांड का नकली घी बेचा जा रहा था।
सबसे ज्यादा ग्रामीण क्षेत्र में खपत
नकली घी बेचने वाले ग्रामीण क्षेत्र में सर्वाधिक सक्रिय हैं। कुछ लोग सादी पॉलिथीन थैली में गाय का घी बताकर बेच रहे हैं। दूध-घी का उत्पादन कम हो रहा है फिर भी बाजार में घी की कमी नहीं है।
कमाई के फेर में भारी खिलवाड़
मिलावटी घी के एक टिन की लागत 1200 से 1400 रुपए आती है। इसे पाम ऑयल, सोयाबीन तेल, एसेंस मिलाकर तैयार किया जाता है। ब्रांडेड घी जैसी पैकिंग कर इसे दलालों को 1800 से 2200 रुपए में बेचा जाता है जो उसे 3 से 4 हजार रुपए तक में बेच देते हैं, जबकि टिन की रेट 5 से 6हजार तक लिखी होती है।
सरस उप प्रबंधक ने दी रिपोर्ट
दुग्ध सहकारी समिति उदयपुर (सरस) के उप प्रबंधक मय दल के भावा पहुंचे, जहां घी के डिब्बे देखे। उप प्रबंधक ने धोखाधड़ी करने की कांकरोली थाने में रिपोर्ट दी। पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू कर दी। सरस डेयरी में उत्पादन, मार्क, पैकिंग नम्बर में गड़बड़ स्पष्ट सामने आ गई।
इनका कहना है
नकली घी की शिकायत मिलने पर समय-समय पर कार्रवाई की जाती है। आमजन संदिग्ध घी की जांच एमबी अस्पताल परिसर में स्थित प्रयोगशाला में सैम्पल देकर करवा सकता है।

अनिल भारद्वाज, फूड इंस्पेक्टर
नकली घी के लिए कुख्यात हो रहा राजसमंद

राजसमंद. शहर-देहात में नकली घी बनाकर मेवाड़ में आपूर्ति के लिए राजसमंद दिनोंदिन कुख्यात होता जा रहा है। पिछले चार साल में आधादर्जन से ज्यादा नकली घी बनाने के कारखाने पकड़े गए, फिर भी नित नए नकली घी बनाने की फैक्ट्रियां सामने आ रही है। खुलेआम नकली घी बनाकर ब्रांडेंड के नाम पर बेचकर लोगों की सेहत से खिलवाड़ किया जा रहा है। राजसमंद शहर, बडारड़ा, साकरोदा, कुरज, नीमझर के साथ नाथद्वारा शहर में खुलेआम नकली बनाकर आपूर्ति करते हुए पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार किया।एक जगह बंद हुई, तो दूसरी तरह नकली घी बनाने का कारोबार शुरू कर दिया। अब तक जितने भी नकली घी के मामले पकड़े गए, उनके द्वारा राजसमंद के साथ भीलवाड़ा, चित्तौडग़ढ़, उदयपुर तक आपूर्ति करना सामने आया। इस तरह समूचे मेवाड़ में नकली घी के लिए राजसमंद कुख्यात हो रहा है।
नकली घी पहचान के कुछ नुस्खे
– घी हाथ पर रगडऩे पर दाने आ जाए, तो समझे नकली और घी शरीर में समाहित हो जा तो शुद्ध घी है।

– घी में चार पांच बूंद आयोडीन डालने के बाद अगर नीला रंग हो जाता है, तो उबले आलू की मिलावट है।
– एक चम्मच घी में हाइड्रोक्लोरिक एसिड व एक चुटकी चीनी मिलाने पर घी का रंग लाल होने पर वनस्पति घी की मिलावट का पता चल सकता है।
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