सबसे ज्यादा ग्रामीण क्षेत्र में खपत
नकली घी बेचने वाले ग्रामीण क्षेत्र में सर्वाधिक सक्रिय हैं। कुछ लोग सादी पॉलिथीन थैली में गाय का घी बताकर बेच रहे हैं। दूध-घी का उत्पादन कम हो रहा है फिर भी बाजार में घी की कमी नहीं है।
नकली घी बेचने वाले ग्रामीण क्षेत्र में सर्वाधिक सक्रिय हैं। कुछ लोग सादी पॉलिथीन थैली में गाय का घी बताकर बेच रहे हैं। दूध-घी का उत्पादन कम हो रहा है फिर भी बाजार में घी की कमी नहीं है।
कमाई के फेर में भारी खिलवाड़
मिलावटी घी के एक टिन की लागत 1200 से 1400 रुपए आती है। इसे पाम ऑयल, सोयाबीन तेल, एसेंस मिलाकर तैयार किया जाता है। ब्रांडेड घी जैसी पैकिंग कर इसे दलालों को 1800 से 2200 रुपए में बेचा जाता है जो उसे 3 से 4 हजार रुपए तक में बेच देते हैं, जबकि टिन की रेट 5 से 6हजार तक लिखी होती है।
मिलावटी घी के एक टिन की लागत 1200 से 1400 रुपए आती है। इसे पाम ऑयल, सोयाबीन तेल, एसेंस मिलाकर तैयार किया जाता है। ब्रांडेड घी जैसी पैकिंग कर इसे दलालों को 1800 से 2200 रुपए में बेचा जाता है जो उसे 3 से 4 हजार रुपए तक में बेच देते हैं, जबकि टिन की रेट 5 से 6हजार तक लिखी होती है।
सरस उप प्रबंधक ने दी रिपोर्ट
दुग्ध सहकारी समिति उदयपुर (सरस) के उप प्रबंधक मय दल के भावा पहुंचे, जहां घी के डिब्बे देखे। उप प्रबंधक ने धोखाधड़ी करने की कांकरोली थाने में रिपोर्ट दी। पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू कर दी। सरस डेयरी में उत्पादन, मार्क, पैकिंग नम्बर में गड़बड़ स्पष्ट सामने आ गई।
दुग्ध सहकारी समिति उदयपुर (सरस) के उप प्रबंधक मय दल के भावा पहुंचे, जहां घी के डिब्बे देखे। उप प्रबंधक ने धोखाधड़ी करने की कांकरोली थाने में रिपोर्ट दी। पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू कर दी। सरस डेयरी में उत्पादन, मार्क, पैकिंग नम्बर में गड़बड़ स्पष्ट सामने आ गई।
इनका कहना है
नकली घी की शिकायत मिलने पर समय-समय पर कार्रवाई की जाती है। आमजन संदिग्ध घी की जांच एमबी अस्पताल परिसर में स्थित प्रयोगशाला में सैम्पल देकर करवा सकता है। अनिल भारद्वाज, फूड इंस्पेक्टर
नकली घी की शिकायत मिलने पर समय-समय पर कार्रवाई की जाती है। आमजन संदिग्ध घी की जांच एमबी अस्पताल परिसर में स्थित प्रयोगशाला में सैम्पल देकर करवा सकता है। अनिल भारद्वाज, फूड इंस्पेक्टर
नकली घी के लिए कुख्यात हो रहा राजसमंद राजसमंद. शहर-देहात में नकली घी बनाकर मेवाड़ में आपूर्ति के लिए राजसमंद दिनोंदिन कुख्यात होता जा रहा है। पिछले चार साल में आधादर्जन से ज्यादा नकली घी बनाने के कारखाने पकड़े गए, फिर भी नित नए नकली घी बनाने की फैक्ट्रियां सामने आ रही है। खुलेआम नकली घी बनाकर ब्रांडेंड के नाम पर बेचकर लोगों की सेहत से खिलवाड़ किया जा रहा है। राजसमंद शहर, बडारड़ा, साकरोदा, कुरज, नीमझर के साथ नाथद्वारा शहर में खुलेआम नकली बनाकर आपूर्ति करते हुए पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार किया।एक जगह बंद हुई, तो दूसरी तरह नकली घी बनाने का कारोबार शुरू कर दिया। अब तक जितने भी नकली घी के मामले पकड़े गए, उनके द्वारा राजसमंद के साथ भीलवाड़ा, चित्तौडग़ढ़, उदयपुर तक आपूर्ति करना सामने आया। इस तरह समूचे मेवाड़ में नकली घी के लिए राजसमंद कुख्यात हो रहा है।
नकली घी पहचान के कुछ नुस्खे
– घी हाथ पर रगडऩे पर दाने आ जाए, तो समझे नकली और घी शरीर में समाहित हो जा तो शुद्ध घी है। – घी में चार पांच बूंद आयोडीन डालने के बाद अगर नीला रंग हो जाता है, तो उबले आलू की मिलावट है।
– एक चम्मच घी में हाइड्रोक्लोरिक एसिड व एक चुटकी चीनी मिलाने पर घी का रंग लाल होने पर वनस्पति घी की मिलावट का पता चल सकता है।
– घी हाथ पर रगडऩे पर दाने आ जाए, तो समझे नकली और घी शरीर में समाहित हो जा तो शुद्ध घी है। – घी में चार पांच बूंद आयोडीन डालने के बाद अगर नीला रंग हो जाता है, तो उबले आलू की मिलावट है।
– एक चम्मच घी में हाइड्रोक्लोरिक एसिड व एक चुटकी चीनी मिलाने पर घी का रंग लाल होने पर वनस्पति घी की मिलावट का पता चल सकता है।