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फलासिया में बीईओ कार्यालय स्थापित नहीं होने से शिक्षकों व अधिकारियों को हर रोज परेशानियों का सामना करना पड रहा था। नोडल अधिकारियों की बैठक सहित अन्य मीटिंग्स झाड़ोल में ही बुलाने से डैया, अंबासा, गरणवास सहित फलासिया क्षेत्र के शिक्षकों को 60 से 180 किलोमीटर तक का फेरा लगाना पड़ता था। इसके अलावा फलासिया ब्लॉक के 200 से ज्यादा स्कूलों के समय-समय पर भौतिक अवलोकन सहित अन्य कामों में भी परेशानियां आती रही थीं। दो साल पहले पत्रिका ने नवसृजित कार्यालय एवं पद के बदतर हालात की ओर ध्यानाकर्षण किया था। तब फलासिया पंचायत समिति की साधारण सभा में जनप्रतिनिधियों ने हंगामा करते हुए फलासिया सहित झाड़ोल बीईओ को फलासिया में ही कार्यालय संचालन के निर्देश देते हुए चाबी सौपकर प्रस्ताव पारित किया था। बीईओ ने दीपावली बाद कार्यालय शुरू करने का आश्वासन भी दिया, किंतु मामला फिर ठंडे बस्ते में चला गया था।
फलासिया में बीईओ कार्यालय स्थापित नहीं होने से शिक्षकों व अधिकारियों को हर रोज परेशानियों का सामना करना पड रहा था। नोडल अधिकारियों की बैठक सहित अन्य मीटिंग्स झाड़ोल में ही बुलाने से डैया, अंबासा, गरणवास सहित फलासिया क्षेत्र के शिक्षकों को 60 से 180 किलोमीटर तक का फेरा लगाना पड़ता था। इसके अलावा फलासिया ब्लॉक के 200 से ज्यादा स्कूलों के समय-समय पर भौतिक अवलोकन सहित अन्य कामों में भी परेशानियां आती रही थीं। दो साल पहले पत्रिका ने नवसृजित कार्यालय एवं पद के बदतर हालात की ओर ध्यानाकर्षण किया था। तब फलासिया पंचायत समिति की साधारण सभा में जनप्रतिनिधियों ने हंगामा करते हुए फलासिया सहित झाड़ोल बीईओ को फलासिया में ही कार्यालय संचालन के निर्देश देते हुए चाबी सौपकर प्रस्ताव पारित किया था। बीईओ ने दीपावली बाद कार्यालय शुरू करने का आश्वासन भी दिया, किंतु मामला फिर ठंडे बस्ते में चला गया था।