scriptसंवेदनहीनता: साधारण मौत के 21 घंटे बाद तक शव लेने के लिए तरसता रहा परिवार, किसी ने नहीं समझा दर्द | Family waiting for Deadbody after death of 21 hours at mb hospital | Patrika News

संवेदनहीनता: साधारण मौत के 21 घंटे बाद तक शव लेने के लिए तरसता रहा परिवार, किसी ने नहीं समझा दर्द

locationउदयपुरPublished: Feb 02, 2018 02:25:23 pm

Submitted by:

madhulika singh

रोते-बिलखते परिजनों की किसी ने नहीं सुनी…कानूनी दांवपेंच में उलझा शव

mb hospital
डॉ सुशील सिंह चौहान/उदयपुर . महाराणा भूपाल राजकीय चिकित्सालय में डॉक्टर (रेजिडेंट) की संवेदनहीनता का एक और मामला गुरुवार को सामने आया। उसकी कोताही के कारण पीडि़त परिवार को साधारण मौत के बावजूद मृतका का शव को लेने के लिए मुर्दाघर के बाहर करीब 21 घंटे तक इंतजार करना पड़ा। कानूनी दांवपेंच में उलझा शव राजसमंद के रेलमगरा थाना पुलिस के हॉस्पिटल पहुंचने के बाद ही दिया जा सका। ऐसा नहीं कि डॉक्टर को यह गलती करने के लिए रोका नहीं गया मगर उसने हठधर्मिता दिखाते हुए किसी की नहीं सुनी।
चिकित्सालय की चौकी पुलिस ने साधारण मौत के मामले में मेडिसिन आईसीयू वार्ड में नियुक्त चिकित्सक एवं स्टाफ को बुधवार रात 8 बजे सामान्य मामले में शव को मुर्दाघर नहीं भिजवाने की सलाह दी थी, लेकिन उन्होंने चतुर्थ श्रेणी कार्मिकों से शव को मुर्दाघर में शिफ्ट करवा दिया।
हुआ यूं कि दरीबा बायपास, रेलमगरा (राजसमंद) निवासी रूपा पत्नी रमेश चांवरिया लंबे समय से क्षय रोग से पीडि़त थी। तबीयत खराब होने पर उसे करीब 15 दिन पहले यहां चिकित्सालय के मेडिसिन वार्ड के आईसीयू में भर्ती करवाया गया था। उसकी मृत्यु के बाद पैर में चोट से घायल उसका पति चिकित्सालय के एक कोने पर बैठा रहा, जबकि नाबालिग दो पुत्र शव के पास थे। बताया गया कि चिकित्सालय में सेवारत उनकी रिश्तेदार सफाईकर्मी इंदिराबाई बच्चों के लिए भोजन की व्यवस्था करने गई थी। पीछे से शाम करीब 7 बजे हुई मौत के बाद आईसीयू वार्ड में नियुक्त रेजिडेंट ने शव के साथ नाबालिग बच्चे बताते हुए चौकी पुलिस को फोन किया।
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पुलिस ने शव सौंपने के लिए परिजनों के आगमन का इंतजार करने को कहा, लेकिन रेजिडेंट ने शव मुर्दाघर में भिजवा दिया। सुबह परिजनों ने बहिरंग विभाग में मेडिकल ज्यूरिस्ट एवं चौकी पुलिस के चक्कर काटे, लेकिन उन्हें निराशा ही मिली। बाद में रेलमगरा थाना पुलिस आने के बाद करीब 3.40 बजे परिजनों को शव सुपुर्द किया गया। उल्लेखनीय है कि साधारण मौत के मामले में परिजनों को सीधे शव सौंपने की व्यवस्था है।
मना किया था हमने
साधारण मौत की सूचना पर हमने एमआईसीयू वार्ड के चिकित्सक को परिजनों के आने का इंतजार करने को कहा था, लेकिन उन्होंने मनमानी करते हुए शव को मुर्दाघर में शिफ्ट करवा दिया।
डालचंद मेघवाल, एएसआई, एमबी हॉस्पिटल चौकी
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