रोजड़ों ने उड़ाई किसानों की नींद
सर्द रात खेतों की पाली पर गुजारते हंै किसान
फ सलों की रखवाली के लिए किसान कर रहे जतन

गींगला. (उदयपुर). जिले के मेवल- मेवाड़ क्षेत्र के गींगला व कुराबड़ उप तहसील सहित अन्य क्षेत्र के किसानों के लिए रात की नींद रोजड़ों ने छीन ली है। सर्दी के दिनों में खेतों की पाली पर ओड़ी लगाकर पूरी रात जागकर फ सल की रखवाली करने को मजबूर है। इन रोजड़ों के झुण्ड क्षणभर में खेत में रबी की फ सल को चट कर जाते हैं। कई बार तो खेत ही पूरा उजाड़ कर देते हैं। इनसे बचाव के लिए किसानों को खेतों में कई तरह के जतन करने पड़ रहे हैं।
कोई पीपा तो कोई ढोल बजाकर रोजडों को भगाता है तो कोई खाली बोतले और कैसेट के रिल लगाकर हवा की टकराहट से आवाज से भगाने की कोशिश कर रहे हैं तो खेतों में मनुष्यों के मुखौटे लगे पुतले, बिजुका आदि जतन इन दिनों किसान कर रहे हैं।
करीब १५ सालों से इन रोजडों की समस्या दिनों दिन बढ़ रही है लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं निकला है। पहले तो खेत में फ सल बोने के बाद किसान दूसरे दिन ही जाता लेकिन अब तो रात दिन रखवाली करनी पड़ रही है। इस संबंध में पूर्व व वर्तमान मुख्यमंत्री, अधिकारियों तक क्षेत्र के किसानों ने मांग उठाई लेकिन आज तक कोई राहत नहीं मिली।
किसानों ने बदली जिंस
रोजड़ों की समस्या से परेशान किसान अब खेतों में उगने वाली फ सलों की जिन्स भी बदलने लगे हैं। आज से करीब १५ साल पहले सभी गांवों में प्रत्येक किसान पशुपालक परिवार के एक खेत में रिजका जरूर होता था, जो पशु के लिए पौष्टिक आहार का काम करता और दुग्ध उत्पादन भी बढ़ता था लेकिन अब रोजड़ों की परेशानी से रिजका उगाना किसान भूल चुके हंै।अब गांवों में कहीं इक्का दुक्के खेत में देखने को मिलता है उसकी भी कड़ी सुरक्षा। इधर, पर्याप्त पानी के बावजूद किसानों ने घर से दूर एवं एकांत वाले खतों में फ सल बोना भी छोड़ दिया है क्योंकि वहां रोजड़ों की रखवाली करना भारी पड़ता है, जिससे अब रकबा भी गिरने लगा है।
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