किसान अपनी फसल सरकारी खरीद केन्द्रों के बजाय बाजार में बेचना अधिक मुफीद समझ रहे हैं। इसमें कीमत भी अधिक मिल रही है। साथ ही किसानों को खरीद केन्द्रों पर कई प्रकार की पेंचिदगियों से भी दो-चार नहीं होना पड़ रहा है। राजफेड ने संभाग में अब तक गेंहू की 6540.50 क्विंटल, सरसों की 16,625.50 क्वि. और चने की 7365 क्विंटल की खरीद की है। राजफेड के सहायक प्रबंधक विष्णुनारायण सिंह राठौड़ ने बताया कि गेंहू खरीद के लिए बांसवाड़ा में अब तक 86 किसानों ने रजिस्ट्रेशन करवाया है। इसके अलावा उदयपुर में 29, चित्तौडगढ़़ में 96, डूंगरपुर में 42 एवं प्रतापगढ़ में 36 किसानों ने रजिस्ट्रेशन करवाया है।
उदयपुर में चने के लिए 242 व सरसों के लिए 202, चित्तौडगढ़़ में चने के लिए 5,248 एवं सरसों के लिए 4 हजार, प्रतापगढ़ में चने के लिए 1436 व सरसों के लिए 1220 एवं राजसमंद में चने के लिए 90 व सरसों के लिए 12 किसानों ने पंजीयन करवाया है। राठौड़ ने बताया कि किसानों को चने की खरीद का 4 करोड़ 42 लाख एवं सरसों का 7 करोड़ 75 लाख का भुगतान कर दिया गया है। एफसीआई ने की राजफेड से अधिक खरीदएफसीआई के प्रबंधक सम्पतलाल जाट ने बताया कि संभाग में कुल 29 केन्द्रों पर गेहूं की खरीद की गई है।
राजफेड ने संभाग में गेहूं के 16 केन्द्र, सरसों व चने के 12-12 खरीद केन्द्र स्थापित कर रखे हैं जबकि एफसीआई ने 29 केन्द्र खोल रखे हैं। इनमें चित्तौडगढ़़ में 17, बांसवाड़ा में 6, राजसमंद में 3 एवं डंूगरपुर, प्रतापगढ़ और उदयपुर में 1-1 केन्द्र खोले गए हैं। गेंहू का समर्थन मूल्य 1840 रुपए तय कर रखा है जबकि चने का 4620 और सरसों का 4220 रुपए है।