अधिसूचना 9 नवम्बर से लागू भी कर दी गई है जिसकी प्रति नगर निगम व यूआईटी को मिल चुकी है। स्वायत्त शासन विभाग ने अधिसूचना जारी करते हुए लोगों से 9 जनवरी 2017 तक सुझाव व आपत्तियां मांगी है। प्रमुख शासन सचिव डॉ. मंजीत सिंह के अनुसार अधिसूचना को लागू करने के साथ ही फतहसागर के भौगोलिक क्षेत्र में कई कार्यों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है, वहीं कई गतिविधियों के लिए स्वीकृतियां लेना अनिवार्य कर दिया है। सरकार ने अब लोगों से 60 दिन में आपत्ति या सुझाव मांगे है जिनके अनुरूप संशोधन नहीं होने या राज्य सरकार द्वारा अधिसूचना वापस नहीं ले लेने तक अधिसूचना यथावत रहेगी।
READ MORE: पानी की कमी नहीं फिर भी यहां आधा दर्जन पंचायतों के खेत सूखे, आखिर क्या है ये माजरा ? इसके अलावा जो भी स्वीकृतियां प्राधिकरण से दी जाएगी व नगर निगम के नियंत्रित निर्माण क्षेत्र बिल्डिंग बॉयलॉज -2013 व अन्य लागू कानून के तहत होंगी।
ऐसे शामिल किया क्षेत्र को
-बडग़ांव तहसील के देवाली गांव में 52 खसरा में 273.045 हैक्टयर भूमि संरक्षित क्षेत्र में शामिल झील के अंदर है
-गिर्वा तहसील के सीसारमा गांव में 108 खसरा के 12.9450 हैक्टयर भूमि को संरक्षित घोषित किया गया। 10.2700 हैक्टयर झील क्षेत्र में तथा 2.6750 बाहरी क्षेत्र में संरक्षित घोषित की।
-उदयपुर शहर के दो खसरे में 9.02 हैक्टयर को झील में क्षेत्र में शामिल किया गया जिसमें से 3.3900 हैक्टयर झील क्षेत्र में तथा 5.6300 हैक्टयर बाहरी संरक्षित क्षेत्र में आता है।
-हवाला खुर्द के 14 खसरा की 1.8650 हैक्टयर झील में शामिल है तथा यह सम्पूर्ण क्षेत्र संरक्षित है।
-फतहसागर के किनारे 176 खसरा की 296.8750 हैक्टयर जमीन को संरक्षित घोषित किया गया है। इसमें से 288.5700 हैक्टयर झील तथा 8.3050 हैक्टयर बाहरी क्षेत्र में संरक्षित घोषित की गई है।
-बडग़ांव तहसील के देवाली गांव में 52 खसरा में 273.045 हैक्टयर भूमि संरक्षित क्षेत्र में शामिल झील के अंदर है
-गिर्वा तहसील के सीसारमा गांव में 108 खसरा के 12.9450 हैक्टयर भूमि को संरक्षित घोषित किया गया। 10.2700 हैक्टयर झील क्षेत्र में तथा 2.6750 बाहरी क्षेत्र में संरक्षित घोषित की।
-उदयपुर शहर के दो खसरे में 9.02 हैक्टयर को झील में क्षेत्र में शामिल किया गया जिसमें से 3.3900 हैक्टयर झील क्षेत्र में तथा 5.6300 हैक्टयर बाहरी संरक्षित क्षेत्र में आता है।
-हवाला खुर्द के 14 खसरा की 1.8650 हैक्टयर झील में शामिल है तथा यह सम्पूर्ण क्षेत्र संरक्षित है।
-फतहसागर के किनारे 176 खसरा की 296.8750 हैक्टयर जमीन को संरक्षित घोषित किया गया है। इसमें से 288.5700 हैक्टयर झील तथा 8.3050 हैक्टयर बाहरी क्षेत्र में संरक्षित घोषित की गई है।
झील के भौगोलिक क्षेत्र में इन पर रोक -खुदाई करना, भराव डालने पर
-बहकर आने-जाने वाले पानी के मार्ग में अवरोधक खड़ा करने पर
-वनस्पति के साफ करने, जलाने व उगाने
-पानी के तापमान, भौतिक, रासायनिक व जैविक विशेषताओं पर परिवर्तन लाने वाली गतिविधियां
-सीवरेज को झील में डालने
-बहकर आने-जाने वाले पानी के मार्ग में अवरोधक खड़ा करने पर
-वनस्पति के साफ करने, जलाने व उगाने
-पानी के तापमान, भौतिक, रासायनिक व जैविक विशेषताओं पर परिवर्तन लाने वाली गतिविधियां
-सीवरेज को झील में डालने
– नौकायन
– जेटी का निर्माण
– तैरती हुए फव्वारे
– वाटर स्पोट्र्स
– मछली पकडऩा
– बर्ड वॉचिंग, पिकनिक,
– घुड़सवारी, तैराकी
– केनोईन व साइकिलिंग
– विवि व अन्य शोधार्थियों को झीलों के जल, जलीय जीवों, पौधों व प्रदूषण को लेकर अध्ययन, सर्वे, शोध व अनुसंधान
– जेटी का निर्माण
– तैरती हुए फव्वारे
– वाटर स्पोट्र्स
– मछली पकडऩा
– बर्ड वॉचिंग, पिकनिक,
– घुड़सवारी, तैराकी
– केनोईन व साइकिलिंग
– विवि व अन्य शोधार्थियों को झीलों के जल, जलीय जीवों, पौधों व प्रदूषण को लेकर अध्ययन, सर्वे, शोध व अनुसंधान
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– निर्माण, पुन: निर्माण, परिवर्तन या निर्माण को ध्वस्त करना
– पीने के पानी को झील से उठाने
– निर्माण, पुन: निर्माण, परिवर्तन या निर्माण को ध्वस्त करना
– पीने के पानी को झील से उठाने
बहाव क्षेत्र में भू उपयोग परिवर्तन नहीं
अधिसूचना में फतहसागर झील के डाउन स्ट्रीम यानी बहाव क्षेत्र में मास्टर प्लान में खुले क्षेत्र या पार्क के लिए ग्रीन क्षेत्र के रूप में जमीन आरक्षित दर्शाया गया,वहां भू उपयोग परिवर्तन और नियमन पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है।
अधिसूचना में फतहसागर झील के डाउन स्ट्रीम यानी बहाव क्षेत्र में मास्टर प्लान में खुले क्षेत्र या पार्क के लिए ग्रीन क्षेत्र के रूप में जमीन आरक्षित दर्शाया गया,वहां भू उपयोग परिवर्तन और नियमन पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है।
जुलाई में स्वीकार हुआ था प्रस्ताव
फतहसागर झील के संरक्षण का यूआईटी उदयपुर का प्रस्ताव जुलाई महीने में जयपुर में झील विकास प्राधिकरण ने स्वीकार कर लिया था। साथ ही पिछोला झील को भी संरक्षित घोषित किया जा रहा है।
फतहसागर झील के संरक्षण का यूआईटी उदयपुर का प्रस्ताव जुलाई महीने में जयपुर में झील विकास प्राधिकरण ने स्वीकार कर लिया था। साथ ही पिछोला झील को भी संरक्षित घोषित किया जा रहा है।
उत्तर क्षेत्र : झील क्षेत्र व संरक्षित क्षेत्र में देवाली तिराहे से झील दर्शन तक।
दक्षिण क्षेत्र : झील क्षेत्र व संरक्षित क्षेत्र मेेंं सिंघल हाउस से मस्तान बाबा कॉलोनी तक।
पूर्व क्षेत्र : झील क्षेत्र व संरक्षित क्षेत्र मेेंं देवाली तिराहा से सिंघल हाउस।
पश्चिम क्षेत्र : झील क्षेत्र व संरक्षित क्षेत्र मेेंं झील दर्शन खसरा नंबर 398 से देवाली गांव तक।